दिल्ली जल बोर्ड होगा हाई-टेक, हल होगा सीवेज संकट
नई दिल्ली, 30 मई (आईएएनएस)। दिल्ली जल बोर्ड सीवेज वेस्ट (कचरे) की समस्या को हल करने के लिए अपने को हाईटेक करने पर काम कर रहा है। सीवेज का कचरा राष्ट्रीय राजधानी में एक गंभीर समस्या बन गया है। यहां आबादी का एक बड़ा हिस्सा अनधिकृत कॉलोनियों में अधूरे या बिना सीवरेज व्यवस्था के रहता है।
सीवेज निपटान के लिए बड़ी संख्या में घर सेप्टिक टैंक पर निर्भर हैं, इसलिए दिल्ली जल बोर्ड कचरे के संग्रह और परिवहन के लिए अत्याधुनिक तकनीक लाने की योजना बना रहा है।
एक अधिकारी ने आईएएनएस से कहा, सेप्टिक टैंक से एकत्र किए जाने वाले सीवेज कचरे के संग्रह और परिवहन को लेकर बोर्ड दस वर्षों की अवधि के लिए 80 उन्नत मशीनों को काम पर रख रहा है।
मशीनों में जियो-टैगिंग के साथ जीपीएस होगा और यह सीवेज एकत्र करने के लिए एक दिन में 4 ट्रिप तक चल पाएंगी।
अधिकारी ने कहा, कोरोनावायरस महामारी ने बजट फंडिंग को प्रभावित किया है। हालांकि, हम उम्मीद कर रहे हैं कि हमें बजट की स्वीकृति मिल जाएगी।
नई मशीनों के आने से न केवल कचरे के निपटान में मदद होगी, बल्कि श्रमिकों के माध्यम से मैनुअली मैला ढोना भी बंद होगा। वर्तमान में अभी भी इन सेप्टिक टैंकों की सफाई के इस खतरनाक काम को करने के लिए श्रमिकों को किराए पर रखा जाता है।
यह महत्वपूर्ण भी है, क्योंकि बोर्ड के कई फ्रंटलाइन वर्कर्स काम के दौरान घातक कोरोनावायरस के संपर्क में आए हैं।
हाल ही में, दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राष्ट्रीय राजधानी में अनधिकृत कॉलोनियों से सेप्टिक टैंक कचरे के परिवहन और निपटान के लिए फैब्रिकेटेड मशीनों को प्रयोग में लाने के लिए टेंडर को अंतिम रूप देने का निर्देश दिल्ली जल बोर्ड को दिया था।
याचिका में आरोप लगाया कि सेप्टिक टैंकों से सरकारी एजेंसियों द्वारा एकत्र किए गए कचरे को ट्रीट ना करते हुए सीधे यमुना में छोड़ा जा रहा है।
Created On :   30 May 2020 7:30 PM IST