दिल्ली : पुलिस ने 5 मिनट पहले उठवाया चिता से शव, और पिता बन गया मुजरिम

Delhi: Police picked up the dead body of the pyre 5 minutes ago, and the father became a criminal
दिल्ली : पुलिस ने 5 मिनट पहले उठवाया चिता से शव, और पिता बन गया मुजरिम
दिल्ली : पुलिस ने 5 मिनट पहले उठवाया चिता से शव, और पिता बन गया मुजरिम

नई दिल्ली, 10 सितम्बर (आईएएनएस)। दिल्ली पुलिस की तत्परता ने एक पिता को बेटी का कातिल बनाने के रास्ते साफ कर दिया है। पुलिस को अगर पांच मिनट की देरी हुई होती तो उसे सिर्फ आग और राख ही मिलती।

पुलिस को मृतक शीतल के शव की सोमवार को मिली पोस्टमार्टम रपट से पता चला है कि उसकी मौत दम घुटने से हुई है।

दिल्ली के उत्तर-पश्चिम जिले के पुलिस उपायुक्त विजयंत आर्य ने मंगलवार को आईएएनएस को बताया, लखन का परिवार आजादपुर के लाल बाग इलाके के बी ब्लॉक में रहता है। लखन के परिवार में पत्नी, बेटा और दो पुत्रियां थीं। सबसे छोटी बेटी 19 साल की शीतल थी। शीतल ने नौवीं कक्षा के बाद पढ़ाई छोड़ दी।

डीसीपी आर्य के मुताबिक, 23 जुलाई की रात रहस्मय हालात में शीतल की मौत की खबर गली-मुहल्ले में फैल गई। बाहर वालों और रिश्तेदारों को बताया गया कि शीतल की मौत बीमारी से हुई है। हालांकि जिन लोगों ने शीतल को कुछ वक्त पहले ठीक-ठाक देखा था, उनके गले बीमारी से मौत वाला तर्क नहीं उतर रहा था।

इसी बीच, अगले दिन यानी 24 जुलाई को पिता लखन (50), दोस्त राजू (32) तथा कुछ अन्य लोगों के साथ शीतल के शव को अंतिम संस्कार के लिए केवल पार्क स्थित श्मशान घाट ले गए। चिता पर शव रखने के बाद अंतिम संस्कार के रीति-रिवाज जल्दी-जल्दी पूरे किए जा रहे थे। इसी दौरान श्मशान पहुंची दिल्ली के आदर्श नगर थाने की पुलिस को देखकर लोगों का संदेह, विश्वास में बदल गया।

पुलिस उपायुक्त विजयंत आर्य ने बताया, लड़की के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराया गया। सोमवार को आई पोस्टमार्टम रपट से पता चला कि शीतल की मौत दम घुटने से हुई है। जब शीतल के पिता लखन से कड़ाई से पूछताछ की गई तो वह टूट गया।

आर्य के मुताबिक, दरअसल शीतल, दूसरी जाति के लड़के से प्यार करती थी। उसी के साथ वह शादी करना चाहती थी। वह लड़का चालक की नौकरी करता था। लखन के परिवार की तुलना में लड़के और उसके परिवार की आर्थिक स्थिति भी अच्छी नहीं थी। इस सबके बाद भी बेटी शीतल उसी लड़के के साथ विवाह करने की जिद पर अड़ी थी। ऐसे में लखन ने समाज में खुद की इज्जत बचाने के लिए शीतल की हत्या करने (ऑनर-किलिंग) जैसा घातक कदम उठा डाला।

डीसीपी ने बताया, इस मामले में अगर पुलिस को श्मशान पहुंचने में पांच मिनट का विलंब हुआ होता, तो शीतल का शव आग के हवाले कर दिया गया होता। उस स्थिति में हमारे हाथ सिवाय राख के कुछ नहीं लगता। शीतल की हत्या में परिवार के और किस-किस सदस्य का हाथ रहा है, इसकी जांच जारी है।

उन्होंने आगे कहा, अब तक हुई जांच-पड़ताल में हालांकि परिवार के किसी अन्य सदस्य की संदिग्ध भूमिका सामने नहीं आई है। फिर भी ऐसे मामले में गंभीरता से तह तक पड़ताल करना पुलिस की जिम्मेदारी है।

Created On :   10 Sept 2019 7:00 PM IST

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