धनबाद: गोफ फटने से जहरीली गैस का रिसाव, खतरे में 5000 जिंदगियां
डिजिटल डेस्क, धनबाद। झारखंड के धनबाद जिले में एक गोफ फटने से 5000 लोगों की जान खतरे में आ गई है। घटना कतरास के गोबिंदपुर क्षेत्र के बिल्बेरा की है। जहां जमीन के अंदर से जहरीला धुंआ निकल रहा है। जिससे जमीन के ऊपर हजारों लोगों की सांसें अटकी हुई हैं। गोफ यानि जमीन के अंदर मौजूद कोयला जल रहा है और उसका धुआं बाहर निकल रहा है। कतरास इलाके में बिलबेरा के नजदीक शुक्रवार देर रात जमीन से काला धुआं निकलने लगा। घटना की सूचना मिलते ही धनबाद के एसडीएम, बाघमारा के बीडीओ, डीएसपी और बीसीसीएल के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंच गए।
गोफ से निकल रहा जहरीला धुंआ
जानकारी के अनुसार, शुक्रवार देर रात मस्जिद के पीछे मौजूद झाड़ियों के बीच से काला धुंआ निकलने लगा था। शनिवार सुबह लोग जब पास गए तो देखा कि जमीन में दरार पड़ चुकी है और तेजी से जहरीला धुंआ बाहर आ रहा है। जिसके बाद मौके पर बड़ी संख्या में लोग जुट गए। गोफ फूटने से आस-पास रहने वाले करीब पांच हजार लोगों को डर सताने लगा है कि अब वे कितने दिन और यहां रह पाएंगे। स्थानीय लोगों को गोफ के पास से दूर ले जाया जा रहा है। गोफ से निकल रहा जहरीला धुंआ वातावरण में फैलता जा रहा है। जानकारी के अनुासार, झारखंड के धनबाद जिले मे जहां गोफ फूटा है उस इलाके में भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (बीसीसीएल) कोयले का खनन करती है। जहरीले धुएं से डरे हुए लोगों में काफी नाराजगी है। घटना के बाद आस-पास के गांव के लोग जमा हो गए और बीसीसीएल के दफ्तर का घेराव किया।
गोफ की भराई की मांग पर अड़े ग्रामीण
गुस्साए लोगों का कहना था कि कंपनी ने खनन कार्य पूरा करने के बाद गड्ढे में बालू नहीं भरा, जिसकी वजह से ऐसा हुआ है। ग्रामीणों ने इसके विरोध में कतरास-महुदा रोड को भी जाम कर दिया। अधिकारी सड़क जाम कर रहे लोगों को समझाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन गांव के लोग गोफ की भराई की मांग पर अड़े हुए हैं। इस आग से कार्बन मोनोआक्साइड, मिथेन समेत भारी मात्रा में जहरीले गैस निकल रही हैं। इससे आस-पास के आधा दर्जन बस्ती के पांच हजार लोगों की सांसें अटकी हुई हैं।
बीसीसीएल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप
पीड़ित लोग भूमिगत आग पर काबू पाने और सुरक्षित पुनर्वास की मांग को लेकर बीसीसीएल एरिया तीन कार्यालय के मुख्य द्वार पर प्रदर्शन कर रहे हैं। बस्ती के लोग बीसीसीएल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं। लोगों का कहना है कि साल भर पहले ही यहां आग की आशंका को लेकर आवेदन दिया गया था मगर एहतियात के तौर पर कोई कदम नहीं उठाया गया। आग बुझाने का प्रयास शुरू कर दिया गया है। बता दें कि यह ब्रिटिश काल की बंद भूमिगत कोलियरी है।
Created On :   21 Jan 2018 8:46 AM IST