Coronavirus Oubreak: लॉकडाउन के बीच सबसे बड़ी चुनौती का सामना कर रहा डिजिटल इंडिया
- लॉकडाउन के बीच सबसे बड़ी चुनौती का सामना कर रहा डिजिटल इंडिया
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। डिजिटल इंडिया के जन्म के समय शायद ही किसी को अंदाजा रहा होगा कि जो एप्स और सर्विस हमारी मदद कर रहे हैं, ये कभी संपूर्ण लॉकडाउन के समय वे अचानक से लाखों लोगों को मझधार में लटका देंगे।
डिजिटल उद्योग को हो रहा काफी नुकसान
डिजिटल उद्योग की बात करें, तो उबर से लेकर ओला, स्विगी से लेकर जोमैटो और बिगबास्केट से लेकर ग्रॉफर्स तक और अन्य हजारों एप-आधारित सेवाओं में 21 दिनों के लंबे विराम के चलते कामगार की तनख्वाह में कटौती के साथ-साथ नौकरी में भी नुकासान की बात सामने आ सकती है। जोमैटो के सीईओ दीपिन्दर गोयल ने घोषणा कर कहा कि कोविड-19 के बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए किए गए 21 दिनों के लॉकडाउन के मद्देनजर व्यापार में असर पड़ रहा है और कई कर्मचारियों ने स्वैच्छिक वेतन कटौती की बात कही है।
घरों तक ही सीमित हुए ओला-उबर के ड्राइवर
वहीं उबर और ओला ड्राइवर्स अपने घरों तक सीमित हो गए हैं और खाने व ऑनलाइन ग्रॉसरी डिलीवरी प्लेटफॉर्म के डिलीवरी ब्वॉय भी पीटे जाने के डर के चलते सड़कों पर नहीं आ रहे हैं। उबर इंडिया ने कथित तौर पर अपने कर्मचारियों को बस घर पर योग करने के लिए कहा है और अपने चालक पाटनर्स को अभी तक कोई मदद नहीं दी है।
ओला कंपनी खुद अपने ड्राइवरों को बीमा चिकित्सा लाभ प्रदान कर रही
ओला ने कथित तौर पर अलग कदम उठाते हुए सरकार से अपने ड्राइवरों के ऋणों को माफ करने की मांग की और उनके कर भुगतान में देरी की छूट दी है, ताकि कोरोनावायरस के बढ़ते प्रकोप के चलते उन पर बोझ ना पड़े। हालांकि, कंपनी ने इन खबरों पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है। कंपनी के अनुसार, वह अपने ड्राइवरों को किराए के शुल्क के साथ-साथ कुछ बीमा व चिकित्सा लाभ प्रदान कर रही है।
ओला ने एक बयान में कहा, हम इस बात की पुष्टि कर सकते हैं कि ओला की सहायक कंपनी ओला फ्लीट टेक्नोलॉजीज के स्वामित्व वाले वाहनों का संचालन करने वाले ड्राइवर पार्टनर्स को ईएमआई के लिए हम लीज रेंटल में पूरी तरह से छूट दे रहे हैं।
स्विगी-जोमैटो की हालत खराब
स्मार्टफोन-आधारित प्रमुख खाद्य वितरण प्लेटफॉर्म स्विगी से लेकर जोमैटो की हालत पतली है। वहीं डिलीवरी ब्वॉय के बाहर नहीं आने के चलते बिगबास्केट और ग्रोफर्स कम डिलीवरी स्टाफ के कारण बड़ी आपूर्ति-मांग के आदेशों को पूरा करने में असमर्थ हैं। ऐसे में ऑनलाइन सेवा प्रदाताओं को बेलआउट देने को लेकर सभी की निगाहें अब सरकार पर टिकी हैं।
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Created On :   26 March 2020 10:30 PM IST