गैंगेस्टरों की सक्रियता नहीं रोक पा रहीं जेलें

Do not Stop Activating Gangsters Activists
गैंगेस्टरों की सक्रियता नहीं रोक पा रहीं जेलें
गैंगेस्टरों की सक्रियता नहीं रोक पा रहीं जेलें
हाईलाइट
  • जेल में गैंगस्टरों की गतिविधियों पर रोक नहीं लगा पा रही है पुलिस

डिजिटल डेस्क, दिल्ली जेलें अंडरवर्ल्ड डॉन व गैंगेस्टरों के नापाक गतिविधियों पर कोई रोक नहीं लगाती हैं। इन गतिविधियों में फिरौती भी शामिल है। हाल में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिनमें खुलासा हुआ है कि कैसे गिरोह के सरगनाओं ने अपनी गतिविधियों को वाईफाई या वीओआईपी (वॉयस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल) से व्हाट्सएप कॉल के जरिए अंजाम दिया है। गिरोह के सरगना तिहाड़ व राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) की कुछ अन्य जेलों में बंद हैं। व्हाट्सएप कॉल जैमरो को चकमा देने के लिए बने हैं।

वाईफाई के लिए जरूरी गजेट व मोबाइल फोन इस उद्देश्य के लिए चोरी से ले जाया जाता है। इसमें कुछ जेल के कर्मचारियों की मौन सहमति होती है और एजेंसियों के लिए इस तरह की कॉलों को इंटरसेप्ट करना काफी मुश्किल होता है। सूत्रों ने कहा कि इस तरह के एक मामले में फरवरी में गैंगेस्टर राहुल काला ने वीडियो कॉल के जरिए एक व्यापारी से 50 लाख रुपये धमकी देकर मांगे थे।स्पेशल स्टॉफ व सेंट्रल डिस्ट्रिक पुलिस की एक ज्वाइंट टीम ने 6 मार्च को गैंगेस्टर केशव कक्कड़ के चार साथियों को गिरफ्तार किया। यह गिरफ्तारी शहर के एक व्यापारी द्वारा जबरन वसूली की व्हाट्सएप कॉल आने की शिकायत के बाद की गई। कक्कड़ वर्तमान में रोहिणी जेल में बंद है। गैंगेस्टरों की कुछ पुलिसकर्मियों के साथ मिलीभगत की बात उजागर होने पर रोहिणी जेल के अंदर तैनात तमिलनाडु स्पेशल पुलिस के एक कांस्टेबल को गैंगेस्टरों को मोबाइल व इंटरनेट टेलीफोन गैजेट आपूर्ति करते हुए पकड़ा गया।

जेल की सुरक्षा के साथ गंभीर रूप से समझौता करने वाली इस घटना को आईजी-जेल के संज्ञान में लाया गया, जिन्होंने आरोपी कांस्टेबल को निलंबित कर दिया।तिहाड़ जेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम नहीं जाहिर करने की शर्त पर कहा, गैंगस्टर हाई-टेक हो गए हैं। वे व्हाट्सएप कॉल के लिए अंतर्राष्ट्रीय 4जी सिम कार्ड का उपयोग कर रहे हैं, जिससे हमारे लिए उनकी फोन की बातचीत को ट्रैक करना असंभव हो गया है। हाई स्पीड वाले इंटरनेट डोंगल की जेलों के अंदर चोरी-छिपे ले जाया जाता है और बाद में अन्य कैदियों द्वारा इसका इस्तेमाल किया जाता है। निचले पायदान के कर्मचारियों की मिलीभगत से इनकार नहीं किया जा सकता।सूत्रों ने कहा कि हाल में हुए विश्व कप क्रिकेट में शर्त लगाने के लिए गैंगेस्टरों ने इंटरनेट टेलीफोनी का इस्तेमाल किया था।

 

Created On :   30 July 2019 6:00 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story