Protest: किसानों ने फिर ठुकराया कानूनों में संशोधन का प्रस्ताव, वापस लेने पर अड़े, सरकार को दी चेतावनी- आग से न खेलें

Farmers Protest Live Updates 23 December
Protest: किसानों ने फिर ठुकराया कानूनों में संशोधन का प्रस्ताव, वापस लेने पर अड़े, सरकार को दी चेतावनी- आग से न खेलें
Protest: किसानों ने फिर ठुकराया कानूनों में संशोधन का प्रस्ताव, वापस लेने पर अड़े, सरकार को दी चेतावनी- आग से न खेलें
हाईलाइट
  • एमएसपी को लेकर केंद्र सरकार का प्रस्ताव स्पष्ट नहीं
  • किसान बोले- हम तैयार
  • लेकिन सरकार ठोस प्रस्ताव लिखित में भेजे
  • सरकार का प्रस्ताव खोखला-हास्यास्पदः किसान संगठन

​डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन आज बुधवार 28वें दिन भी जारी रहा। गतिरोध खत्म करने के लिए सरकार की ओर से एक बार फिर से बातचीत का प्रस्ताव भेजा गया, जिसे किसानों ने ठुकरा दिया। किसान संगठनों ने सरकार से कहा कि हम तीनों कानूनों में किसी भी प्रकार के बदलाव चाहते, बल्कि तीनों कानूनों को निरस्त करने की मांग करते हैं। किसानों ने इस बार चेतावनी देते हुए कहा है कि सरकार आग से न खेले वरना बड़ा नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि हमें सरकार की ओर से कोई ठोस प्रस्ताव मिलेगा तो उसपर विचार किया जा सकता है।

ठोस प्रस्ताव भेजे सरकार 
बता दें कि सरकार के प्रस्ताव पर चर्चा के लिए बुधवार को सिंघु बॉर्डर पर किसान संगठनों की बैठक बुलाई गई थी। इसके बाद किसान संगठनों ने कहा कि हम तीनों कानूनों में किसी भी प्रकार के बदलाव की बात नहीं कर रहे, बल्कि इन कानूनों को निरस्त करने की मांग करते हैं। उन्होंने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को लेकर जो प्रस्ताव सरकार से आया है उसमें कुछ भी साफ नहीं और स्पष्ट नहीं है। किसान संगठनों का कहना है कि सरकार की ओर से आया प्रस्ताव इतना खोखला और हास्यास्पद है कि उस पर उत्तर देना उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि हम तैयार हैं लेकिन सरकार ठोस प्रस्ताव लिखित में भेजे और खुले मन से बातचीत के लिए बुलाए। किसानों का कहना है कि सरकार निरर्थक प्रस्ताव को दोहराने के बजाए ठोस प्रस्ताव भेजे, ताकि उसको एजेंडा बनाकर हम बात कर सकें। 

किसान संघ को बदनाम करने का प्रयास कर रही सरकार
स्वराज इंडिया के योगेंद्र यादव ने कहा कि यूनाइटेड फार्मर्स फ्रंट ने बुधवार को सरकार को एक पत्र लिखा, जिसमें कहा गया है कि सरकार को यूनाइटेड फार्मर्स फ्रंट द्वारा पहले लिखे गए पत्र पर सवाल नहीं उठाना चाहिए, क्योंकि यह सर्वसम्मत से लिया गया फैसला था। सरकार का नई चिट्ठी किसान संगठनों को बदनाम करने की एक नई कोशिश है।

सरकार किसानों का मनोबल तोड़ना चाहती है: युद्धवीर सिंह
भारतीय किसान यूनियन के नेता युद्धवीर सिंह ने कहा कि जिस तरह से केंद्र सरकार बातचीत की इस प्रक्रिया को अंजाम दे रही है उससे यह स्पष्ट है कि सरकार इस मुद्दे में देरी कर के विरोध करने वाले किसानों का मनोबल तोड़ना चाहती है। सरकार हमारे मुद्दों को हल्के में ले रही है, मैं उन्हें इस मामले का संज्ञान लेने और जल्द ही समाधान निकालने की चेतावनी दे रहा हूं।

सार्थक संवाद के लिए माहौल बनाए सरकार: शिव कुमार
राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के नेता शिव कुमार काका ने कहा कि हम सरकार से आग्रह करते हैं कि एक ऐसा माहौल बनाया जाए जिसमें सार्थक संवाद हो सके। उच्चतम न्यायालय ने भी कृषि कानूनों के क्रियान्वयन को स्थगित करने को कहा है। ऐसे में बातचीत के लिए सही माहौल बन सकता है।

सरकार उनसे बातें कर रही है जो हमारे आंदोलन से जुड़े ही नहीं हैं
योगेंद्र यादव ने कहा कि सरकार लगातार तथाकथित किसान नेताओं और संगठनों के साथ बातचीत कर रही है, जो हमारे आंदोलन से बिल्कुल नहीं जुड़े हुए हैं। यह हमारे आंदोलन को तोड़ने का प्रयास है। सरकार जिस तरह अपने विपक्षी दलों से निपटती से उसी तरह किसानों का विरोध कर रही है।

किसानों की भूख हड़ताल जारी
दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश की सीमाओं पर जहां-जहां प्रदर्शन चल रहा है, वहां रोज 11 किसान 24 घंटे के उपवास पर बैठ रहे हैं। यह सिलसिला सोमवार से चल रहा है।

मोदी 25 दिसंबर को 6 राज्यों से किसानों से बात करेंगे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 दिसंबर को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 6 राज्यों के किसानों से बात करेंगे। ये चर्चा PM किसान सम्मान निधि की अगली किश्त जारी करने के इवेंट के दौरान होगी।

Created On :   23 Dec 2020 8:14 PM IST

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