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- Gandhi had auctioned a plate in Chhindwara to raise funds for the freedom movement
दैनिक भास्कर हिंदी: गांधी ने स्वतंत्रता आंदोलन के लिए धन जुटाने छिंदवाड़ा में नीलाम की थी प्लेट

हाईलाइट
- गांधी ने स्वतंत्रता आंदोलन के लिए धन जुटाने छिंदवाड़ा में नीलाम की थी प्लेट
छिंदवाड़ा, 6 जनवरी (आईएएनएस)। आजादी की लड़ाई के दौरान महात्मा गांधी दो बार मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में आए थे। उन्होंने यहां संघर्ष के लिए धनराशि जुटाने के क्रम में अपनी चांदी की प्लेट नीलामी की थी। नीलामी में इस प्लेट की कीमत 11 रुपये आंकी गई थी, लेकिन गोविंदराम त्रिवेदी ने इसे 501 रुपये में लिया था।
महात्मा गांधी दिसंबर 1920 में कांग्रेस के नागपुर अधिवेशन में हिस्सा लिया था। उसके बाद वह छह जनवरी, 1921 को अपराह्न् लगभग तीन बजे छिंदवाड़ा पहुंचे थे। उनके साथ क्रांतिकारी अली बंधु थे। शाम साढ़े सात बजे गांधी जी ने चिटनवीसगंज में विशाल जनसभा को संबोधित किया था। उपलब्ध दस्तावेज के अनुसार गांधी जी के पहली बार छिंदवाड़ा आगमन की आज सोमवार को 99वीं वर्षगांठ है।
महात्मा गांधी दूसरी बार वर्ष 1933 में छिंदवाड़ा आए थे।
गोविंदराम त्रिवेदी के पोते नितिन त्रिवेदी बताते हैं कि उन्होंने अपने पिता देवेंद्र गोविंदराम त्रिवेदी से सुना है कि उनके दादा गोविंदराम त्रिवेदी महात्मा गांधी के आह्वान पर कांग्रेस में शामिल हुए थे। गोविंदराम नामी वकील थे। नितिन ने अपने पिता से सुनी हुई उन बातों को साझा किया, जिनमें वह बताते थे कि किस तरह से गोविंदराम त्रिवेदी ने महात्मा गांधी से एक चांदी की प्लेट 501 रुपये में खरीदी थी।
गांधी जी 1933 में दूसरी बार छिंदवाड़ा आए थे। वह स्वतंत्रता आंदोलन के समर्थन में धन जुटा रहे थे। उन्होंने चांदी की प्लेट नीलाम कर दी। नीलामी की कीमत सबसे कम 11 रुपये आंकी गई थी, लेकिन गोविंदराम त्रिवेदी ने इस महान कार्य के लिए इस प्लेट को 501 रुपये में खरीदा था।
नितिन त्रिवेदी अपने पुराने घर में लकड़ी का झूला दिखाते हैं, जिस पर गांधी जी बैठे थे और उनके दादा से तत्कालीन मुद्दों पर चर्चा की थी। उपलब्ध जानकारी के आधार पर नितिन बताते हैं, महात्मा गांधी ने छोटे, लेकिन महत्वपूर्ण भाषण में तीन मुख्य बातें कही थी। जब राजभक्ति, देशभक्ति के आड़े आए, तो राजभक्ति को छोड़कर देशभक्ति को स्वीकार करना मनुष्य का धर्म हो जाता है। हिन्दुओं और मुसलमानों को मिलकर रहने की जरूरत है। हमें भाई-भाई बनकर रहना है। हमारी मुक्ति चरखे में है।
कई अर्थो में यह भाषण स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। असहयोग आंदोलन के विचार को गांधी जी ने जनता में पहली बार स्पष्ट शब्दों में समझाया था। आम नागरिकों का क्या कर्तव्य है? छात्रों, वकीलों, सरकारी नौकरों को क्या करना है और उनसे क्या अपेक्षाएं हैं, यह समझाया था।
गांधी ने छिंदवाड़ा में कहा था, पंजाब के अन्याय का निराकरण कराना चाहते हो तथा स्वराज की स्थापना करना चाहते हो तो हमारा कर्तव्य क्या है, यह बात हमें नागपुर अधिवेशन में बताई गई है। हम सरकारी उपाधियों से विभूषित लोगों से जो कुछ कहना चाहते थे, सो सब कह चुके हैं। उपाधियों को बरकरार रखने अथवा उनका त्याग करने की जिम्मेदारी कांग्रेस ने उन्हीं पर डाली है। इसी से इस बार के स्वीकृत प्रस्ताव में उनका उल्लेख तक नहीं किया गया है। अब देश का कोई बच्चा भी ऐसा न होगा, जिसे इन उपाधिधारी लोगों से किसी प्रकार का भय अथवा उनकी उपाधियों के प्रति मन में आदरभाव हो।
गांधी जी ने इसी भाषण में वकीलों से वकालत छोड़ने और देश सेवा में सारा समय देने को कहा था। गांधी जी के इस भाषण के बाद छिंदवाड़ा में कई वकीलों ने अपनी वकालत छोड़ दी और विद्यार्थियों ने स्कूल जाना बंद कर दिया। आज छिंदवाड़ा भाषण की 99वीं वर्षगांठ है। गांधी जी की छिंदवाड़ा यात्रा का स्मृति दिवस है।
स्कोप कैम्पस: खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 की मशाल रैली भीमबेटका, ओबेदुल्लागंज, मंडीदीप, भोजपुर होते हुए पहुंची रबीन्द्रनाथ नाथ टैगोर विश्वविद्यालय और स्कोप कैम्पस
डिजिटल डेस्क, भोपाल। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय और खेल एवं युवा कल्याण विभाग रायसेन के संयुक्त तत्वावधान में खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 की मशाल रैली आयोजित की गई। यह यात्रा होशंगाबाद से पर्वतारोही भगवान सिंह भीमबेटका लेकर पहुंचे। फिर भीमबेटका से रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय ने मशाल लेकर ओबेदुल्लागंज की ओर प्रस्थान किया। ओबेदुल्लागंज में रैली का स्वागत किया गया। साथ ही ओबेदुल्लागंज में मशाल यात्रा को विभिन्न स्थानों पर घुमाया गया। तत्पश्चात यात्रा ने मंडीदीप की ओर प्रस्थान किया। मंडीदीप में यात्रा का स्वागत माननीय श्री सुरेंद्र पटवा जी, भोजपुर विधायक ने किया। अपने वक्तव्य में उन्होंने खेलों को बढ़ावा देने के लिए मप्र सरकार द्वारा की जा रही पहलों की जानकारी दी और युवाओं को खेलों को जीवन में अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। इसके अलावा खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 में खिलाड़ियों को जीत के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने खेलों इंडिया यूथ गेम्स के आयोजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रयासों को रेखांकित किया।
साथ ही कार्यक्रम में रायसेन के डिस्ट्रिक्ट स्पोर्ट्स ऑफिसर श्री जलज चतुर्वेदी ने मंच से संबोधित करते हुए कहा कि खेलों को बढ़ावा देने के लिए सरकार की विभिन्न गतिविधियों पर प्रकाश डाला और खेलों इंडिया यूथ गेम्स के खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दीं। यहां से धावकों ने मशाल को संभाला और दौड़ते हुए भोजपुर मंदिर तक पहुंचे। मंदिर से फिर यात्रा रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय तक पहुंचती और यहां यात्रा का डीन एकेडमिक डॉ. संजीव गुप्ता द्वारा और उपकुलसचिव श्री समीर चौधरी, उपकुलसचिव अनिल तिवारी, उपकुलसचिव ऋत्विक चौबे और स्पोर्ट्स ऑफिसर सतीश अहिरवार द्वारा भव्य स्वागत किया जाता है। मशाल का विश्वविद्यालय में भी भ्रमण कराया गया। यहां से यात्रा स्कोप कैम्पस की ओर प्रस्थान करती है। स्कोप कैम्पस में स्कोप इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. डी.एस. राघव और सेक्ट कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. सत्येंद्र खरे ने स्वागत किया और संबोधित किया। यहां से मशाल को खेल एवं युवा कल्याण विभाग के उपसंचालक जोश चाको को सौंपा गया।
गणतंत्र दिवस : स्कोप ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन में मनाया गया गणतंत्र दिवस समारोह
डिजिटल डेस्क, भोपाल। स्कोप ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस में 74वां गणतंत्र दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. डी.एस. राघव निदेशक, स्कोप ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन उपस्थित थे। गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम में डॉ. सत्येंद्र खरे, सेक्ट कॉलेज ऑफ प्रोफेशनल एजुकेशन के प्रिंसिपल, डॉ. नीलम सिंह, सेक्ट कॉलेज ऑफ बीएड की प्रिंसिपल और डॉ. प्रकृति चतुर्वेदी, स्कोप पब्लिक हायर सेकेंडरी स्कूल की प्रिंसिपल विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुएl कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. डी.एस.राघव ने झन्डा फंहराया गया तथा विद्यालय के छात्र छात्राओं ने अनुशासन एवं कौशल का परिचय देते हुए आकर्षक परेड की प्रस्तुति दीl विद्यालय के बच्चों द्वारा शारीरिक व्यायाम के महत्व को प्रकट करते हुए मनमोहक पीटी प्रस्तुत की गई l
स्कोप इंजीनियरिंग कॉलेज, बी.एड कॉलेज, स्कोप प्रोफेशनल कॉलेज तथा स्कोप स्कूल के विद्यार्थियों ने राष्ट्रीय एकता अखंडता एवं देश प्रेम से ओतप्रोत प्रस्तुतियां दीl कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण उरी हमले पर आधारित नृत्य नाटिका तथा रानी लक्ष्मीबाई के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान को चित्रित करता हुआ नृत्य गीत था। मुख्य अतिथि डॉ डीएस राघव ने अपने संबोधन में कहा कि हम अपने कर्तव्यों का निर्वाहन ईमानदारी एवं पूर्ण निष्ठा के साथ करते हैं तो यही आज के समय में हमारी सच्ची देश सेवा है। कार्यक्रम के अंत में विद्यालय की प्राचार्या डॉ. प्रकृति चतुर्वेदी ने सभी को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कार्यक्रम की आयोजन समिति के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि हम अपने उद्देश्य के प्रति ईमानदार रहेंगे और उसके प्रति पूर्ण कर्तव्यनिष्ठा से कार्य करेंगेl
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