सरकार ने प्रेस क्लब के गुट का आवास आवंटन किया रद्द

Government canceled the residence allocation of the Press Club faction
सरकार ने प्रेस क्लब के गुट का आवास आवंटन किया रद्द
जम्मू-कश्मीर सरकार ने प्रेस क्लब के गुट का आवास आवंटन किया रद्द
हाईलाइट
  • पंजीकृत निकाय के रूप में केपीसी का अस्तित्व समाप्त

डिजिटल डेस्क, श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर सरकार ने सोमवार को कश्मीर प्रेस क्लब (केपीसी) को आवास का आवंटन रद्द कर दिया, क्योंकि संघर्षरत गुटों ने निकाय पर कब्जा करने का दावा किया। सोमवार को एक आधिकारिक बयान में कहा गया, सरकार उस आकस्मिक स्थिति से चिंतित है, जब कश्मीर प्रेस क्लब के बैनर का उपयोग करने वाले दो प्रतिद्वंद्वी गुटों ने घटनाओं को अप्रिय मोड़ दे दिया।

तथ्य के हिसाब से स्थिति यह है कि एक पंजीकृत निकाय के रूप में केपीसी का अस्तित्व समाप्त हो गया है और इसका प्रबंध निकाय भी 14 जुलाई 2021 को कानूनी रूप से बंद हो गया है। इसी तारीख को इसका कार्यकाल समाप्त हुआ था। क्लब केंद्रीय पंजीकरण सोसायटी अधिनियम के तहत खुद को पंजीकृत करने में विफल रहा है, एक नए प्रबंध निकाय का गठन करने के लिए चुनाव कराने में भी विफल रहा है। इतना ही नहीं, तत्कालीन क्लब के कुछ व्यक्ति कई मामलों में अवैध काम कर रहे हैं।

इस बीच कुछ अन्य सदस्यों ने अधिग्रहण का सुझाव देते हुए उसी बैनर का उपयोग करके एक अंतरिम निकाय बनाया है। हालांकि, मूल केपीसी स्वयं पंजीकृत निकाय के रूप में मौजूद नहीं है, इसलिए किसी भी अंतरिम निकाय का प्रश्न निर्थक है। इन परिस्थितियों में तत्कालीन कश्मीर प्रेस क्लब के रूब्रिक का उपयोग करने वाले किसी भी समूह द्वारा नोटिस और संचार जारी करना अवैध है।

इस बीच, प्रतिद्वंद्वी समूह एक-दूसरे के खिलाफ संपत्ति विभाग से संबंधित परिसर के उपयोग के संबंध में भी कई आरोप लगा रहे हैं, जिसका उपयोग पत्रकार बिरादरी के सदस्यों के वैध उपयोग के लिए किया जा रहा था। इस पहलू को देखते हुए सोशल मीडिया और अन्य स्रोतों से आई रिपोर्ट के मद्देनजर संभावित कानून और व्यवस्था की स्थिति का संकेत मिलता है, जिसमें शांति भंग के खतरे और वास्तविक पत्रकारों की सुरक्षा शामिल है, इसलिए हस्तक्षेप आवश्यक हो गया है।

बयान में कहा गया है, पत्रकारों के विभिन्न समूहों के बीच अप्रिय घटनाओं और मतभेदों को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है कि अब अपंजीकृत कश्मीर प्रेस क्लब के मद्देनजर पोलो व्यू में परिसर का आवंटन रद्द कर दिया जाए और पोलो व्यू श्रीनगर में स्थित भूमि और भवनों का नियंत्रण किया जाए। जो संपदा विभाग से संबंधित है, उसे विभाग को वापस किया जाए।

सरकार एक स्वतंत्र और निष्पक्ष प्रेस के लिए प्रतिबद्ध है और मानती है कि पत्रकार पेशेवर, शैक्षिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, मनोरंजक और कल्याणकारी गतिविधियों के लिए एक जगह सहित सभी सुविधाओं के हकदार हैं। यह भी आशा की जाती है कि सभी पत्रकारों की एक विधिवत पंजीकृत प्रामाणिक सोसायटी जल्द से जल्द गठित की जाएगी और वही परिसर के पुन: आवंटन के लिए सरकार से संपर्क करने में सक्षम होगी। इससे पहले, दिन में कश्मीर प्रेस क्लब के नियंत्रण को लेकर स्थानीय पत्रकारों के बीच संघर्ष छिड़ गया, जब इसका प्रबंधन वरिष्ठ पत्रकार सलीम पंडित ने अपने हाथ में ले लिया। कई पत्रकारों ने मांग की कि क्लब का नियंत्रण विधिवत निर्वाचित प्रबंधन की एक टीम को दिया जाए।

 

(आईएएनएस)

Created On :   17 Jan 2022 6:30 PM IST

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