Hathras Gangrape: सीएम योगी ने पीड़िता के परिजनों को वीडियो कॉलिंग कर सख्त कार्रवाई का भरोसा दिया, परिवार के सदस्य को मिलेगी नौकरी और घर
- सीएम ने प्रशासन को हर संभव मदद के निर्देश दिए
- सीएम ने सख्त कार्रवाई का भरोसा दिया
- सीएम योगी ने पीड़िता के परिजनों से की बात
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। हाथरस गैंगरेप मामले में मंगलवार की रात पुलिस द्वारा जबरन अंतिम संस्कार किए जाने के बाद से उत्तरप्रदेश सरकार और पुलिस का देशभर में विरोध हो रहा है। इसी बीच उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पीड़िता के परिजनों से वीडियो कॉलिंग के जरिए बात की। इस दौरान उन्होंने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया। साथ ही सरकार की ओर से पीड़िता के परिवार को 25 लाख रुपए के मुआवजे का ऐलान किया।
वहीं, हाथरस केस में जांच के लिए एसआईटी का गठन हो गया है। सीएम आदित्यनाथ के आदेश के बाद गृह सचिव भगवान स्वरूप की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय SIT टीम मामले की जांच करेगी। एसआईटी में दलित और महिला अधिकारी भी शामिल हैं। गृह सचिव भगवान स्वरूप, डीआईजी चंद्र प्रकाश और सेनानायक पीएसी आगरा पूनम SIT के सदस्य होंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूरे मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में लाने के निर्देश भी दिए हैं।
फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलेगा मुकदमा
पीड़िता के परिवार को 25 लाख रुपये मुआवजे का ऐलान किया गया है। इसी के साथ कनिष्ठ सहायक पद पर परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाएगी। सूडा योजना के अंतर्गत हाथरस शहर में एक घर के आवंटन की घोषणा की गई। मामले की फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई की अनुमति दी गई है। एसआईटी के 3 सदस्यीय कमिटी सभी बिंदुओं पर जांच करेगी।
देर रात कराया पीड़िता का जबरन अंतिम संस्कार
बता दें कि 15 दिन तक जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ती गैंगरेप पीड़िता ने मंगलवार दम तोड़ दिया था। उसे एक दिन पहले ही दिल्ली सफदरजंग अस्पताल में रिफर किया गया था। देर रात पीड़िता का शव हाथरस में उसके गांव पहुंचा तो पुलिस ने परिवार को शव सौेंपने के बजाय रात ढाई बजे के करीब उसका जबरन अंतिम संस्कार करा दिया।
परिवार का आरोप- चेहरा तक देखने नहीं दिया गया
पीड़िता के बेबस परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने जबरदस्ती अंतिम संस्कार किया और उन्हें आखिरी बार चेहरा तक नहीं देखने दिया गया। अंतिम संस्कार के वक्त पत्रकारों और परिजन को भी मानव श्रृंखला बनाकर दूर रखा गया था। किसी को भी अंतिम संस्कार वाली जगह के पास नहीं जाने दिया था। गांव वालों का कहना है कि पुलिस ने हिंदू रीति-रिवाजों का उल्लंघन किया है।
ये हैं गुनहगार
- ठाकुर संदीप सिंह (22 वर्ष) - वह 12वीं पास है और गांव में रहकर ही खेती का काम करता है।
- लवकुश सिंह (19 वर्ष) - वह 10वीं कक्षा पास है और गांव में ही रहता है। कोई काम नहीं करता।
- रामकुमार उर्फ रामू (28 वर्ष) - वह 12वीं पास है और दूध के एक चिलर पर काम करता है।
- रवि सिंह (35 वर्ष) - वह 10वीं पास है और हाथरस में रहकर ही पल्लेदारी का काम करता है।
पीड़िता की जीभ काट दी और रीड़ की हड्डी भी तोड़ दी थी
बता दें कि हाथरस में चार लोगों की दरिंदगी का शिकार बनी ‘निर्भया’ ने मंगलवार को दम तोड़ दिया। उसके साथ हैवानियत को इस कदर अंजाम दिया गया था कि उसकी जीभ कट गई और कमर की हड्डी तक टूट गई। घटना 14 सितंबर की है और मंगलवार को पीड़ा के पूरे 15 दिन तक जिंदगी से जंग लड़ते हुए पीड़िता ने दम तोड़ दिया।
14 सितंबर 2020- सुबह के 9:30 बजे हाथरस के चंदपा थाना क्षेत्र के गांव बूलगढ़ी में रहने वाली एक युवती रोज की तरह अपनी मां के साथ चारा काटने खेत पर गई थी। इस दौरान वह अपनी मां से दूर हो गई। कुछ देर बाद गांव के ही 4 दबंग युवक लड़की के पास पहुंचे और उसे दुपट्टे से खींचकर बाजरे के खेत में ले गए। वहां उन चारों ने उसके साथ जबरदस्ती की। विरोध करने पर लड़की को जमकर पीटा। मारपीट में लड़की की रीढ़ की हड्डी टूट गई और उसकी जीभ भी कट गई। आरोपियों ने दुपट्टे से पीड़िता का गला घोंटकर उसे मारने की कोशिश भी की। घटना के बाद चारों आरोपी पीड़िता को मरा समझकर वहां से भाग निकले। पीड़िता की मां उसे ढूंढते हुए वहां पहुंची तो उसके होश उड़ गए। उसने आवाज लगाकर लोगों को मदद के लिए बुलाया। फौरन पीड़िता को इलाज के लिए अलीगढ़ के जेएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया। लड़की की हालत बहुत गंभीर थी, लेकिन उसका इलाज चलता रहा। पुलिस ने परिजनों की शिकायत पर आईपीसी की धारा 307 (जान से मारने का प्रयास) का मुकदमा दर्ज किया। पीड़िता दलित थी इसलिए एससी-एसटी एक्ट भी लगाया गया।
19 सितंबर 2020 - घटना के पांच दिन बाद पुलिस को पीड़िता के पड़ोस में रहने वाले आरोपी ठाकुर संदीप सिंह की सूचना मिली कि वो कहीं गायब है। शक के आधार पर पुलिस उसकी तलाश की और गिरफ्तार कर लिया गया।
22 सितंबर 2020 - घटना के बाद 7 दिन तक पीड़ित लड़की बेहोश रही। 22 सितंबर को होश में आने के बाद आपबीती सुनाई और 3 अन्य आरोपियों के नाम पुलिस को बताए। पुलिस हरकत में आई और पीड़ित परिवार की तहरीर पर बलात्कार की धारा भी एफआईआर में जोड़ दी गई। आरोपियों की तलाश शुरू की।
23 सितंबर 2020 - पीड़िता ने अपने बयान में आरोपियों के बारे में बता दिया था। सभी आरोपी पीड़िता के ही गांव के थे। लिहाजा पुलिस ने उनके ठिकानों पर दबिश देना शुरू कर दिया। इसी दौरान पुलिस ने दबिश देकर लवकुश पुत्र रामवीर सिंह को गिरफ्तार किया गया।
25 सितंबर 2020 - इस दिन पुलिस को फरार दो आरोपियों में से एक का सुराग लगा। पुलिस ने फौरन बताए गए स्थान पर दबिश दी और एक और आरोपी रवि सिंह पुत्र अतर सिंह को धर दबोचा।
26 सितंबर 2020 - इस दिन गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने एक जगह छापेमारी की और चौथा आरोपी रामकुमार उर्फ रामू पुत्र राकेश सिंह पुलिस के हत्थे चढ़ गया।
27 सितंबर 2020 - उधर, अलीगढ़ मेडिकल अस्पताल में पीड़ित लड़की की हालत बिगड़ती जा रही थी। डॉक्टरों ने उसे रेफर करने का फैसला लिया और उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल भेज दिया गया।
28 सितंबर 2020 - दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में लड़की की नाजुक हालत देखते हुए उसे वेंटिलेटर पर रखा गया। मामले को लेकर कांग्रेस ने योगी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला। यूपी में घटना के विरोध में धरना प्रदर्शन तेज हुए।
29 सितंबर 2020 - मंगलवार की सुबह हाथरस की निर्भया जिंदगी की जंग हार गई। सुबह 6 बजे उसने दम तोड़ दिया। इलाज करने वाले डॉक्टरों ने कहा कि लड़की की हालत बेहद गंभीर थी। उसे बचा पाना बहुत मुश्किल था। उसे वेंटिलेटर पर रखा गया था। सुबह 6 बजे उसकी सांस थम गई। इसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।
Created On :   30 Sept 2020 8:23 PM IST