जम्मू कश्मीर: 35-A पर सुनवाई 27 तक टली, विरोध में एक हुए अलगाववादी और राजनीतिक दल

hearing in Supreme Court today, all political parties and separatist is unite on Article 35-A
जम्मू कश्मीर: 35-A पर सुनवाई 27 तक टली, विरोध में एक हुए अलगाववादी और राजनीतिक दल
जम्मू कश्मीर: 35-A पर सुनवाई 27 तक टली, विरोध में एक हुए अलगाववादी और राजनीतिक दल
हाईलाइट
  • दिल्ली के एनजीओ वी द सिटीजन ने दायर की है याचिका।
  • सुनवाई के विरोध में रविवार को भी बंद रखा गया था।
  • सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई का दूसरा दिन है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर को स्पेशल स्टेटस देने वाले संविधान के अनुच्छेद 35-A पर सुनवाई को सुप्रीम कोर्ट ने 27 अगस्त तक टाल दिया है। सुनवाई का विरोध कर रहे कश्मीर के अलगाववादी और राजनीतिक दल अब एक होते नजर आ रहे हैं। अलगाववादी दल हुर्रियत के साथ पीडीपी,  नेशनल कॉन्फ्रेंस, कांग्रेस की जम्मू इकाई सहित माकपा भी बंद का समर्थन कर रही है। सुनवाई के विरोध में रविवार को भी बंद रखा गया था, जिसमें कश्मीर के लोंगों ने जगह-जगह प्रदर्शन किया। सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई को जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल एनएन वोहरा ने कुछ समय टालने का अनुरोध किया था। राज्यपाल ने इसका कारण वहां होने वाले आगामी नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव को बताया था। दिल्ली के एक एनजीओ वी द सिटीजन ने संविधान पीठ में अनुच्छेद 35-A पर सुनवाई की मांग की थी। इस संगठन की मांग पर ही सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। संगठन ने सुनवाई न टालने की मांग की थी।

बंद का असर, रोकी अमरनाथ यात्रा
अलगाववादी संगठनों ने रविवार और सोमवार को बंद बुलाया था। प्रशासन ने एहतियातन अमरनाथ यात्रा को रोक दिया है। कश्मीर घाटी के किश्तवाड़, डोडा और रामबन जिले में रविवार को बंद का काफी असर दिखा, इसलिए प्रशासन ने भगवती कैंप के बेस में यात्रियों को रोक दिया। श्रीनगर औऱ जम्मू हाईवे पर विशेष चेक पोस्ट भी बनाए गए हैं। यात्रा 26 अगस्त को समाप्त होगी। अब तक 2.11 लोग दर्शन कर चुके हैं।

ये है धारा 35-A में
धारा 35-A में स्थायी नागरिकता पारिभाषित की गई है। इसके मुताबिक स्थाई नागरिक वह है, जो 14 मई 1954 को राज्य का नागरिक हो या इससे पहले 10 वर्षों से यहां रह रहा हो। बता दें कि 1954 में तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने आदेश पारित कर भारत के संविधान में नया अनुच्छेद 35A जोड़ा था। कानून के मुताबिक यहां की महिला की अगर राज्य के बाहर शादी करती है तो उसके और उसके बच्चों को जम्मू कश्मीर का नागरिक नहीं माना जाता।

 

Created On :   6 Aug 2018 8:33 AM IST

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