मणिपुर संकट का हल ढूंढने के लिए अमित शाह से मिलने पहुंचे हेमंत बिस्वा और मेघालय के सीएम
नई दिल्ली, 24 जून (आईएएनएस)। मणिपुर में नाराज होकर बीजेपी सरकार में मंत्री पद से इस्तीफा देने वाले सहयोगी दल एनपीपी के चार विधायकों के मसले को सुलझाने के लिए गृहमंत्री अमित शाह जुट गए हैं। गृहमंत्री अमित शाह के आवास पर बुधवार की शाम असम के मंत्री हेमंत बिस्वा शर्मा और मेघालय के मुख्यमंत्री कोरनाड संगमा मिलने पहुंचे। दोनों नेताओं की फिलहाल बैठक चल रही है। बताया जा रहा है कि इस मीटिंग में असंतुष्ट विधायक भी शामिल हैं।
बता दें कि बीते 17 जून को राज्यसभा चुनाव से ठीक पहले मणिपुर में भाजपा के 3 विधायकों ने इस्तीफा देकर कांग्रेस का दामन थाम लिया था। वहीं सहयोगी दल नेशनल पीपुल्स पार्टी के चारों मंत्रियों ने भी नाराजगी के कारण इस्तीफा देते हुए सरकार से समर्थन वापस ले लिया था। तृणमूल के एक और निर्दल एक विधायक भी बीरेन सिंह सरकार से अलग हो गए थे। कुल नौ विधायकों के बगावत के बाद बीरेन सिंह सरकार पर संकट मंडराने लगा। हालांकि 19 जून को हुए राज्यसभा चुनाव की एक सीट बीजेपी जीतने में सफल रही थी। बीजेपी उम्मीदवार को 28 वोट हासिल हुए थे। जिससे बीजेपी को लगा कि वह इस मुद्दे को सुलझा सकती है।
गृहमंत्री अमित शाह ने अपने भरोसेमंद असम के मंत्री हेमंत बिस्वा शर्मा को मोर्चे पर लगाया। हेमंत बिस्वा शर्मा ने एनपीपी के असंतुष्ट चारों विधायकों से बात करते हुए उन्हें मनाने की कोशिश की। 23 जून को हेमंत बिस्वा शर्मा इंफाल पहुंचे थे। इस दौरान वह विधायकों को दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात के लिए राजी करने में सफल रहे। चूंकि मेघालय के मुख्यमंत्री कोरनाड संगमा, एनपीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, ऐसे में वह भी अपने विधायकों को मनाने में जुटे रहे। एक रणनीति के तहत दोनों नेता चारों असंतुष्ट विधायकों को लेकर दिल्ली पहुंचे। बुधवार की शाम साढ़े छह बजे वह गृहमंत्री अमित शाह के आवास पर पहुंचे।
सूत्रों का कहना है कि एनपीपी के चारों विधायक मुख्यमंत्री पद से एन बीरेन सिंह को हटाने की मांग पर अड़े हैं। इस मुद्दे पर भाजपा मानने को तैयार नहीं है। दोनों पक्षों में बीच का रास्ता निकालने की कोशिश चल रही है। गृहमंत्री अमित शाह की इस बैठक में मेघालय के संकट का हल खोजा जाएगा। सूत्र बता रहे हैं कि एनपीपी के विधायक भाजपा की सरकार को समर्थन देने के लिए लगभग राजी हो गए हैं। अगर एनपीपी के विधायक फिर से मंत्री बनते हैं तो उनकी भूमिका पहले से प्रभावी होगी। क्योंकि उपेक्षा के कारण ही उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा दिया था।
Created On :   24 Jun 2020 8:00 PM IST