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मप्र हनीट्रैप कांड: आम चुनाव में 30 करोड़ में वीडियो बेचने की हुई थी कोशिश

हाईलाइट
- लोकसभा चुनाव के दौरान बड़े नेताओं के युवतियों के साथ संबंध वाले वीडियो 30 करोड़ रुपये में बेचने की कोशिश की गई थी
डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्यप्रदेश के हनीट्रैप कांड के आरोप में पकड़ी गईं महिलाओं में से दो ने लोकसभा चुनाव के दौरान कई बड़े नेताओं के युवतियों के साथ अंतरंग संबंध वाले वीडियो 30 करोड़ रुपये में बेचने की कोशिश की थी। इस मामले में लेन-देन को लेकर कुछ नेताओं से इन महिलाओं की कई दौर की बातचीत भी हुई थी।
सूत्रों का कहना है कि राज्य में विधानसभा चुनाव के बाद सत्ता बदलने पर इन महिलाओं का नई सरकार में दखल कम हो चला था, लिहाजा इन महिलाओं ने सरकार से जुड़े दल कांग्रेस के कई नेताओं और दूसरी ओर विपक्षी दल भाजपा के नेताओं से संपर्क बनाए रखा था। इन महिलाओं ने दोनों दलों के कई नेताओं के वीडियो होने का दावा करते हुए मनचाही रकम मांगी, जब बात नहीं बनी तो उन्होंने नेताओं से व्यक्तिगत संपर्क किया।
भोपाल के एक नेता का वीडियो भी इन महिलाओं ने बनाया था और उस वीडियो के आधार पर भाजपा और कांग्रेस, दोनों ही दलों के नेताओं से उसका सौदा करना चाहा था। सूत्र बताते हैं कि एक राजनीतिक दल के नेता कई वीडियो छह करोड़ रुपये में खरीदने को राजी भी हो गए, मगर महिलाएं और उनके करीबी लोग 30 करोड़ रुपये से कम पर थोक वीडियो बेचने को तैयार नहीं हुए।
सूत्रों का कहना है कि इन महिलाओं को इस बात का गुमान था कि राजनीतिक दलों से जुड़े लोग उनके वीडियो मनचाही कीमत में खरीद लेंगे, क्योंकि इनके जरिए दूसरे दल के नेताओं की छवि को प्रभावित किया जा सकता था। लेकिन मांगी गई रकम बहुत ज्यादा होने के कारण कोई भी लेने के लिए राजी नहीं हुआ।
राजनीतिक दलों से जुड़े लोगों की बात पर भरोसा करें तो चुनाव के दौरान इन महिलाओं का वीडियो का सौदा नहीं हो पाया। उसके बाद इन महिलाओं ने सीधे संबंधित नेताओं से संपर्क बनाकर छोट-मोटी रकम ऐंठी। वहीं चुनाव के बाद पुलिस विभाग और सरकार के लेागों ने इन पर नजर रखना शुरू कर दिया, क्योंकि इन महिलाओं के पास कई बड़े लोगों के वीडियो होने की बात सामने आ चुकी थी। नगर निगम के इंजीनियर हरभजन सिंह की शिकायत पर पुलिस अब तक पांच महिलाओं और एक पुरुष को गिरफ्तार कर चुकी है। इस मामले की जांच के लिए एसआईटी (विशेष जांच टीम) का गठन किया जा चुका है।
एसआईटी के सूत्रों का कहना है कि पकड़ी गई महिलाओं के मोबाइल, लैपटॉप और पेनड्राइव से बड़ी संख्या में वीडियो क्लिपिंग मिली हैं। एसआईटी को क्लिपिंग की चार हजार से ज्यादा फाइलें हाथ लगी हैं और कई तस्वीरें व ऑडियो क्लिपिंग भी बरामद हुई हैं। आरोपी महिलाओं ने पूछताछ में कई नेताओं और अफसरों के नामों का भी खुलासा किया है। एसआईटी फिलहाल कुछ भी बताने से बच रही है।
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डिजिटल डेस्क, जबलपुर। किसी के लिए भी प्रॉपर्टी खरीदना जीवन के महत्वपूर्ण कामों में से एक होता है। आप सारी जमा पूंजी और कर्ज लेकर अपने सपनों के घर को खरीदते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि इसमें इतनी ही सावधानी बरती जाय जिससे कि आपकी मेहनत की कमाई को कोई चट ना कर सके। प्रॉपर्टी की कोई भी डील करने से पहले पूरा रिसर्च वर्क होना चाहिए। हर कागजात को सावधानी से चेक करने के बाद ही डील पर आगे बढ़ना चाहिए। हालांकि कई बार हमें मालूम नहीं होता कि सही और सटीक जानकारी कहा से मिलेगी। इसमें bhaskarproperty.com आपकी मदद कर सकता है।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।