कश्मीर घाटी में पोस्टपेड सेवाएं बहाली के कुछ घंटों बाद, एसएमएस सेवाओं पर लगी रोक

Hours after mobiles restored, SMS services blocked in Kashmir
कश्मीर घाटी में पोस्टपेड सेवाएं बहाली के कुछ घंटों बाद, एसएमएस सेवाओं पर लगी रोक
कश्मीर घाटी में पोस्टपेड सेवाएं बहाली के कुछ घंटों बाद, एसएमएस सेवाओं पर लगी रोक

डिजिटल डेस्क, श्रीनगर। कश्मीर घाटी में पोस्ट-पेड मोबाइल फोन कनेक्शन बहाल करने के कुछ घंटों बाद ही मंगलवार को एसएमएस सेवाओं पर रोक लगा दी गई है। एहतियाती कदम के तौर पर ये रोक लगाई गई है। दरअसल, सेवाएं बहाल होने के तुरंत बाद शोपियां में आतंकी हमला हुआ था। आतंकियों ने शिर्मल गांव में एक ट्रक ड्राइवर की गोली मारकर जान ले ली। ट्रक ड्राइवर शरीफ खान राजस्थान के भरतपुर से घाटी में सेब की सप्लाई लेने आया था।

बता दें कि कश्मीर में 70 दिनों के कम्यूनिकेशन लॉकडाउन के बाद, सोमवार को घाटी में बीएसएनएल नेटवर्क पर पोस्टपेड मोबाइल सेवाएं बहाल की गईं थी। सरकार ने पिछले हफ्ते घोषणा की थी कि घाटी में लगभग 40 लाख पोस्टपेड मोबाइल फोन सेवाओं को सोमवार दोपहर से चालू किया जाएगा। हालांकि इंटरनेट सेवाओं को अभी तक बहाल नहीं किया गया है।

मोबाइल सेवाओं की निरंतरता इस बात पर निर्भर करेगी कि घाटी में सुरक्षा की स्थिति कैसी है। सेलफोन सेवाओं की बहाली प्रशासन के प्रतिबंधों में ढील देने की घोषणाओं की एक सीरीज का हिस्सा है। 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले आर्टिकल 370 को हटाए जाने के बाद कई तरह के प्रतिबंध लगाए गए थे जिसमें सेलफोन सेवाओं पर प्रतिबंध भी शामिल था। 

16 अगस्त से प्रशासन चरणबद्ध तरीके से प्रतिबंधों में ढील दे रहा है। 17 अगस्त को घाटी में पार्टियल फिक्स्ड-लाइन टेलीफोनी को फिर से शुरू किया गया था और 4 सितंबर तक लगभग 50,000 लैंडलाइन को चालू घोषित कर दिया गया था। जम्मू और लद्दाख में पहले ही मोबाइल फोन सेवाओं को शुरू किया जा चुका है।

जम्मू में, लॉकडाउन के कुछ ही दिनों के भीतर कम्यूनिकेशन बहाल कर दिया गया था और मोबाइल इंटरनेट अगस्त के मध्य में शुरू किया गया था। हालांकि, इसके दुरुपयोग की खबरों के सामने आने के बाद 18 अगस्त को सेल फोन पर इंटरनेट की सुविधा बंद कर दी गई थी।

सेवाएं बहाल होने के बाद जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा था, "लोग शोर मचाते थे कि टेलीफोन नहीं है। हमने टेलीफोन सेवाओं को बंद कर दिया था क्योंकि आतंकवादी उनका इस्तेमाल अपनी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए कर रहे थे। हमारे लिए एक कश्मीरी का जीवन महत्वपूर्ण है टेलीफोन नहीं। लोग पहले भी बिना टेलीफोन के रह रहे थे।" 

Created On :   15 Oct 2019 4:25 PM IST

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