देश की सीमाएं खुलीं तो पीड़ित संग अत्याचारी भी आएंगे : भाजपा उपाध्यक्ष
नई दिल्ली, 24 दिसंबर (आईएएनएस)। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विनय सहस्रबुद्धे ने मंगलवार को कहा कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) बहुत सकारात्मक है। यह कानून किसी के साथ भेदभाव नहीं करता। उन्होंने कहा कि अगर देश की सीमाओं के दरवाजे सभी के लिए खोल दिए जाएं तो पीड़ित के साथ अत्याचार करने वाला भी इस देश में आ सकता है।
सहस्रबुद्धे ने कानून का विरोध करने वाले लोगों को घुसपैठियों और शरणार्थियों में अंतर समझने को कहा।
भाजपा उपाध्यक्ष ने यहां के कांस्टीट्यूशन क्लब में आयोजित कार्यक्रम में कहा कि देश की सीमाओं के दरवाजे सभी के लिए नहीं खोल सकते। कार्यक्रम में पाकिस्तान में अत्याचार का शिकार होकर वहां से भागे कई हिंदू व सिख परिवार मौजूद रहे। उन्होंने मंच से अपना दुख-दर्द साझा किया।
सहस्रबुद्धे ने कहा, हम अगर देश की सीमाओं के दरवाजे सभी के लिए खोल देते हैं, जैसा कि विपक्ष के कुछ लोग कह रहे हैं कि सभी को आने दीजिए तो पीड़ित के साथ अत्याचार करने वाला भी इस देश में आ सकता है, तो फिर इन लोगों के साथ क्या होगा। इसलिए इसमें अंतर करना जरूरी है कि शरणार्थी कौन है और घुसपैठिए कौन हैं।
उन्होंने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) किसी को नागरिकता लेने से रोकता नहीं है। बाहर से कोई भी मुसलमान आना चाहे तो नागरिकता पा सकता है। यह कानून सिर्फ पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में अत्याचार के शिकार भाई-बहनों को प्रश्रय देता है। यह कानून उन्हें मैं भी भारतमाता का बेटा हूं, कहने का अधिकार देगा।
भाजपा उपाध्यक्ष ने ढाका यूनिवर्सिटी के एक प्रोफेसर की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि अत्याचार का शिकार होकर भागे हिंदुओं की संपत्तियां हड़पने के लिए बांग्लादेश में तो कानून भी बना दिया गया। इस नाते सभी को पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से जान बचाकर भागे लोगों के साथ हुए अत्याचार को समझने की जरूरत है। यह मानवीय कानून है।
इस मौके पर इंदौर के भाजपा सांसद शंकर लालवानी, संतोष गुप्ता, संजय आहूजा आदि मौजूद रहे।
Created On :   25 Dec 2019 12:00 AM IST