India-China Dispute: लद्दाख में LAC पर विवादित क्षेत्रों में बनाए गए स्ट्रक्चर तोड़ेंगी दोनों देश की सेनाएं, पेट्रोलिंग भी बंद होगी

India-China Dispute: LAC in Ladakh will break structures built in disputed areas
India-China Dispute: लद्दाख में LAC पर विवादित क्षेत्रों में बनाए गए स्ट्रक्चर तोड़ेंगी दोनों देश की सेनाएं, पेट्रोलिंग भी बंद होगी
India-China Dispute: लद्दाख में LAC पर विवादित क्षेत्रों में बनाए गए स्ट्रक्चर तोड़ेंगी दोनों देश की सेनाएं, पेट्रोलिंग भी बंद होगी
हाईलाइट
  • 6 नवंबर को डिसइंगेजमेंट पर राजी हुए भारत-चीन
  • गलवान के बाद भारत ने तैनात किए 60 हजार से ज्यादा जवान

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर विवाद को खत्म करने के लिए भारत और चीन के बीच डिसइंगेजमेंट प्लान बन गया है। इसके तहत दोनों देश पूर्वी लद्दाख में पैगॉन्ग झील के आसपास अप्रैल-मई के बाद से बनाए गए नए ढांचों को नष्ट करने पर सहमत हो गए हैं। इसके अलावा फिंगर इलाकों में पेट्रोलिंग पर भी रोक लगाई जाएगी। सूत्रों ने बताया कि फिंगर 4 और फिंगर 8 के बीच गश्त जैसी कोई गतिविधि भी नहीं होगी, क्योंकि चीन अपनी पुरानी पोजिशन पर जाने के लिए राजी हो गया है। बता दें कि इस क्षेत्र में चीन अपने पुराने रुख से पीछे हट गया है। पहले वह इस क्षेत्र में एक निगरानी पोस्ट बनाने की बात कह रहा था और इस पर अड़ा हुआ था।

वहीं, डेपसांग क्षेत्र को लेकर दोनों पक्षों के बीच अलग से चर्चा होगी। बता दें कि चीन ने यहां पर भारतीय सेना के कुछ पैट्रोलिंग बिंदुओं को रोक रखा है। इसके साथ ही भारतीय सेना के कुछ अन्य पैट्रोलिंग बिंदुओं को लेकर भी चर्चा होगी जहां चीन ने अभी भी पूरी तरह से अपने सैनिकों को पीछे नहीं किया है। 

डिसइंगेजमेंट पर 6 नवंबर को राजी हुए थे दोनों देश
उल्लेखनीय है कि सीमा पर तनाव घटाने के लिए 6 नवंबर को चुशुल में आयोजित दोनों देशों के बीच कॉर्प्स कमांडर स्तर की आठवें दौर की वार्ता में इस योजना पर चर्चा की गई थी। दोनों देशों की सेनाओं ने पूर्वी लद्दाख सेक्टर के कुछ हिस्सों से पीछे हटने पर सहमति व्यक्त की है, जिसके तहत वे इस साल अप्रैल-मई वाले स्थानों पर वापस लौट जाएंगे। सूत्रों के अनुसार सैनिकों को पीछे हटाने के लिए दोनों देशों की सेनाओं के बीच तीन चरण वाली एक योजना पर सहमति बनी है। 

गलवान के बाद भारत ने तैनात किए 60 हजार से ज्यादा जवान
गलवान घाटी में हुए संघर्ष के बाद भारत ने इस एरिया में 60 हजार से ज्यादा सैनिक और बड़े हथियार तैनात कर दिए थे। तनाव को कम करने के लिए कई बार मिलिट्री और डिप्लोमैटिक स्तर की बातचीत हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सबसे भरोसेमंद टीम नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर अजित डोभाल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत, सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे और एयर फोर्स चीफ आरकेएस भदौरिया ने लद्दाख में रणनीतिक मोर्चाबंदी मजबूत कर दी थी।

30 अगस्त को भारत ने महत्वपूर्ण पहाड़ी ऊंचाइयों पर कब्जा कर लिया था
दरअसल, 30 अगस्त को भारत ने रेचन ला, रेजांग ला, मुकर्पी, और टेबलटॉप जैसे दक्षिणी तट पर पैंगोंग झील के पास महत्वपूर्ण पहाड़ी ऊंचाइयों पर कब्जा कर लिया था, जो तब तक मानव रहित थी। भारत ने ब्लैकटॉप के पास भी कुछ तैनाती की है। चीन द्वारा भड़काऊ सैन्य कदम उठाने की कोशिश के बाद यह कार्रवाई की गई थी। दोनों देशों के सैनिक माइनस 20 डिग्री सेल्सियस तापमान के संपर्क में रहते हैं, इसलिए दोनों देश अब सैनिकों को वापस लेने पर सहमत हुए हैं।

गलवान घाटी में 15 जून को हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिक हुए ​थे
15 जून को पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। इसमें काफी चीनी सैनिक हताहत हुए थे, मगर वह इस संबंध में कोई जानकारी नहीं दे रहा है।

शाह ने की सीमा सुरक्षा को लेकर समीक्षा बैठक
उधर, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को गुजरात के भुज में सीमा सुरक्षा को लेकर समीक्षा बैठक की। इस बैठक में संबंधित केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल, राज्य अधिकारी और सुरक्षा एजेंसियां शामिल हुईं।

Created On :   12 Nov 2020 6:05 PM GMT

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