- Dainik Bhaskar Hindi
- National
- India condemns neglect of Jaish and Lashkar-e-Taiba in UN terror report
आतंक: भारत ने संयुक्त राष्ट्र आतंक रिपोर्ट में जैश और लश्करे तैयबा की उपेक्षा किए जाने की निंदा की

हाईलाइट
- आतंकवाद से निपटने में हर संभव प्रयास करें
डिजिटल डेस्क, संयुक्त राष्ट्र। भारत ने खतरनाक आतंकवादी संगठनों लश्कर ए तैयबा और जैश ए मोहम्मद के कृ त्यों की तरफ ध्यान दिलाए जाने के बावजूद संयुक्त राष्ट्र आतंक रिपोर्ट में इनकी उपेक्षा किए जाने को लेकर रिपोर्ट की निंदा की है। इस रिपोर्ट में दोनों आतंकवादी संगठनों के बारे में कुछ जिक्र नहीं किया गया है लेकिन इसमें चीन विरोधी अलगाववादी उघहुर समूहों, पूर्वी तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट (ईटीआईएम),तुर्किस्तान इस्लामिक पार्टी (टीआईपी) का जिक्र किया गया है।
भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी एस तिरूमूर्ति ने सुरक्षा परिषद को बुधवार को बताया कि हम 1267 प्रतिबंध प्रणाली के तहत प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों लश्कर ए तैयबा और जैश के अलावा अन्य समूहों के बीच गठजोड़ के बारे में अपनी सुरक्षा चिंताओं के बारे में बार बार दोहराते रहे हैं। लेकिन इन चिंताओं के बारे में अवगत कराए जाने के बाद सुरक्षा महासचिव की रिपोर्ट में इनके बारे में कोई नोटिस नहीं लिया गया है।
उन्होंने इन संगठनों पर ध्यान दिए जाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा यह आवश्यक है कि हमें इस बात को सहजता से नहीं लेना चाहिए कि प्रतिबंधित हक्कानी नेटवर्क ने अपने संरक्षक देश के समर्थन से दक्षिण एशिया में आईएस- के और अल कायदा जैसे प्रमुख आतंकवादी संगठनों के साथ काम किया है। हमें उम्मीद है कि इस तरह की रिपोटरें में भविष्य में सभी सदस्य देशों की बातों पर समान रूप से ध्यान दिया जाएगा और इसे तैयार करने वालों द्वारा एक साक्ष्य आधारित और विश्वसनीय मानदंड लागू किया जाएगा।
वह आतंकवाद निरोधक कार्यालय के अवर महासचिव व्लादिमीर वोरोनकोव और कार्यकारी कार्यकारी निदेशक वेक्सियनग चेन की आतंकवादी गतिविधियों के कारण अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए खतरा पर परिषद की ब्रीफिंग के बाद बोल रहे थे। उन्होंने कहा अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए आईएस (इस्लामिक स्टेट) द्वारा उत्पन्न खतरे पर महासचिव की 14 वीं रिपोर्ट और इस खतरे से निपटने में सदस्य देशों के प्रयासों पर केवल तीन पैराग्राफ हैं और उसने विदेशी आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने के लिए तालिबान को दोषी ठहराया है। इसमें कहा गया है हाल के कोई संकेत नहीं हैं कि तालिबान ने देश में विदेशी आतंकवादी लड़ाकों की गतिविधियों को सीमित करने के लिए कदम उठाए हैं। इसके विपरीत, सदस्य देशों को चिंता है कि आतंकवादी समूहों को अब अन्य समय की तुलना में अफगानिस्तान में अधिक स्वतंत्रता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अफगानिस्तान में आईएस देश में उथल-पुथल का फायदा उठा रहा है, जिसमें ईटीआईएम और टीआईपी से लड़ाकों की भर्ती भी शामिल है। संयुक्त राष्ट्र ने दो समूहों को आतंकवादी संगठन के रूप में नामित किया है, लेकिन वह लश्कर और जैश के बारे में चुप है। चीन के स्थायी प्रतिनिधि झांग जून ने रिपोर्ट में चीन विरोधी दो समूहों के उल्लेख पर जोर देते हुए कहा कि चीन इनसे आईएस में भर्ती कराने के इस संगठन के प्रयासों को लेकर चिंतित है।
तिरुमूर्ति ने सीधे पाकिस्तान नाम लिए बिना आतंकवादी संगठनों का समर्थन करने में उसकी भूमिका की ओर ध्यान आकर्षित किया। अलकायदा के संस्थापक के बारे में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के एक बयान के संदर्भ में, उन्होंने कहा हमें इस तथ्य को नहीं भूलना चाहिए कि 11 सितंबर के हमलों के 20 साल बाद भी, हमारे पास ऐसे नेता हैं जो बिना किसी पछतावे के एक शहीद के रूप में ओसामा बिन लादेन का बचाव करने की मुहिम जारी रखे हुए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि प्रतिबंधित हक्कानी नेटवर्क अपने संरक्षक देश के समर्थन सेआसानी से फलफूल रहा है।
तिरुमूर्ति ने चेतावनी दी कि आतंकवादी संगठन ऐसी तकनीकों को अपना रहे हैं जो एक खतरा पैदा करती हैं जिसके लिए अधिकांश सदस्य देशों के पास पर्याप्त प्रतिक्रिया नहीं है। इनमें सोशल मीडिया, डिजिटल भुगतान के नए तरीके, क्रिप्टोकरेंसी, क्राउडफंडिंग प्लेटफॉर्म और ड्रोन का इस्तेमाल शामिल हैं। उन्होंने कहा, हमें इन खतरों से निपटने के लिए उपयुक्त समाधान विकसित करने और वैश्विक मानकों को विकसित करने के लिए मिलकर काम करने की जरूरत है। वोरोंकोव ने अपने संबोधन में कहा सैन्य आतंकवाद विरोधी अभियान आवश्यक हो सकते हैं, लेकिन इनकी रोकथाम के लिए समग्र उपायों पर ध्यान दिए जाने की भी आवश्यकता है । उन्होंने सीरिया में इस्लामिक स्टेट के नेता आमिर मुहम्मद सईद अब्दाल-रहमान अल-साल्बी के अमेरिकी हमले में मारे जाने को एक उत्साहजनक कार्रवाई करार दिया। लेकिन उन्होंने आगाह किया कि इस्लामिक स्टेट अतीत में इसी तरह के नुकसान के बावजूद, दुनिया भर में संघर्ष प्रभावित क्षेत्रों में अपनी गतिविधियों को फिर से तेज करने और अपने संगठन को खड़ा करने की क्षमता के लिए जाना जाता है। उन्होंने सुरक्षा परिषद और संयुक्त राष्ट्र के सदस्यों से आग्रह किया कि आईएस द्वारा अपने क्षेत्रीय विस्तार को रोकने और इससे निपटने में हर संभव प्रयास करें।
आईएएनएस
स्वास्थ्य योजना: आरोग्य संजीवनी पॉलिसी खरीदने के 6 फ़ायदे
डिजिटल डेस्क, भोपाल। आरोग्य संजीवनी नीति का उपयोग निस्संदेह कोई भी व्यक्ति कर सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि यह बिल्कुल सस्ती है और फिर भी आवेदकों के लिए कई गुण प्रदान करती है। यह रुपये से लेकर चिकित्सा व्यय को कवर करने में सक्षम है। 5 लाख से 10 लाख। साथ ही, आप लचीले तंत्र के साथ अपनी सुविधा के आधार पर प्रीमियम का भुगतान कर सकते हैं। आप ऑफ़लाइन संस्थानों की यात्रा किए बिना पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन कर सकते हैं। आरोग्य संजीवनी नीति सामान्य के साथ-साथ नए जमाने की उपचार सेवाओं को भी कवर करने के लिए लागू है। इसलिए, यह निस्संदेह आज की सबसे अच्छी स्वास्थ्य योजनाओं में से एक है।
• लचीला
लचीलापन एक बहुत ही बेहतर पहलू है जिसकी किसी भी प्रकार की बाजार संरचना में मांग की जाती है। आरोग्य संजीवनी पॉलिसी ग्राहक को अत्यधिक लचीलापन प्रदान करती है। व्यक्ति अपने लचीलेपन के आधार पर प्रीमियम का भुगतान कर सकता है। इसके अलावा, ग्राहक पॉलिसी के कवरेज को विभिन्न पारिवारिक संबंधों तक बढ़ा सकता है।
• नो-क्लेम बोनस
यदि आप पॉलिसी अवधि के दौरान कोई दावा नहीं करते हैं तो आरोग्य संजीवनी पॉलिसी नो-क्लेम बोनस की सुविधा देती है। उस स्थिति में यह बोनस आपके लिए 5% तक बढ़ा दिया जाता है। आपके द्वारा बनाया गया पॉलिसी प्रीमियम यहां आधार के रूप में कार्य करता है और इसके ऊपर यह बोनस छूट के रूप में उपलब्ध है।
• सादगी
ग्राहक के लिए आरोग्य संजीवनी पॉलिसी को संभालना बहुत आसान है। इसमें समान कवरेज शामिल है और इसमें ग्राहक के अनुकूल विशेषताएं हैं। इस पॉलिसी के नियम और शर्तों को समझने में आपको ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ेगी। इससे पॉलिसी खरीदना आसान काम हो जाता है।
• अक्षय
आरोग्य संजीवनी स्वास्थ्य नीति की वैधता अवधि 1 वर्ष है। इसलिए, यह आपके लिए अपनी पसंद का निर्णय लेने के लिए विभिन्न विकल्प खोलता है। आप या तो प्रीमियम का भुगतान कर सकते हैं या योजना को नवीनीकृत कर सकते हैं। अंत में, आप चाहें तो योजना को बंद भी कर सकते हैं।
• व्यापक कवरेज
यदि कोई व्यक्ति आरोग्य संजीवनी पॉलिसी के साथ खुद को पंजीकृत करता है तो वह लंबा कवरेज प्राप्त कर सकता है। यह वास्तव में स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों से संबंधित बहुत सारे खर्चों को कवर करता है। इसमें दंत चिकित्सा उपचार, अस्पताल में भर्ती होने के खर्च आदि शामिल हैं। अस्पताल में भर्ती होने से पहले से लेकर अस्पताल में भर्ती होने के बाद तक के सभी खर्च इस पॉलिसी द्वारा कवर किए जाते हैं। इसलिए, यह नीति कई प्रकार के चिकित्सा व्ययों के खिलाफ वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने की दिशा में एक समग्र दृष्टिकोण है।
• बजट के अनुकूल
आरोग्य संजीवनी स्वास्थ्य योजना एक व्यक्ति के लिए बिल्कुल सस्ती है। यदि आप सीमित कवरेज के लिए आवेदन करते हैं तो कीमत बिल्कुल वाजिब है। इसलिए, जरूरत पड़ने पर आप अपने लिए एक अच्छी गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य देखभाल का विकल्प प्राप्त कर सकते हैं।
निष्कर्ष
आरोग्य संजीवनी नीति समझने में बहुत ही सरल नीति है और उपरोक्त लाभों के अलावा अन्य लाभ भी प्रदान करती है। सभी सामान्य बीमा कंपनियां ग्राहकों को यह पॉलिसी सुविधा प्रदान करने के लिए बाध्य हैं। हालांकि, यह सरकार द्वारा प्रायोजित नहीं है और ग्राहक को इस पॉलिसी की सेवाएं प्राप्त करने के लिए भुगतान करना होगा। इसके अलावा, अगर वह स्वस्थ जीवन शैली का पालन करता है और उसे पहले से कोई मेडिकल समस्या नहीं है, तो उसे इस पॉलिसी को खरीदने से पहले मेडिकल टेस्ट कराने की जरूरत नहीं है। हालाँकि, इस नीति के लिए आवेदन करते समय केवल नीति निर्माताओं को ही सच्चाई का उत्तर देने का प्रयास करें।
SSC MTS Cut Off 2023: जानें SSC MTS Tier -1 कटऑफ और पिछले वर्ष का कटऑफ
डिजिटल डेस्क, भोपाल। कर्मचारी चयन आयोग (SSC) भारत में केंद्रीय सरकारी नौकरियों की मुख्य भर्तियों हेतु अधिसूचना तथा भर्तियों हेतु परीक्षा का आयोजन करता रहा है। हाल ही में एसएससी ने SSC MTS और हवलदार के लिए अधिसूचना जारी किया है तथा इस भर्ती हेतु ऑनलाइन आवेदन भी 18 जनवरी 2023 से शुरू हो चुके हैं और यह ऑनलाइन आवेदन 17 फरवरी 2023 तक जारी रहने वाला है। आवेदन के बाद परीक्षा होगी तथा उसके बाद सरकारी रिजल्ट जारी कर दिया जाएगा।
एसएससी एमटीएस भर्ती हेतु परीक्षा दो चरणों (टियर-1 और टियर-2) में आयोग के द्वारा आयोजित की जाती है। इस वर्ष आयोग ने Sarkari Job एसएससी एमटीएस भर्ती के तहत कुल 12523 पदों (हवलदार हेतु 529 पद) पर अधिसूचना जारी किया है लेकिन आयोग के द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार भर्ती संख्या अभी अनिश्चित मानी जा सकती है। आयोग के द्वारा एसएससी एमटीएस भर्ती टियर -1 परीक्षा अप्रैल 2023 में आयोजित की जा सकती है और इस भर्ती परीक्षा हेतु SSC MTS Syllabus भी जारी कर दिया गया है।
SSC MTS Tier 1 Cut Off 2023 क्या रह सकता है?
एसएससी एमटीएस कटऑफ को पदों की संख्या तथा आवेदन करने वाले उम्मीदवारों की संख्या प्रभवित करती रही है। पिछले वर्षों की अपेक्षा इस वर्ष भर्ती पदों में वृद्धि की गई है और संभवतः इस वर्ष आवेदन करने वाले उम्मीदवारों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो सकती है तथा इन कारणों से SSC MTS Cut Off 2023 बढ़ सकता है लेकिन यह उम्मीदवार के वर्ग तथा प्रदेश के ऊपर निर्भर करता है। हालांकि आयोग के द्वारा भर्ती पदों की संख्या अभी तक सुनिश्चित नहीं कि गई है।
SSC MTS Tier 1 Expected Cut Off 2023
हम आपको नीचे दिए गए टेबल के माध्यम से वर्ग के अनुसार SSC MTS Expected Cut Off 2023 के बारे में जानकारी देने जा रहें हैं-
• वर्ग कटऑफ
• अनारक्षित 100-110
• ओबीसी 95 -100
• एससी 90-100
• एससी 80-87
• पुर्व सैनिक 40-50
• विकलांग 91-95
• श्रवण विकलांग 45-50
• नेत्रहीन 75-80
SSC MTS Cut Off 2023 – वर्ग के अनुसार पिछले वर्ष का कटऑफ
उम्मीदवार एसएससी एमटीएस भर्ती हेतु पिछले वर्षों के कटऑफ को देखकर SSC MTS Cut Off 2023 का अनुमान लगा सकते हैं। इसलिए हम आपको उम्मीदवार के वर्गों के अनुसार SSC MTS Previous Year cutoff के बारे में निम्नलिखित टेबल के माध्यम से बताने जा रहे हैं-
• वर्ग कटऑफ
• अनारक्षित 110.50
• ओबीसी 101
• एससी 100.50
• एससी 87
• पुर्व सैनिक 49.50
• विकलांग 93
• श्रवण विकलांग 49
• नेत्रहीन 76
SSC MTS के पदों का विवरण
इस भर्ती अभियान के तहत कुल 11994 मल्टीटास्किंग और 529 हवलदार के पदों को भरा जाएगा। योग्यता की बात करें तो MTS के लिए उम्मीदवार को भारत के किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड से कक्षा 10वीं उत्तीर्ण होना चाहिए। इसके अलावा हवलदार के पद के लिए शैक्षणिक योग्यता यही है।
ऐसे में परीक्षा की तैयारी कर रहे उम्मीदवारों के लिए यह बेहद ही जरूरी है, कि परीक्षा की तैयारी बेहतर ढंग से करें और परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करें।
रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय: वेस्ट जोन इंटर यूनिवर्सिटी क्रिकेट टूर्नामेंट का पहला मैच रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय ने 4 रनों से जीत लिया
डिजिटल डेस्क, भोपाल। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के स्पोर्ट ऑफिसर श्री सतीश अहिरवार ने बताया कि राजस्थान के सीकर में वेस्ट जोन इंटर यूनिवर्सिटी क्रिकेट टूर्नामेंट का आज पहला मैच आरएनटीयू ने 4 रनों से जीत लिया। आज आरएनटीयू विरुद्ध जीवाजी यूनिवर्सिटी ग्वालियर के मध्य मुकाबला हुआ। आरएनटीयू ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। आरएनटीयू के बल्लेबाज अनुज ने 24 बॉल पर 20 रन, सागर ने 12 गेंद पर 17 रन और नवीन ने 17 गेंद पर 23 रन की मदद से 17 ओवर में 95 रन का लक्ष्य रखा। लक्ष्य का पीछा करने उतरी जीवाजी यूनिवर्सिटी की टीम निर्धारित 20 ओवर में 91 रन ही बना सकी। आरएनटीयू के गेंदबाज दीपक चौहान ने 4 ओवर में 14 रन देकर 3 विकेट, संजय मानिक ने 4 ओवर में 15 रन देकर 2 विकेट और विशाल ने 3 ओवर में 27 रन देकर 2 विकेट झटके। मैन ऑफ द मैच आरएनटीयू के दीपक चौहान को दिया गया। आरएनटीयू के टीम के कोच नितिन धवन और मैनेजर राहुल शिंदे की अगुवाई में टीम अपना श्रेष्ठ प्रदर्शन कर रही है।
विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. ब्रह्म प्रकाश पेठिया, कुलसचिव डॉ. विजय सिंह ने खिलाड़ियों को जीत की बधाई और अगले मैच की शुभकामनाएं दीं।
खबरें और भी हैं...
यू.पी विधानसभा चुनाव : पहले चरण में जीतेंगे 50 से ज्यादा सीटें : भाजपा
गोवा विधानसभा चुनाव : टीएमसी ने बंगाल में एक और पाकिस्तान बनाने की कोशिश की : श्रीपद नाइक
हिजाब विवाद : अल्लाह हू अकबर का नारा लगाने वाली छात्रा को इनाम देने पर मुस्लिम संगठन के खिलाफ शिकायत
पंजाब विधानसभा चुनाव : आप ने पंजाब में डिजिटल डोर-टू-डोर अभियान किया शुरू
यूपी विधानसभा चुनाव 2022: वोट डालने के लिए वेडिंग हॉल से सीधे मतदान केंद्र पहुंचा नवविवाहित जोड़ा