भारत ने कश्मीर में हस्तक्षेप के खिलाफ चीन को चेताया

India warns China against interference in Kashmir
भारत ने कश्मीर में हस्तक्षेप के खिलाफ चीन को चेताया
भारत ने कश्मीर में हस्तक्षेप के खिलाफ चीन को चेताया

वाशिंगटन/नई दिल्ली, 6 अगस्त (आईएएनएस)। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में जम्मू एवं कश्मीर पर एक चर्चा शुरू कराने की बीजिंग की असफल कोशिश के बाद नई दिल्ली ने भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने की कोशिश के खिलाफ चीन को गुरुवार को चेतावनी दी है।

विदेश मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में सरकार ने कहा कि यह पहली बार नहीं है, जब चीन ने एक ऐसे विषय को उठाने की मांग की है, जो पूरी तरह से भारत का आंतरिक मामला है।

सरकार ने कहा, पहले की तरह ही इस बार भी चीन के इस प्रयास को अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से बहुत कम समर्थन मिला। हम भारत के आंतरिक मामलों में चीन के हस्तक्षेप को खारिज करते हैं। साथ ही चीन से अपील करते हैं कि वह इस तरह के निष्फल प्रयासों के बाद समुचित निष्कर्ष निकाले।

सरकार को बुधवार को अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की विदेश मामलों की समिति से समर्थन को लेकर एक का पत्र मिला है, जिसमें लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन की ओर से दिखाई जा रही आक्रामकता के लिए उसे जिम्मेदार ठहराया गया है।

प्रतिनिधि सभा की विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष और डेमोक्रेट रैंकिंग सदस्य एलियॉट एंगल एवं रैंकिंग रिपब्लिकन सदस्य माइकल टी मैक्कॉल ने संयुक्त रूप से यह पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि वे अमेरिका-भारत संबंधों के लिए मजबूत द्विदलीय समर्थन प्रदर्शित करना चाहते हैं।

उन्होंने कहा, दोनों दलों के सदस्य भारत एवं अमेरिका के बीच मजबूत संबंधों के 21वीं सदी पर मजबूत प्रभाव को समझते हैं। जैसा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस साल फरवरी में कहा था कि हमारे संबंध अब केवल साझेदारी नहीं हैं, बल्कि ये पहले से कहीं अधिक मजबूत एवं करीबी हैं। ये मजबूत संबंध ऐसे समय में और अधिक महत्वपूर्ण हैं, जब भारत चीन के साथ लगती सीमा पर उसके (चीन के) आक्रामक रुख का सामना कर रहा है। चीन का यह व्यवहार हिंद प्रशांत में चीन सरकार के अवैध कदमों और उसकी आक्रामकता का हिस्सा है।

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि अमेरिका अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने के भारत के प्रयासों के समर्थन में अडिग रहेगा।

अमेरिकी हाउस कमेटी ने अपने पत्र में जम्मू-कश्मीर में चल रही गंभीर सुरक्षा और आतंकवाद जैसी चिंताओं को भी स्वीकार किया और कहा कि वह लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए हमारी साझा प्रतिबद्धताओं को बनाए रखते हुए भारत सरकार के साथ इन चिंताओं को दूर करने के लिए काम करना चाहते हैं।

उन्होंने कहा, द्विपक्षीय संबंधों को हमारे समर्थन के साथ ही, हम इस बात पर चिंता जताते हैं कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने और उसे केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने के बाद पिछले एक साल में वहां हालात सामान्य नहीं हुए हैं।

Created On :   6 Aug 2020 12:00 PM GMT

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