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INX Case: चिदंबरम की जमानत याचिका का ED ने किया विरोध

हाईलाइट
- चिदंबरम की जमानत याचिका पर दिल्ली HC में ED ने दाखिल की उत्तर प्रति
- वित्त मंत्री रहते हुए चिदंबरम ने अपने कार्यालय का दुरूपयोग किया : ED
- नियमित जमानत याचिका पर 4 नवंबर को होगी अगली सुनवाई
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। INX मीडिया मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आज (शनिवार) दिल्ली हाईकोर्ट में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम की जमानत याचिका का विरोध किया है। ED ने अपनी उत्तर प्रति में कोर्ट को बताया कि चिदंबरम ने अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए वित्त मंत्री रहते हुए अपने कार्यालय का दुरुपयोग किया है। चिदंबरम की नियमित जमानत याचिका पर अगली सुनवाई जस्टिस सुरेश कुमार कैत के समक्ष 4 नवंबर को होनी है।
INX media case: Enforcement Directorate, in their reply copy at Delhi High Court, opposes the bail plea of Congress leader P Chidambaram, saying that he misused office for personal gains. Hearing in the regular bail plea to be held on 4th November. (file pic) pic.twitter.com/yMyqmvjv5p
— ANI (@ANI) November 2, 2019
जमानत के योग्य नहीं चिदंबरम
जस्टिस सुरेश कुमार कैत ने ED को चिदंबरम की जमानत याचिका पर जवाब देने के लिए कहा था। कोर्ट के इस आदेश के बाद ED ने आज अपने जवाब में कहा कि चिदंबरम द्वारा किए गए अपराधों की गंभीरता के चलते वह कोर्ट से राहत पाने के योग्य नहीं है। ED के मुताबिक यदि चिदंबरम को जमानत दी जाती है तो इससे समाज में भ्रष्टाचार के खिलाफ गलत संदेश पहुंचेगा।
क्या है मामला?
कांग्रेस नेता चिदंबरम पर आरोप है कि उन्होंने वित्त मंत्री के पद पर रहते हुए साल 2007 में INX मीडिया को 305 करोड़ रुपए लेने के लिए विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड से मंजूरी दिलाई थी, जिस पर ED ने 2018 में मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था। वहीं इससे पहले CBI भी चिदंबरम के खिलाफ मई, 2017 में केस दर्ज कर चुकी थी। इसी के चलते 21 अगस्त को चिदंबरम को गिरफ्तार किया गया, तब से वह अब तक न्यायिक हिरासत में ही है।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।