ISRO चेयरमैन बोले- अंतरिक्ष में एस्ट्रोनॉट भेजने वाली टेक्नोलॉजी भारत ने विकसित कर ली है
- चेयरमैन ने कहा कि एस्ट्रोनॉट्स को अंतरिक्ष में भेजने वाली तकनीक विकसित की जा चुकी है।
- पीएम मोदी ने ऐलान किया कि 2022 तक स्वदेशी यान से कोई हिंदुस्तानी अंतरिक्ष में जाएगा।
- भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के प्रमुख के सिवान ने पीएम की इस घोषणा पर मुहर लगाई है।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से दिए गए अपने संबोधन में पीएम मोदी ने ऐलान किया है कि 2022 तक स्वदेशी यान से कोई हिंदुस्तानी अंतरिक्ष में जाएगा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के प्रमुख के सिवान ने पीएम की इस घोषणा पर मुहर लगाते हुए कहा कि एस्ट्रोनॉट्स को अंतरिक्ष में भेजने वाली तकनीक विकसित की जा चुकी है। पीएम ने 2022 का लक्ष्य दिया है और यह हमारी जिम्मेदारी है कि इसे पूरा किया जाए। बता दें कि अगर भारत अपनी इस योजना में सफल हो जाता है तो फिर वह ऐसा करने वाला अमेरिका, रूस और चीन के बाद चौथा देश होगा।
PM has given target of 2022 it"s our duty to meet it. We are already on the job awe have completed many technologies like crew module escape systems. The project has been underway, now we need to prioritise achieve the target: ISRO chairman K Sivan on Gaganyaan 2022 mission pic.twitter.com/2WD1ydJfkk
— ANI (@ANI) August 15, 2018
क्रू मॉड्यूल और एस्केप सिस्टम तैयार
के. सिवान ने कहा, क्रू मॉड्यूल और एस्केप सिस्टम पर काम पूरा हो चुका है। इस प्रोजेक्ट पर वैज्ञानिक जुटे हुए हैं। उन्होंने कहा कि इस लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में प्राथमिकता के साथ काम करने की जरूरत है। 2022 के मिशन से पहले दो मानवरिहत मिशन भेजे जाएंगे। जियोसिंक्रोनस सेटेलाइट लांच व्हीकल मार्क-III (GSLV Mark-III) की मदद से यान को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। वहीं इस मिशन से जुड़े वैज्ञानिक तुषार जाधव का कहना है कि हमें यह लक्ष्य हासिल करने के लिए तकनीक को बेहतर करना होगा। डेडलाइन मुश्किल तो है लेकिन हमारे पास निश्चित रूप से इसको हासिल करने की क्षमता है। एक बड़ा रॉकेट और अंतरिक्ष यात्रा (ऐस्ट्रोनॉट) के लिए ट्रेनिंग दो प्रमुख चुनौतियां हैं।
We need to enhance technology to achieve this, deadline looks tough but we certainly have the capability to do it. A big rocket and astronaut training are two main challenges: Tushar Jadhav, Scientist( Pratham Satellite team) on Gaganyaan 2022 mission pic.twitter.com/NrBmSVd54t
— ANI (@ANI) August 15, 2018
क्या कहा पीएम मोदी ने?
मंगलयान से लेकर अबतक भारत के वैज्ञानिकों ने अपनी ताकत का परिचय करवाया है। मैं आज देशवासियों को एक खुशखबरी दे रहा हूं। 2022 में जब देश की आजादी के 75 वर्ष पूरे होंगे या हो सके तो उससे पहले मां भारती की कोई संतान, चाहे बेटा हो या बेटी, अंतरिक्ष में जाएगी। उसके हाथ में तिरंगा होगा। इसके साथ ही भारत मानव को अंतरिक्ष में पहुंचाने वाला विश्व का चौथा देश बन जाएगा।"
बता दें कि वायु सेना के पूर्व पायलट राकेश शर्मा अंतरिक्ष में जाने वाले पहले भारतीय थे। वहीं भारत में जन्मी कल्पना चावला और भारतीय मूल की सुनीता विलियम्स भी अंतरिक्ष जा चुकी हैं।
Created On :   15 Aug 2018 6:46 PM IST