ISRO : PSLV-C42 की मदद से लॉन्च होंगे दो विदेशी सैटेलाइट, शुरू हुई उल्टी गिनती
- ये दोनों अर्थ ओबजर्वेशन सैटेलाइट 'नोवा एसएआर' और 'एस1-4' यूनाइटेड किंग़डम के है।
- ISRO रविवार को पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हिकल (PSLV) C42 की मदद से दो विदेशी सैटेलाइट अंतरिक्ष में छोड़ेगा।
- श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से इसे लॉन्च किया जाएगा।
डिजिटल डेस्क, चेन्नई। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) रविवार को पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हिकल (PSLV) C42 की मदद से दो विदेशी सैटेलाइट अंतरिक्ष में छोड़ेगा। आंध्र प्रदेश में श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से इसे लॉन्च किया जाएगा। ये दोनों अर्थ ओब्जर्वेशन सैटेलाइट "नोवा एसएआर" और "एस1-4" यूनाइटेड किंगडम के हैं। लॉन्च के लिए 33 घंटों की उलटी गिनती शनिवार दोपहर 1 बजकर 8 मिनट पर शुरू हुई।
PSLV-C42 अपने साथ किसी भी भारतीय सैटेलाइट को लेकर नहीं जाएगा। रविवार रात 10 बजकर 8 मिनट पर ये लॉन्च होगा। ये नोवा एसएआर और एस1-4 को पृथ्वी से 583 किलोमीटर दूर सन सिन्क्रोनस ऑर्बिट में स्थापित करेगा। 4.4 मीटर लंबे और 230.4 टन भार के पीएसएलवी रॉकेट की कुल उड़ान 17 मिनट 44 सेकंड्स की होगी। दोनों सैटेलाइट का स्वामित्व सरे सैटेलाइट टेक्नोलॉजीस लिमिटेड के पास है, जिसने एंट्रिक्स कॉर्पोरेशन के साथ एक कमर्शियल लॉन्च अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं।
नोवा एसएआर एक एस-बैंड सिंथेटिक एपर्चर रडार सैटेलाइट है, इनका प्रक्षेपण फॉरेस्ट मैपिंग, बाढ़ एवं अन्य आपदाओं की निगरानी के लिए किया जा रहा है। वहीं एस 1-4 एक हाई रिज़ॉल्यूशन ऑप्टिकल अर्थ ओबजर्वेशन सैटेलाइट है जिसका उपयोग संसाधनों, शहरी प्रबंधन और पर्यावरण और आपदाओं की निगरानी के लिए किया जाएगा।
एंट्रिक्स अब तक 280 से अधिक विदेशी ग्राहकों के सैटेलाइट को अंतरिक्ष में छोड़ने का अनुबंध कर चुका है। इनमें से ज्यादातर छोटे एक्सपेरिमेंटल या अर्थ आबजर्वेशन सैटेलाइट रहे हैं। PSLV की ये 44वीं उड़ान होगी, वहीं अकेले कोर के साथ ये 12वीं बार उड़ान भरेगा।
बता दें कि ये PSLV-C42 की इस साल की पहली पूरी तरह से कमर्शियल ट्रिप होगी। ISRO ने पांच महीने पहले 12 अप्रैल 2018 को PSLV-C41 की मदद से नैविगेशन सैटेलाइट IRNSS-1I को लॉन्च किया था। वहीं जनवरी में PSLV-C40 की मदद से भारत के मौसम अवलोकन सैटेलाइट कार्टोसैट-2 श्रृंखला का प्रक्षेपण किया था।
Created On :   15 Sept 2018 11:07 PM IST