अंदेशा था वही हुआ, जेल चिन्मयानंद के वश की बात नहीं! पहुंचे अस्पताल

It was expected that the same thing happened, not under the control of Jail Chinmayananda! Arrived hospital
अंदेशा था वही हुआ, जेल चिन्मयानंद के वश की बात नहीं! पहुंचे अस्पताल
अंदेशा था वही हुआ, जेल चिन्मयानंद के वश की बात नहीं! पहुंचे अस्पताल

शाहजहांपुर, 23 सितम्बर (आईएएनएस)। वाकई जेल की जिंदगी से पार पाना हर किसी के वश की बात नहीं है। शायद इस कड़वे सच का अनुभव चिन्मयानंद को जेल में गुजरी एक ही काली रात ने करा दिया। शायद यही वजह रही होगी कि कानून की छात्रा से मसाज कराने और उसके साथ दुष्कर्म करने के आरोपी स्वामी की रविवार-सोमवार की रात जेल में कथित रूप से तबियत खराब होने लगी।

आनन-फानन में डाक्टरों की टीम ने जांच की, जिसमें सीने में दर्द की शिकायत सामने आई। लिहाजा आरोपी स्वामी चिन्मयानंद को सोमवार को दिन निकलते ही विशेष एंबुलेंस से लखनऊ स्थित किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) की ओर रवाना कर दिया गया।

मामले की जांच कर रही एसआईटी के एक उच्च पदस्थ सूत्र ने नाम गोपनीय रखने की शर्त पर बताया, कुछ ही देर में लखनऊ पहुंचकर स्वामी केजीएमयू में दाखिल हो जाएंगे। देर रात उन्होंने सीने में दर्द की शिकायत की थी।

देर रात चिन्मयानंद के सीने में दर्द की शिकायत मिलते ही शाहजहांपुर जिला जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में आरोपी चिन्मयानंद सरकारी डॉक्टरों की टीम के हवाले कर दिए गए। कुछ देर चली चिकित्सकीय जांच के बाद उन्हें इलाज के लिए लखनऊ स्थित केजीएमयू भिजवाने का इंतजाम करने का फैसला लिया गया।

लिहाजा मामले की गंभीरता के मद्देनजर जेल प्रशासन ने रात में ही स्वामी को केजीएमयू में दाखिल कराने के इंतजाम शुरू कर दिए। सुबह होते ही उन्हें एंबुलेंस से लखनऊ के लिए रवाना कर दिया गया।

जिस तरह के भागीरथ प्रयासों के बाद स्वामी चिन्मयानंद को एसआईटी गिरफ्तार करके जेल में डाल पाई थी, पुलिसिया पड़ताल की दुनिया में वो भी एक मिसाल ही थी। वरना चचार्एं यही थीं कि कभी देश की सत्ता के भोग का जायका चख चुके (बहैसियत केंद्रीय गृह राज्यमंत्री) स्वामी जी शायद ही जेल पहुंचाए जा पाएंगे। कानूनी रास्तों पर बेहद सलीके और सधे हुए कदमों से चल रही एसआईटी ने हालांकि अंतत: चिन्मयानंद को जेल में डालकर तमाम चर्चाओं पर विराम लगा दिया था।

यह अलग बात है कि, जेल की चार-दीवारी के कष्ट क्या होते हैं, बाहर तमाम साम्राज्य के स्वामी रहे और अब दुष्कर्म के आरोपी चिन्मयानंद को इसका अहसास जेल में गुजरी एक ही रात में हो गया। जिस दिन स्वामी चिन्मयांनद जेल भेजे गए उसी दिन इन चर्चाओं का बाजार गरम होने लगा था कि जो आरोपी एंबुलेंस में बीमारी के बहाने से हरिद्वार की ओर कूच करने की जुगत में जुटा था, मगर ऐन टाइम पर उसे गिरफ्तार करके जेल में डाल दिया गया हो, आखिर वो इंसान जेल में कैसे रह पाएगा?

चचार्ओं के मुताबिक, स्वामी और उसके सिपहसालार जेल जाने से पहले ही, किसी भी तरह से जेल न भेजे जाने के उपाय खोजने में जुट गए थे। यह अलग बात है कि उन सबकी हर जुगत नाकामयाब होती गयी। आरोपी को जेल का भय किस कदर परेशान कर रहा था, इसका अंदाजा उसी दिन लग गया था जिस दिन, छात्रा द्वारा धारा 164 के बयान अदालत में कलमबद्ध कराए गए थे।

उसी दिन शाम होते-होते स्वामी अपने ही मुमुक्षु आश्रम के निजी चिकित्सकों की निगरानी में बीमार होकर लेट गया था, ताकि चारों ओर यह अफवाह फैल सके कि स्वामी की तबियत नासाज है। एसआईटी सहित उन्हें कोई न छुए। हुआ मगर इस सबके विपरीत।

कई दिन से चिन्मयानंद के खिलाफ तमाम-सबूत और गवाहों के बयानों से लदी भारी-भरकम फाइलों को इधर से उधर ढो रही एसआईटी ने बिना किसी झुंझलाहट के स्वामी को दबे पांव गिरफ्तार करके जेल में डाल दिया।

एसआईटी से जुड़े एक सूत्र ने आईएएनएस से कहा, गिरफ्तारी के बाद से ही स्वामी जेल से बचने के उपाय खोजने में मशरूफ हो गया था। इससे भी इंकार नहीं किया जा सकता है कि अब रविवार-सोमवार की रात जेल में अचानक स्वामी पर आई बीमारी उसी कड़ी का हिस्सा हो।

हालांकि जिला पुलिस और जेल प्रशासन इन सब तथ्यों से साफ-साफ इंकार कर रहे हैं। शाहजहांपुर जिला जेल प्रशासन के एक सूत्र ने नाम गोपनीय रखने की शर्त पर बताया, मामला एक कैदी के स्वास्थ्य से जुड़ा था। जेल प्रशासन ऐसे में कोई जोखिम नहीं ले सकता। हर कैदी की सुरक्षा-इलाज और हिफाजत करना जेल प्रशासन की प्राथमिकता होता है। ऐसे में सरकारी चिकित्सकों ने भी चिन्मयानंद मामले में जो मशविरा दिया, उसी के अनुसार आरोपी को लखनऊ स्थित केजीएमयू भेजा गया है।

Created On :   23 Sep 2019 6:31 AM GMT

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