UPA की तुलना में 20% कम कीमत पर हुआ राफेल सौदा - अरुण जेटली
- राफेल जेट सौदे को लेकर कांग्रेस लगातार मोदी सरकार को घेर रही है।
- राफेल डील दोनों सरकारों के बीच हुई थी
- कोई भी बिचौलिया इसमें शामिल नहीं था।
- वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा
- UPA की तुलना में 20% कम कीमत पर हुआ राफेल सौदा।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राफेल जेट सौदे को लेकर कांग्रेस लगातार मोदी सरकार को घेर रही है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को कहा कि UPA की 2007 की डील की तुलना में मौजूदा एनडीए सरकार ने प्रत्येक विमान का सौदा करीब 20 प्रतिशत कम कीमत पर किया है।
न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में, जेटली ने कहा कि डील का हर एक विमान फुली लोडेड है और यह डील दोनों सरकारों के बीच की गई है कोई भी बिचौलिया इसमें शामिल नहीं है। जेटली ने कहा "क्या आप बेसिक एयरक्राफ्ट की कीमत की तुलना फुली लोडेड एयरक्राफ्ट की कीमत से कर सकते हैं? क्या आप एक हथियारों से लैस विमान की तुलना एक साधारण विमान से कर सकते हैं? यदि 2012 में समझौता हो गया होता तो 2017 में राफेल की पहली खेप मिल गई होती।
जेटली ने कहा, 2015 से 2016 के बीच सौदे पर कई चरणों में बातचीत हुई और 2016 में इस डील पर अंतिम मुहर लगी। उन्होंने कहा कि करेंसी में उतार चढ़ाव की वजह से सौदे की कीमत में बदलाव हुआ। इस तरह राफेल विमानों की कीमत बेसिक प्राइस से कम हुई। क्या कांग्रेस को इस तथ्य की जानकारी नहीं है? अरुण जेटली ने कहा कि राष्ट्रीय पार्टी से इस प्रकार की उम्मीद की जाती है कि कोई भी आरोप लगाने से पहले वह तथ्यों की जांच करें। उन्होंने कहा कि यूपीए की सरकार ने इस डील में करीब एक दशक की देरी की, जिसका सीधा असर राष्ट्रीय सुरक्षा पर पड़ा।
जेटली ने कहा, 2007 के राफेल ऑफर को लेकल राहुल गांधी खुद अपनी अलग-अलग स्पीच में 7 तरह के दाम बता चुके हैं। कांग्रेस और राहुल गांधी जिस तरह की बात कर रहे हैं, वह प्राइमरी स्कूल के स्तर की डिबेट है। अरुण जेटली ने कांग्रेस पार्टी को चुनौती देते हुए कहा कि अगर ये डील देश के हित में नहीं थी तो कांग्रेस इसके सबूत पेश करे। राहुल गांधी पर तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने का भी आरोप जेटली ने लगाया।
Created On :   29 Aug 2018 6:17 PM IST