- जेटली ने कांग्रेस को विध्वंशक भी करार दिया है।
डिजिटल डेस्क नई दिल्ली। नगदी संकट से जूझ रही प्राइवेट कंपनी ILFS को केंद्र सरकार का सहारा मिलने पर कांग्रेस प्रेसिडेंट राहुल गांधी के आरोपों पर वित्त मंत्री अरुण जेटली की प्रतिक्रिया आई है। अरुण जेटली ने इस मामले में राहुल गांधी को अपनी ही पार्टी के नेताओं से सीखने की सलाह दी है। जेटली ने कहा है कि केवल राहुल गांधी की विकृत सोच ही ILFS में वित्तीय संस्थानों के निवेश को घोटाला बता सकती है। इतना ही नहीं जेटली ने कांग्रेस को विध्वंसक भी करार दिया है। ये सारी बातें जेटली ने Lessons for Rahul Gandhi from his Partyman (राहुल गांधी के लिए उनके पार्टी नेता से सीख) शीर्षक से डाली गई एक लंबी चौड़ी फेसबुक पोस्ट में कही है।
क्या कहा अरुण जेटली ने?
वित्त मंत्री ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए पूछा "किसी भी कंपनी में वित्तीय संस्थानों का निवेश करना क्या घोटाला है, जैसा कि राहुल गांधी और उनकी मंडली फैला रही है?" उन्होंने कहा "जब सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने 1987 में 50.5% और यूटीआई ने 30.5% हिस्सेदारी लेकर ILFS को प्रमोट किया तो क्या वह घोटाला था? 2005 में एलआईसी ने ILFS का 15% स्टेक लिया और मार्च 2006 में फिर से 11.10% हिस्सेदारी ली तो क्या वे घोटाले थे? क्या हम "राहुल गांधी की विकृत सोच" के मुताबिक इन सभी निवेशों को आज घोटाला कहना शुरू कर दें?"
केवी थॉमस ने दिए थे जेटली को सुझाव
जेटली ने अपनी फेसबुक पोस्ट में कांग्रेस नेता केवी थॉमस से मिली उस चट्ठी का भी हवाला दिया है, जिसमें थॉमस ने ILFS की समस्या को सुलझाने के लिए तीन सुझाव दिए थे। केवी थॉमस ने 20 सितंबर को अरुण जेटली को ये सुझाव भेजे थे। इनमें पहला सुझाव था कि सरकार एलआईसी, एसबीआई, एचडीएफसी जैसे संस्थानिक निवेशकों को ILFS की मदद के लिए निर्देश दे। थॉमस ने यहां तक लिखा है कि वित्त मंत्री इन संस्थानिक निवेशकों को ILFS की तरफ से 8 हजार करोड़ रुपये की मांग पूरी करने के लिए उसकी हिस्सेदारी खरीदने और कर्ज देने को कहें। दूसरे सुझाव में थॉमस ने लिखा था कि सरकार नेशनल हाइवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) और अन्य सरकारी एजेंसियों को ILFS की बकाया राशि का कुछ हिस्सा बिना देर किए जारी करने को कहें। तीसरे सुझाव में थॉमस ने सरकार को बिना बैंक गारंटी के ILFS को फंडिंग करने के लिए कहा था।
Created On :   2 Oct 2018 12:08 AM IST