एयर स्ट्राइक से पहले बालाकोट JEM कैंप में 300 मोबाइल थे एक्टिव - NTRO सूत्र

JeM Balakot camp had 300 active mobile connections just before IAF strike
एयर स्ट्राइक से पहले बालाकोट JEM कैंप में 300 मोबाइल थे एक्टिव - NTRO सूत्र
एयर स्ट्राइक से पहले बालाकोट JEM कैंप में 300 मोबाइल थे एक्टिव - NTRO सूत्र

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत ने जब 26 फरवरी को पाकिस्तान में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की थी उससे पहले जैश के कैंप में 300 मोबाइल फोन एक्टिव थे। भारतीय खुफिया एजेंसियों के टेक्निकल सर्विलेंस में ये बात सामने आई थी जिसके बाद ही एयरफोर्स ने एयर स्ट्राइक को अंजाम दिया। सूत्रों के हवाले से ये बात कही जा रही है।

सूत्र बताते हैं पाकिस्तान के खैबर पख्तूनवाला में टारगेट फाइनल होने के बाद नेशनल टेक्निकल रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (NTRO) ने जैश कैंपों की टेक्निकल सर्विलेंस शुरू की। इस दौरान टारगेट एरिया में 300 एक्टिव मोबाइल सिग्नल के बारे में पता चला। NTRO के अलावा दूसरी एजेंसिया भी जैश के कैंप का टेक्निकल सर्विलेंस कर रही थी उन्हें भी 300 एक्टिव मोबाइल फोन की मौजूदगी का पता चला था। इन मोबाइल की मोजूदगी से साफ है कि वहां पर करीब जैश के 300 आतंकी मौजूद थे।

300 मोबाइल फोन एक्टिव होने की जानकारी ऐसे समय में सामने आ रही है जब विपक्ष लगातार मोदी सरकार से एयर स्ट्राइक के सबूत मांग रहा है। कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने मोदी सरकार से सवाल पूछा था कि क्या सच में पाकिस्तान में एयर स्ट्राइक हुई थी। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा था "क्या वहां (पाकिस्तान) में 300 आतंकी मारे गए हैं या नहीं ? अगर नहीं तो इसका क्या मकसद था? क्या सिर्फ पेड़ उखाड़ने ही गए थे। इसके अलावा कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने भी कहा था कि सैटेलाइट के माध्यम से सारी तस्वीरें सामने आ जाती हैं। जिस तरह सबूत अमेरिका ने लादेन के बारे में पूरे विश्व को दिए, उसी तरह हमें भी प्रमाण देना चाहिए।  

बता दें कि पुलवामा आतंकी अटैक में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। जिसके बाद भारत ने इसका जवाब देने के लिए पाकिस्तान में घुसकर आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की थी। इस एयर स्ट्राइक में 250-300 आतंकवादी मारे जाने की बात कही जा रही थी। इस कार्रवाई से पाकिस्तान बौखला गया था और उसने भारतीय वायु सीमा में दाखिल होकर सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिश की थी। हालांकि भारतीय वायुसेना ने इसे पूरी तरह से नाकाम कर दिया था। इस संघर्ष के दौरान वायुसेना के विंग कमांडर अभिनंदन पाकिस्तान के चंगुल में फंस गए थे। हालांकि बाद ने भारत के दबाव के आगे पाकिस्तान को झुकना पड़ा था और उसे अभिनंदन को छोड़ना पड़ा था।  

Created On :   4 March 2019 7:52 PM IST

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