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जवाहर लाल यूनिवर्सिटी छात्रों ने दी चेतावनी, जारी रहेगा आंदोलन

हाईलाइट
- मांगों को लेकर JNU छात्र करेंगे प्रेस कॉन्फ्रेंस
- सोमवार को किया था जोरदार विरोध प्रदर्शन
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) में बढ़ाई गई फीस को लेकर छात्रों का विरोध आंदोलन लगातार गति पकड़ता जा रहा है। सोमवार को जोरदार प्रदर्शन करने के बाद अब JNU छात्र मंगलवार को अपनी मांगों को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस करने जा रहे हैं। छात्रों ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय (MHRD) से अपील की थी कि वह उनकी समस्याओं का समाधान कर उनकी मदद करें। इसके बाद MHRD मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक उन्हें फीस बढ़ोतरी वापस लेने का आश्वासन दे चुके हैं। वहीं रिवॉल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (RSP), इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) और तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने भी इस मुद्दे पर मंगलवार की सुबह लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव दिया है।
Revolutionary Socialist Party (RSP), Indian Union Muslim League (IUML) & Trinamool Congress (TMC) have given Adjournment Motion Notice in Lok Sabha over 'Jawaharlal Nehru University (JNU) issue' pic.twitter.com/BZbDUN0uo5
— ANI (@ANI) November 19, 2019
उचित कदम उठाने के लिए समिति का गठन
JNU में जारी प्रदर्शन को खत्म करने और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए जरूरी कदमों की अनुशंसा करने के लिए MHRD ने सोमवार को तीन सदस्यों की एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया है। इस समिति में UGC के सचिव प्रोफेसर रजनीश जैन, UGC के पूर्व चेयरमैन प्रोफेसर वी एस चौहान और AICTI के चेयरमैन प्रोफेसर अनिल सहस्रबुद्धे शामिल हैं।
उच्च शिक्षा विभाग के केंद्रीय विश्वविद्यालय ब्यूरो की ओर से जारी आदेश के मुताबिक यह समिति सभी संबद्ध लोगों से चर्चा करेगी और JNU प्रशासन को विवादित मुद्दों के समाधान के लिए जरूरी कदम उठाने की सलाह देगी। वहीं MHRD मंत्रालय ने समिति को तत्काल छात्रों और यूनिवर्सिटी प्रशासन से बात करने के साथ-साथ मुद्दों को सुलझाने के लिए भी जरूरी कदमों की सिफारिश की रिपोर्ट जमा करने के लिए कहा गया है।
क्या है मामला
बता दें कि JNU के छात्र पिछले 20 दिनों से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका प्रदर्शन उस वक्त से जारी है, जब यूनिवर्सिटी हॉस्टल की नियमावली का मसौदा पेश किया गया था। इसमें हॉस्टल की फीस बढ़ाने, ड्रेस कोड और हॉस्टल की टाइमिंग निर्धारित की गई थी। इसके अलावा उनकी फीस में भी बढ़ोतरी की गई है।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।