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शुजात बुखारी के जनाजे में उमड़ा जनसैलाब, संदिग्ध हत्यारों की तस्वीर जारी
हाईलाइट
- 'राइजिंग कश्मीर' के संपादक शुजात बुखारी को दी अंतिम विदाई
- जनाजे मे पहुंचे भाजपा और पीडीपी के कई बड़े नेता
- संदिग्ध हत्यारों ने गोली मारकर की थी हत्या
डिजिटल डेस्क, श्रीनगर। जम्मू कश्मीर के श्रीनगर में 'राइजिंग कश्मीर' के संपादक शुजात बुखारी की गुरूवार देर शाम संदिग्ध हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।आज उन्हें अंतिम विदाई देने के लिए हजारों की संख्या में कश्मीरी लोग बारामुला में उनके पैतृक गांव पहुंचे। जहां हल्की बारिश के बीच उन्हें सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया। बारिश के बीच जनाजे में पहुंची घाटी की जनता ने एक बार फिर साबित कर दिया कि वो आतंकियों के मंसूबों के पूरी तरह से खिलाफ हैं। इस दौरान विपक्षी नेता उमर अब्दुल्ला, नईम अख्तर, तसदुदक हुसैन और पीडीपी व भाजपा के मंत्री भी शामिल थे। बता दें कि इस हमले में शुजात बुखारी के साथ उनके दो रक्षाकर्मियों की भी मौत हो गई थी।
जम्मू कश्मीर पुलिस ने उन लोगों की तस्वीरें भी जारी की हैं, जिन पर राइजिंग कश्मीर के संपादक शुजात बुखारी की हत्या का संदेह है। पुलिस ने स्थानीय लोगों से कहा कि वे इन संदिग्धों की पहचान में मदद करें। पुलिस ने जो सीसीटीवी फुटेज बरामद किए हैं। उनमें नकाबपोश नजर आ रहे हैं। फिलहाल इन सदिग्धों की तस्वीरों के आधार पर पुलिस कोई बड़ा सुराग खोजने की कोशिश कर रही है।
पहले भी हो चुके हैं हमले
शुजात बुखारी पर इससे पहले भी कई बार जानलेवा हमले हो चुके हैं। जुलाई 1996 में आतंकियों ने उन्हें 7 घंटे तक अनंतनाग में बंधक बनाकर रखा गया था। इसके बाद साल 2000 में जान से मारने की धमकी मिली थी। वहीं 2006 में भी बुखारी पर जनलेवा हमला किया गया था। इसके बाद बुखारी को एक्स श्रेणी की सुरक्षा मुहैया कराई गई थी। बुखारी जहां जाते थे उनके साथ 2 सुरक्षाकर्मी जरूर होते थे।
गृहमंत्री राजनाथ ने जताया दुख
बुखारी की हत्या पर केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने दुख जताया है। राजनाथ ने ट्वीट कर लिखा, 'राइजिंग कश्मीर के संपादक शुजात बुखारी की हत्या कायराना हरकत है। यह कश्मीर की विचारशील आवाज को दबाने की कोशिश है। उनकी मौत से मैं बहुत स्तब्ध और दुखी हूं।
परिवार में दुख का माहौल
शुजात बुखारी की मौत के बाद से उनके परिवार में दुख का माहौल है। बुखारी के साथ दोस्त, परिवार और ऑफिस के सभी कर्मचारी इस घटना के बाद से स्तब्ध हैं।
प्रेस के साथियों ने दी श्रृद्धाजंलि
शुजात बुखारी को उन्हीं के साथ काम करने वाले जम्मू कश्मीर के सभी पत्रकारों और प्रेस क्लब के सदस्यों ने श्रृद्धाजंलि दी।
अमेरिका के राजदूत ने जताया शौक
अमेरिका में भारत के राजदूत केनथ जस्टर ने इस पूरी घटना को दुखद बताते हुए शौक व्यक्त किया है।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।