केरल: बाढ़ से राहत के बाद पुनर्वास तेज, विदेशी मदद पर छिड़ी बहस

केरल: बाढ़ से राहत के बाद पुनर्वास तेज, विदेशी मदद पर छिड़ी बहस
हाईलाइट
  • कांग्रेस की मांग- विदेशी मदद स्वीकार करे मोदी सरकार।
  • केंद्र सरकार ने बाढ़ राहत के लिए विदेशी मदद लेने से किया इंकार।
  • केरल बाढ़: बारिश से राहत के बाद घरों की ओर लौट रहे लोग।
  • नौसेना का 'ऑपरेशन मदद' अभियान खत्म।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केरल में बारिश के थमने से लोगों को राहत मिली है। बाढ़ का पानी कम होने के साथ ही लोग अपने-अपने घरों की ओर लौट रहे हैं। बाढ़ की तबाही में बर्बाद हो चुके घरों की मरम्मत की जा रही है। बाढ़ पीड़ितों के लिए शुरू किया गया नौसेना का ऑपरेशन मदद अभियान भी खत्म हो गया है। वहीं दूसरी ओर पीड़ितों की मदद के लिए विदेशी सहायता को लेकर राजनीतिक गलियारों में बहस छिड़ गई है। कांग्रेस ने मोदी सरकार से विदेशी सहायता स्वीकार करने की मांग की है।

 

राहत शिविरों में लाखों लोग

दरअसल केरल से 14 जिलों में करीब 13 लाख लोग राहत शिविरों में शरण लिये हुए हैं। इन लोगों को तीन हजार से अधिक राहत शिविरों में रखा गया है। बाढ़ में अब तक करीब 400 लोगों की जान जा चुकी है। वहीं केंद्र की मोदी सरकार ने केरल बाढ़ राहत के लिए विदेशी सहायता लेने से इनकार कर दिया है। इस फैसले पर सत्तारूढ़ मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और विपक्षी दल कांग्रेस ने नाराजगी जाहिर की है।

 

जरूरत पड़ी तो पीएम से करेंगे बात- सीएम विजयन

पूर्व रक्षामंत्री एके एंटनी ने कहा, विदेशी मदद स्वीकार करने के लिए नियमों में परिवर्तन किया जाना चाहिए। केरल के राजनीतिक दलों के नेताओं ने भी केंद्र सरकार से प्रदेश में राहत कार्य के लिए विदेशी सहायता स्वीकार करने पर दोबारा विचार करने को कहा है। केरल के सीएम पिनाराई विजयन ने कहा है कि जरूरत पड़ी तो वह पीएम मोदी से भी बातचीत करेंगे। गुरुवार को सीएम पिनाराई विजयन ने चेंगन्नूर में राहत शिविरों की व्यक्तिगत तौर पर समीक्षा भी की। 

 

 

मौजूदा नीति के तहत स्वीकार नहीं कर सकते विदेशी सहायता

वहीं विदेशी सहायता को लेकर भारत सरकार ने साफ कर दिया कि वह अपनी एक मौजूदा नीति के तहत बाढ़ प्रभावित केरल के लिए विदेशी सरकारों से वित्तीय सहायता स्वीकार नहीं कर सकता। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने बताया, सरकार केरल में राहत और पुनर्वास की जरूरतों को घरेलू प्रयासों के जरिए पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। केरल में बाढ़ राहत अभियानों के लिए कई देशों ने मदद की घोषणा की है।

 

यूएई, कतर और मालदीव ने की मदद की पेशकश

संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने 700 करोड़ रुपये (10 करोड़ डॉलर) की पेशकश की है। वहीं कतर ने 35 करोड़ रूपये और मालदीव ने 35 लाख रूपये की वित्तीय सहायता की घोषणा की है। हालांकि कुमार ने गैर प्रवासी भारतीयों और फाउंडेशनों जैसी अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं की ओर से पीएम राहत कोष और सीएम राहत कोष में भेजे गए चंदे का स्वागत किया है। 
 


बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए दिहाड़ी मजदूरों ने बढ़ाया हाथ

मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री सहायता कोष में हरदा के दिहाड़ी मजदूरों ने भी मदद के लिए हाथ बढ़ाया है। हरदा में ट्रांसपोर्ट व्यवसाय से जुड़े ठेला चलाने वाले मजदूर और हम्मालों ने अपनी एक दिन की कमाई केरल के बाढ़ पीड़ितों को दान कर मानवता की मिसाल पेश की है। शहर के थाना चौराहे पर मजदूरी करने वाले ये लोग दिन भर में मुश्किल से 20, 50 या 100 रुपए ही कमा पाते हैं। बारिश के मौसम में इन्हें रोज काम भी नहीं मिल पाता है।

 

नौसेना का "ऑपरेशन मदद" अभियान खत्म

केरल में थोड़ी राहत के बाद भारतीय नौसेना ने अपना "ऑपरेशन मदद" अभियान 14 दिन बाद बुधवार को खत्म कर दिया। दक्षिणी नौसेना कमांड के मुताबिक राज्य प्रशासन और आपदा राहत अभियान उपक्रमों में सहायता के लिए 9 अगस्त को शुरू किए गए ‘ऑपरेशन मदद’ के दौरान नौसेना के जवानों ने कुल 16 हजार पांच लोगों को बचाया है। 

 

सेना के जवानों के लिए होगा विदाई समारोह का आयोजन 

केरल सरकार ने भीषण बाढ़ के वक्त राहत- बचाव कार्य में जुटे सशस्त्र बल के जवानों के प्रति आभार व्यक्त किया है साथ ही उनके लिए रविवार को विदाई समारोह का आयोजन करने का ऐलान किया है। बचाव और राहत उपायों की समीक्षा से जुड़ी एक बैठक के बाद मुख्यमंत्री पिनारई विजयन ने कहा सशस्त्र बलों के जवानों, जिन्होंने बचाव अभियान में हिस्सा लिया, उनके लिए 26 अगस्त को विदाई कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।

Created On :   23 Aug 2018 3:26 AM GMT

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