सबरीमाला मंदिर : मुख्य पुजारी ने महिलाओं से की अपील, कहा- मंदिर में प्रवेश न करें
- गुरुवार सुबह एक बार फिर मंदिर के कपाट खुले। इस दौरान महिलाओं ने मंदिर में प्रवेश करने की कोशिश की
- लेकिन प्रदर्शनकारियों ने बीच में ही उनका रास्ता रोक दिया है।
- मंदिर विवाद को लेकर केरल बंद
- कई इलाकों में धारा 144 लागू
- सबरीमाला मंदिर में महिलाओं की एंट्री को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद केरल में फैला असंतोष बढ़ता जा रहा है।
डिजिटल डेस्क, तिरुवनंतपुरम। सबरीमाला मंदिर में महिलाओं की एंट्री को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद केरल में फैला असंतोष बढ़ता जा रहा है। इस बीच गुरुवार सुबह एक बार फिर मंदिर के कपाट खुले। इस दौरान महिलाओं ने मंदिर में प्रवेश करने की कोशिश की, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने बीच में ही उनका रास्ता रोक दिया। इन सबके बीच मंदिर के मुख्य पुजारी कंदारू राजीवारू ने अपील की है कि 10-50 वर्ष की महिलाएं समस्या पैदा न करें और मंदिर में प्रवेश करने की कोशिश न करें।
मंदिर के मुख्य पुजारी कंदारू राजीवारू ने 10-50 वर्ष की महिलाओं से अपील की है कि वे सन्निधानम में प्रवेश न करें। पुजारी ने इन महिलाओं से समस्या नहीं पैदा करने की भी अपील की है। इस दौरान कंदारू ने उन सभी खबरों को भी खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया है कि पूजा अर्चना के लिए एक विशेष आयु वर्ग की महिलाओं के भगवान अयप्पा मंदिर में प्रवेश करने पर इस मंदिर को तंत्री परिवार द्वारा बंद कर देने की योजना है।
बता दें कि बुधवार शाम को भी मंदिर के कपाट खुले थे, लेकिन महिलाएं प्रवेश के लिए मंदिर में दाखिल नहीं हो सकी। गुरुवार को सुबह से महिलाओं की एंट्री के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों और पुलिस बल के बीच हिंसक झड़प देखने को मिली। प्रदर्शनकारियों के गुस्से का सामना कुछ पत्रकारों को करना पड़ा, कई पत्रकारों को चोटें आई। उनके वाहनों पर हमले किए गए।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सबरीमाला के अयप्पा मंदिर में 10 से 50 साल की महिलाओं को प्रवेश की इजाजत देना परंपरा के खिलाफ है। हम अपनी परंपरा को किसी भी कीमत पर नहीं टूटने देंगे। जबकि सुप्रीम कोर्ट ने इसी साल 28 सितंबर को इसे असंवैधानिक करार दिया था। शीर्ष अदालत ने कहा था कि लिंग के आधार पर भेदभाव नहीं किया जा सकता है। मंदिर प्रशासन सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का विरोध कर रहा है।
We"ll give protection to everybody going up. It"s our job,to give protection to all pilgrims.We"ll put more manpowersecure all routes.She(journalist Suhasini Raj reportedly working with New York Times)wasn"t forced to come back, she came back:IGP Thiruvananthapuram range #Kerala pic.twitter.com/2ZPhs9IsXj
— ANI (@ANI) October 18, 2018
सबरीमाला मंदिर का बढ़ता विवाद
सबरीमाला मंदिर का विवाद बढ़ता जा रहा है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि पत्तनमतिट्टा जिले में स्थित सबरीमला पहाड़ी पर जाने के तीनों मुख्य रास्तों पम्बा, निलक्कल और एरूमेली सहित विभिन्न जगहों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। हालात को बेकाबू देखते हुए प्रशासन ने चार स्थानों पंपा, निलक्कल, सान्नीधानम, एलावुंगल पर धारा 144 लगा दी है। मंदिर में महिलाओं की एंट्री के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों और पुलिस बल के बीच हिंसक झड़प हुई। प्रदर्शनकारियों के गुस्से का सामना कुछ पत्रकारों को करना पड़ा, कई पत्रकारों को चोटें आई।न्यूयॉर्क टाइम्स के लिए काम कर रहीं पत्रकार सुहासिनी राज को सबरीमाला मंदिर जाने के रास्ते में प्रदर्शनकारियों द्वारा रोका गया। जबकि पुलिस ने कहा कि भारी भीड़ को देखते हुए वे खुद वापस हो गईं। कल निलक्कल में बसों में तोड़फोड़ की की वजह से केरल स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन ने आज बसें बंद की।
प्रवीण तोगड़िया के नेतृत्व में दक्षिणपंथी संगठन ‘अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद’और ‘सबरीमला समरक्षणा समिति’ने मध्यरात्रि से 24 घंटे के लिए केरल बंद का आव्हान किया है। कल की हिंसा के बाद डर और बंद का असर साफ तौर पर दिख रहा है। बीजेपी और एनडीए के अन्य सहयोगियों ने सबरीमला एक्शन काउंसिल की ओर से आहूत की गई 12 घंटे की हड़ताल को अपना समर्थन दिया है। यह हड़ताल श्रद्धालुओं के खिलाफ पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई के विरोध में बुलाई गई है। वहीं कांग्रेस ने कहा है कि वह इस हड़ताल में शामिल तो नहीं होगी लेकिन पूरे राज्य में विरोध प्रदर्शन करेंगे।
Created On :   18 Oct 2018 12:39 PM IST