खेलों में सट्टेबाजी को लीगल करना अभी सही नहीं : लॉ कमीशन
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सट्टेबाजी को भारत में लीगल करने को लेकर लॉ कमीशन ने शुक्रवार को अपना स्पष्टीकरण दिया। लॉ कमीशन ने केंद्र से कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में इसे लीगल करना सही नहीं होगा। गैरकानूनी सट्टेबाजी और जुए पर पूरा प्रतिबंध सुनिश्चित किया जाना चाहिए। वहीं उन्होंने गुरुवार को मीडिया में आई अपनी उस रिपोर्ट का भी जिक्र किया जिसमें कहा गया था कि सट्टेबाजी को लीगल कर दिया जाना चाहिए। लॉ कमीशन ने कहा कि उनकी रिपोर्ट का गलत अर्थ निकाला गया।
It has been stronglycategorically recommended that legalising bettinggambling in India in present scenario isn"t desirablethat complete ban on unlawful bettinggambling must be ensured: Law commission of India in its clarification on 276th report on gamblingbetting in sports
— ANI (@ANI) July 6, 2018
It has been recommended that effective regulation remains the only viable option to control gambling, if it isn"t possible to enforce complete ban in order to prevent unlawful activities: Law commission of India in its clarification on 276th report on gambling betting in sports
— ANI (@ANI) July 6, 2018
क्या कहा था लॉ कमीशन ने?
बता दें कि गुरुवार को मीडिया में जो रिपोर्ट आई थी उसमें कहा गया था कि लॉ कमीशन ने खेलों में सट्टेबाजी को कानूनी दायरे में लाने की सिफारिश की है। इसमें कहा गया था कि क्रिकेट सहित अन्य खेलों में सट्टेबाजी और गैम्बलिंग की इजाजत दी जाए। लॉ कमीशन ने इसे रेग्युलेटेड गतिविधि के तौर पर मान्यता देने की सिफारिश की थी। आयोग का कहना था कि इन्हें नियमित करके प्रत्यक्ष और परोक्ष करों के दायरे में लाया जाए।
276वीं रिपोर्ट में सिफारिश
मीडिया रिपोर्ट्स में ये भी कहा गया था कि यह प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को आकर्षित करने का एक जरिया बन सकता है। आयोग ने बताया था कि इस तरह की गतिविधियों को रोक पाना संभव नहीं है। इसलिए इसे कारगर तरीके से रेग्युलेट करना ही एकमात्र रास्ता है। इस संबंध में 276वीं रिपोर्ट में सिफारिश की गई है। आयोग का मानना था कि कानून में बदलाव कर इसे टैक्स के दायरे में लाया जाए, जिससे रेवेन्यू जमा किया जा सके। संसद को इसके लिए एक आदर्श कानून बनाना चाहिए। हालांकि देश में अभी खेलों में सट्टेबाजी और गैम्बलिंग वैध नहीं है।
मोबाइल और इंटरनेट पर फल-फूल रहा कारोबार
हर मैच में कहीं न कहीं कोई बड़े पैमाने पर अपने रुपए दाव पर लगाता है, तो कहीं छोटे पैमाने पर, गैर-कानूनी ढंग से कई लाख करोड़ का यह कारोबार संचालित होता है। यह अवैध कारोबार मोबाइल और इंटरनेट के जरिए तेजी से मजबूत होता जा रहा है। बता दें कि दुनिया के कई देशों में सट्टेबाजी वैध है। बीते साल सुप्रीम कोर्ट ने लॉ कमीशन से कहा था कि वह इसे वैध बनाने की संभावनाओं पर पर विचार करें। क्रिकेट समेत दूसरे खेलों में सट्टेबाजी को इजाज़त देने पर अध्ययन का ज़िम्मा आयोग को सुप्रीम कोर्ट ने सौंपा था। कोर्ट ने ये आदेश BCCI में सुधार को लेकर चल रही सुनवाई के दौरान दिया था।
Created On :   7 July 2018 1:01 AM IST