शराबबंदी वाले बिहार में बंटती है शराब !
![Liquor is distributed in Bihar with liquor ban! Liquor is distributed in Bihar with liquor ban!](https://d35y6w71vgvcg1.cloudfront.net/media/2021/11/806743_730X365.jpg)
- जनवरी 2021 से अक्टूबर 2021 तक राज्य में कुल 38
- 72
- 645 लीटर अवैध शराब बरामद और जब्त की गई है
- बिहार के मुख्यमंत्री ने 16 नवंबर को फिर से समीक्षा करने की घोषणा भी की है
- शराबबंदी के बावजूद हुई थी शराब पीने से मौत
डिजिटल डेस्क,पटना। बिहार सरकार राज्य में शराबबंदी कर भले ही पीठ थपथपा रही हो लेकिन हाल के दिनों में राज्य में कथित शराब पीने से हुई मौतों ने शराबबंदी पर सवाल उठा दिए हैं। मुजफ्फरपुर के कांटी थाना क्षेत्र में हुई मौत मामले की जांच में यह भी बात सामने आई कि शराबबंदी के बावजूद शराब बंटती है।
बिहार में शराब रखने और पीने को अपराध बनाने से संबंधित बिहार राज्य मद्यनिषेध कानून के अस्तित्व मे आए करीब पांच साल बीत चुका है। राज्य के चार जिलों में शराब पीने से हुई मौत की घटनाओं ने एकबार फिर से मंथन करने की आवश्यकता महसूस की जाने लगी है।
बिहार के मुख्यमंत्री ने 16 नवंबर को फिर से समीक्षा करने की घोषणा भी की है। हालांकि, शराबबंदी के बावजूद शराब से कई लोगों की जान जाने के बाद यह सवाल उठने लगा कि इस कानून से घोषित सामाजिक और आर्थिक उद्देश्यों की प्राप्ति हुई भी या नहीं।
पुलिस मुख्यालय के जारी आंकडें भी इसकी पुष्टि करते हैं कि राज्य में शराब का व्यापार जारी है। बिहार पुलिस द्वारा जारी आधिकारिक आंकडों के मुताबिक, राज्य में इस साल यानी जनवरी 2021 से अक्टूबर 2021 तक राज्य मद्य निषेध एवं उत्पाद (संशोधन) अधिनियम-2018 के तहत विशेष छापेमारी करके विभिन्न जिलों में कुल 49,900 मामले दर्ज किए गए हैं जबकि इस दौरान राज्य में कुल 38,72,645 लीटर अवैध शराब बरामद और जब्त की गई है।
इस आंकडे से स्पष्ट है कि राज्य में शराब अभी भी पहुंच रहे हैं।
पुलिस मुख्यालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, इस साल अक्टूबर तक राज्य में कुल 12,93,229 लीटर देशी शराब और 25,79,415 लीटर विदेशी शराब बरामद की गई है। इस दौरान राज्य में 62,140 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया और 12,200 वाहन जब्त किए गए।
कुल गिरफ्तार आरोपियों में से 1,590 लोग राज्य से बाहर के निवासी हैं। शराब बरामदगी में अव्वल रहे जिलों की बात करें तो इस साल वैशाली जिले में सबसे अधिक 45,63,59 लीटर शराब बरामदगी की गई जबकि पटना में 35,00,85 लीटर, मुजफ्फरपुर में 25,64,80 लीटर, औरंगाबाद में 23,25,42 लीटर तथा मधुबनी में 22,37,67 लीटर शराब बरामद की गई।
इधर, आरोपियों की गिरफ्तारी के मामले में पटना शीर्ष स्थान पर रहा, जहां इस दौरान 6855 लोगों को शराब के धंधे में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। इसके अलावे सारण जिले में 3872 लोगों की गिरफ्तारी की गई जबकि पूर्वी चंपारण जिले में 2832 गिरफ्तारियां हुई।
बिहार में एक अप्रैल 2016 को बिहार मद्य निषेध कानून लागू किया गया। उस समय संभावना जताई गई थी कि अपराध और दुर्घटना कम होगी। हालांकि उस समय भी राजस्व के नुकसान की बात कहकर इसकी आलोचना की गई थी।
इधर, विपक्ष राज्य में शराबबंदी को पूरी तरह फेल बताता रहा है। बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव तो कई बार सार्वजनिक मंचों से आरोप लगाया है कि शराबबंदी पूरी तरह फेल है। उन्होंने आरोप लगाया है कि शराब माफियाओं को सत्ता से संरक्षण प्राप्त है। उन्होंने कहा कि राज्य के प्रत्येक हिस्से में होम डिलिवरी होता है।
दूसरी तरफ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी कहते रहे हैं कि महिलाओं की मांग पर ही राज्य में शराबबंदी कानून लागू की गई है। जब शराबबंदी लागू की गई थी तब महिलाओं ने इसका स्वागत भी किया था।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में राज्य के मुजफ्फरपुर, गोपालंगज, पश्चिम चंपारण और समस्तीपुर जिले में कथित तौर पर शराब पीने से तीन दर्जन से अधिक लोगों की मौत हो गई है।
(आईएएनएस)
Created On :   14 Nov 2021 10:00 AM GMT