शीतकालीन सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक, पीएम मोदी सहित ओवैसी-शिवसेना नेता भी पहुंचे

Lok Sabha Speaker chairs all-party meeting ahead of Parliament winter session
शीतकालीन सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक, पीएम मोदी सहित ओवैसी-शिवसेना नेता भी पहुंचे
शीतकालीन सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक, पीएम मोदी सहित ओवैसी-शिवसेना नेता भी पहुंचे

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। संसद का शीतकालीन सत्र 18 नवंबर से शुरू हो रहा है, जो 13 दिसंबर तक चलेगा। इस सत्र को सफल बनाने और अन्य अहम मुद्दों पर विचार-विमर्श करने के लिए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने विभिन्न दलों के नेताओं की सर्वदलीय बैठक की। इस बैठक में पीएम नरेंद्र मोदी, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी, शिवसेना की ओर से विनायक राउत सहित बड़े नेता शामिल हुए।

 

 

इस शीतकालीन सत्र में केंद्र सरकार कई अहम बिल पेश करने जा रही है। इसमें सबसे अहम नागरिकता संशोधन बिल को माना जा रहा है। यह विधेयक यदि कानून बन जाता है तो भारत में रहने वाले विदेशी नागरिकों को 6 साल में ही नागरिकता मिल जाएगी। ऐसे में इस बिल का काफी विरोध होता रहा है। जानकारी अनुसार यदि शीतकालन सत्र में यह बिल के पारित होता है और यदि इसे कानून बनाया जाता है तो अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई धर्म के मानने वाले अल्पसंख्यक समुदायों को 12 साल की बजाय महज छह साल भारत में गुजारने और बिना उचित दस्तावेजों के भी भारतीय नागरिकता मिल सकेगी। 

 

 

इसके अलावा सरकार इस सत्र में इस विधेयक को सूचीबद्ध किया है। एनडीए सरकार ने पिछले कार्यकाल में भी इस विधेयक को पेश किया था, लेकिन विपक्षी दलों के कड़े विरोध के कारण इसे पारित नहीं करा सकी। इस बैठक में अर्जुन राम मेघवाल, टीआर बालू, सुदीप बंदोपाध्याय, दानिश अली, मिधुन रेड्डी, चिराग पासवान, अधीर रंजन चौधरी, प्रहलाद जोशी, लल्लन सिंह और अनुप्रिया पटेल भी शामिल हुए।

 

 

वहीं राज्यसभा सूत्रों से जानकारी मिली है कि शिवसेना के सांसद संजय राउत और अनिल देसाई के लिए इसी शीकालीन सत्र से राज्यसभा में बैठक व्यवस्था बदल दी गई है। वहीं संजय राउत ने एक बयान में कहा है कि संसद में शिवसेना के दो सांसदों की बैठक व्यवस्था बदल दी गई है। वहीं सत्र से पहले एनडीए की किसी बैठक में शिवसेना शामिल नहीं होगी। इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि महाराष्ट्र में अपना मुख्यमंत्री बनाने के लिए शिवसेना के सांसद संसद में भाजपा के विपक्ष में ​बैठेंगे। शिवसेना नेता यदि विपक्ष में बैठते हैं तो वे केंद्र सरकार द्वारा पेश किए जाने वाले बिलों का विरोध करते दिख सकते हैं।

 

 

टीएमसी सांसद सुदीप बंदोपाध्याय ने बैठक से बाहर निकलकर कहा कि पश्चिम बंगाल में राज्यपाल एक समानांतर प्रशासन चला रहे हैं, जबकि उन्हें कार्य करने की अनुमति नहीं होनी चाहिए। राज्यपाल रोज सरकार को बिना बताए अधिकारियों को एक जिले से दूसरे जिले में ट्रांसफर कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सत्र में बेरोजगारी, आर्थिक स्थिति और उसके मुद्दों पर चर्चा की जानी चाहिए। इस चर्चा में विपक्ष को जगह दी जानी चाहिए। हमने स्पीकर को सदन चलाने का आश्वासन दिया।
 

Created On :   16 Nov 2019 8:56 PM IST

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