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MNS के कार्यकर्ताओं की गुंडागर्दी, फूड कोर्ट के मैनेजर से की मारपीट
हाईलाइट
- महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के कार्यकर्ताओं ने गुरूवार को पुणे के पैविलियन मॉल के पीवीआर थिएटर हॉल में जमकर हंगामा किया।
- कार्यकर्ताओं पर मल्टीप्लेक्स के कर्मचारियों ने मारपीट का आरोप लगाया है।
- मारपीट का विरोध करने पर कार्यकर्ताओं ने भद्दी गालियां दी।
डिजिटल डेस्क, पुणे। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के कार्यकर्ताओं ने गुरूवार को पुणे के पैविलियन मॉल के पीवीआर थिएटर हॉल में जमकर हंगामा किया। कार्यकर्ताओं पर मल्टीप्लेक्स के कर्मचारियों ने मारपीट का आरोप लगाया है। उनका आरोप है कि एनएनएस के कार्यकर्ता जबरन फूड कोर्ट के अंदर आ गए और मारपीट शुरू कर दी। उन्होंने मैनेजर को लगातार कई थप्पड़ मारे। मारपीट का विरोध करने पर कार्यकर्ताओं ने भद्दी गालियां दी और हाथों में प्ले कार्ड्स और बैनर लेकर जमकर नारेबाजी की।
#WATCH Pune: Maharashtra Navnirman Sena(MNS) workers thrash a movie theatre manager during a protest over high prices of food items in the theatre. (28.6.18) (Note: Strong Language) pic.twitter.com/UEEBOYiuKz
— ANI (@ANI) June 29, 2018
कार्यकर्ताओं का आरोप था कि फूड कोर्ट में रेट से ऊंचे दामों पर सामान बेचा जा रहा था। जब खाने का सही दाम देने की बात हुई तो फूड कोर्ट के स्टाफ ने बदतमीजी से बात की। इस पूरी घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल किया जा रहा है। जिसमें एमएनएस के कार्यकर्ता मैनेजर के साथ हाथापाई कर रहे है। फिलहाल इस पूरे मामले में पुलिस ने एमएनएस के किशोर नानासाहेब समेत 15 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है।
इस पूरे मामले को लेकर एमएनएस के किशोर शिंदे का कहना है कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी 5 रूपये की चीज को 250 रूपयों में बेचा जा रहा है। जब ये बात मैनेजर को समझने के लिए कहा गया तो उसने कहा की मुझे मराठी नहीं आती है मैं न्यूज रिपोर्ट कैसे पढ़ूं।
Popcorn worth Rs 5 is being sold at Rs 250, Bombay HC has already said reduction in price needed. We told manager to read news reports, he said don't know how to read Marathi. Then we dealt with him MNS style: Kishor Shinde,MNS on theatre manager thrashed by MNS workers in Pune pic.twitter.com/xnjo1P2Doi
— ANI (@ANI) June 29, 2018
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।