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दैनिक भास्कर हिंदी: Mahatma Gandhi Death Anniversary: हमारे बापू ने कुछ ऐसे गुजारा था अपना जीवन

हाईलाइट
- बापू ने हमेशा सत्य और अहिंसा का संदेश दिया
- अहमदाबाद में सत्याग्रह आश्रम की नींव रखी थी
- अंतिम सांस लेने से पहले 'हे राम' आखिरी शब्द थे
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आज सारा देश राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा है। इस बीच हम आपको बताते हैं कि बापू ने अपना जीवन कैसे व्यतीत किया था। बापू का जन्म गुजरात के पोरबंदर में 2 अक्टूबर 1869 को हुआ था। उनके पिता करमचंद गांधी था पोरबंदर में कठियावाड़ रियासत के दीवान थे और मां पुतलीबाई को आज भी एक कृपालु महिला के तौर पर जाना जाता है। महात्मा गांधी ने अपनी पढ़ाई की शुरूआत स्थानीय स्कूलों से की। वे पोरबंदर के प्राइमरी स्कूल और राजकोट के अल्बर्ट हाई स्कूल में पढ़े।
वकालत की पढ़ाई के लिए विदेश गए
1883 में 13 वर्ष की उम्र में गांधी जी की शादी कस्तूरबा बाई से कर दी गई। इसी साल शादी के बाद वह वकालत की पढ़ाई करने के लिए ब्रिटेन चले गए। पढ़ाई खत्म कर वे 1891 में भारत लौटे और दो साल बाद 1893 में शेख अब्दुल्ला नाम के एक गुजराती व्यापारी के वकील के रूप में दक्षिण अफ्रीका गए। वे लियो टॉलस्टाय और रस्किन बॉण्ड की शिक्षा से बेहद प्रभावित थे। उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में ही टॉलस्टाय फार्म की स्थापना की। इसके बाद बापू ने लंदन में हिंदू, इस्लाम और ईसाई धर्मों का अध्ययन किया।
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सत्याग्रह आश्रम की नींव
दक्षिण अफ्रीका में प्रवासी भारतीय नागरिकों और अंग्रेजों के रंगभेद विचार के खिलाफ आंदोलन किए, जो सफल भी रहे। जब वे 1915 में दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटे, तो मुंबई के कई तत्कालीन बड़े कांग्रेस नेताओं ने उनका भव्य स्वागत किया। इन कांग्रेस नेताओं में बापू के गुरू गोपाल कृष्ण गोखले भी मौजूद थे। बापू की भारत वापसी में उनका अहम योगदान था। इसी साल बापू ने गुजरात के अहमदाबाद में सत्याग्रह आश्रम की नींव रखी।
इसके बाद बापू ने देश की आजादी के लिए अपने नमक, असहयोग, अवज्ञा और भारत छोड़ो आंदोलन जारी रखे। उनके सभी आंदोलनों में उन्होंने अहिंसा का परिचय दिया। उनके विचारों में हिंसा के लिए कोई स्थान नहीं था और वे हमेशा हिंसा के खिलाफ रहे। उनके प्रभावी विचारों और आंदोलनों के जरिए किए गए प्रयासों का परिणाम 15 अगस्त 1947 को भारत की आजादी के रूप में मिला।
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सामाजिक जीवन
महात्मा गांधी का जीवन सरल, सहज और बेहद सादा था। इसके अलावा उनके वे महान विचारों वाले व्यक्ति भी थे। बापू के इसी स्वभाव के कारण उन्हें महात्मा कहा जाता है। वे प्रजातंत्र का समर्थन करते थे और उनका मानना था कि मनुष्य के पास लड़ाई लड़ने के लिए सिर्फ दो हथियार होने चाहिए। पहला 'सत्य' और दूसरा 'अहिंसा'। बापू ने इन्हीं दो हथियारों की दम पर देश को अंग्रेजों से आजादी दिलाई थी।
इसके अलावा उन्होंने छुआछूत जैसी बीमारी के खिलाफ भी लड़ाई लड़ी और इसे समाज से मिटाने के लिए कई प्रयास भी किए। अछूत मानने वाले एक वर्ग को उन्होंने 'हरिजन' का नाम भी दिया। हालांकि इन सबके बीच पीड़ित वर्ग को लेकर बाबासाहब भीमराव अंबेडकर से उनके वैचारिक मतभेद अंत तक बनें रहे।
अंतिम सांस
आज ही के दिन यानी 30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे ने बापू की गोली मारकर की हत्या कर दी। बापू को तीन गोलियां मारी गईं थी, जिसके बाद उनकी अंतिम सांस से पहले उनके आखिरी शब्द 'हे राम' थे। उनकी हत्या करने के लिए नाथूराम गोडसे और हिंदू महासभा के सदस्य नारायण आप्टे को अंबाला जेल में 15 नवंबर 1949 में फांसी दे दी गई।
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SSC MTS Cut Off 2023: जानें SSC MTS Tier -1 कटऑफ और पिछले वर्ष का कटऑफ
डिजिटल डेस्क, भोपाल। कर्मचारी चयन आयोग (SSC) भारत में केंद्रीय सरकारी नौकरियों की मुख्य भर्तियों हेतु अधिसूचना तथा भर्तियों हेतु परीक्षा का आयोजन करता रहा है। हाल ही में एसएससी ने SSC MTS और हवलदार के लिए अधिसूचना जारी किया है तथा इस भर्ती हेतु ऑनलाइन आवेदन भी 18 जनवरी 2023 से शुरू हो चुके हैं और यह ऑनलाइन आवेदन 17 फरवरी 2023 तक जारी रहने वाला है। आवेदन के बाद परीक्षा होगी तथा उसके बाद सरकारी रिजल्ट जारी कर दिया जाएगा।
एसएससी एमटीएस भर्ती हेतु परीक्षा दो चरणों (टियर-1 और टियर-2) में आयोग के द्वारा आयोजित की जाती है। इस वर्ष आयोग ने Sarkari Job एसएससी एमटीएस भर्ती के तहत कुल 12523 पदों (हवलदार हेतु 529 पद) पर अधिसूचना जारी किया है लेकिन आयोग के द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार भर्ती संख्या अभी अनिश्चित मानी जा सकती है। आयोग के द्वारा एसएससी एमटीएस भर्ती टियर -1 परीक्षा अप्रैल 2023 में आयोजित की जा सकती है और इस भर्ती परीक्षा हेतु SSC MTS Syllabus भी जारी कर दिया गया है।
SSC MTS Tier 1 Cut Off 2023 क्या रह सकता है?
एसएससी एमटीएस कटऑफ को पदों की संख्या तथा आवेदन करने वाले उम्मीदवारों की संख्या प्रभवित करती रही है। पिछले वर्षों की अपेक्षा इस वर्ष भर्ती पदों में वृद्धि की गई है और संभवतः इस वर्ष आवेदन करने वाले उम्मीदवारों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो सकती है तथा इन कारणों से SSC MTS Cut Off 2023 बढ़ सकता है लेकिन यह उम्मीदवार के वर्ग तथा प्रदेश के ऊपर निर्भर करता है। हालांकि आयोग के द्वारा भर्ती पदों की संख्या अभी तक सुनिश्चित नहीं कि गई है।
SSC MTS Tier 1 Expected Cut Off 2023
हम आपको नीचे दिए गए टेबल के माध्यम से वर्ग के अनुसार SSC MTS Expected Cut Off 2023 के बारे में जानकारी देने जा रहें हैं-
• वर्ग कटऑफ
• अनारक्षित 100-110
• ओबीसी 95 -100
• एससी 90-100
• एससी 80-87
• पुर्व सैनिक 40-50
• विकलांग 91-95
• श्रवण विकलांग 45-50
• नेत्रहीन 75-80
SSC MTS Cut Off 2023 – वर्ग के अनुसार पिछले वर्ष का कटऑफ
उम्मीदवार एसएससी एमटीएस भर्ती हेतु पिछले वर्षों के कटऑफ को देखकर SSC MTS Cut Off 2023 का अनुमान लगा सकते हैं। इसलिए हम आपको उम्मीदवार के वर्गों के अनुसार SSC MTS Previous Year cutoff के बारे में निम्नलिखित टेबल के माध्यम से बताने जा रहे हैं-
• वर्ग कटऑफ
• अनारक्षित 110.50
• ओबीसी 101
• एससी 100.50
• एससी 87
• पुर्व सैनिक 49.50
• विकलांग 93
• श्रवण विकलांग 49
• नेत्रहीन 76
SSC MTS के पदों का विवरण
इस भर्ती अभियान के तहत कुल 11994 मल्टीटास्किंग और 529 हवलदार के पदों को भरा जाएगा। योग्यता की बात करें तो MTS के लिए उम्मीदवार को भारत के किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड से कक्षा 10वीं उत्तीर्ण होना चाहिए। इसके अलावा हवलदार के पद के लिए शैक्षणिक योग्यता यही है।
ऐसे में परीक्षा की तैयारी कर रहे उम्मीदवारों के लिए यह बेहद ही जरूरी है, कि परीक्षा की तैयारी बेहतर ढंग से करें और परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करें।
रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय: वेस्ट जोन इंटर यूनिवर्सिटी क्रिकेट टूर्नामेंट का पहला मैच रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय ने 4 रनों से जीत लिया
डिजिटल डेस्क, भोपाल। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के स्पोर्ट ऑफिसर श्री सतीश अहिरवार ने बताया कि राजस्थान के सीकर में वेस्ट जोन इंटर यूनिवर्सिटी क्रिकेट टूर्नामेंट का आज पहला मैच आरएनटीयू ने 4 रनों से जीत लिया। आज आरएनटीयू विरुद्ध जीवाजी यूनिवर्सिटी ग्वालियर के मध्य मुकाबला हुआ। आरएनटीयू ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। आरएनटीयू के बल्लेबाज अनुज ने 24 बॉल पर 20 रन, सागर ने 12 गेंद पर 17 रन और नवीन ने 17 गेंद पर 23 रन की मदद से 17 ओवर में 95 रन का लक्ष्य रखा। लक्ष्य का पीछा करने उतरी जीवाजी यूनिवर्सिटी की टीम निर्धारित 20 ओवर में 91 रन ही बना सकी। आरएनटीयू के गेंदबाज दीपक चौहान ने 4 ओवर में 14 रन देकर 3 विकेट, संजय मानिक ने 4 ओवर में 15 रन देकर 2 विकेट और विशाल ने 3 ओवर में 27 रन देकर 2 विकेट झटके। मैन ऑफ द मैच आरएनटीयू के दीपक चौहान को दिया गया। आरएनटीयू के टीम के कोच नितिन धवन और मैनेजर राहुल शिंदे की अगुवाई में टीम अपना श्रेष्ठ प्रदर्शन कर रही है।
विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. ब्रह्म प्रकाश पेठिया, कुलसचिव डॉ. विजय सिंह ने खिलाड़ियों को जीत की बधाई और अगले मैच की शुभकामनाएं दीं।
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