दो दिवसीय भारतीय दौरा: चीन के विदेश मंत्री वांग यी आज पीएम मोदी और NSA अजित डोभाल से मुलाकात करेंगे

चीन के विदेश मंत्री वांग यी आज पीएम मोदी और NSA अजित डोभाल से मुलाकात करेंगे
  • वांग यी का भारत दौरे का दूसरा दिन
  • सोमवार को वांग यी ने विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की
  • सीमा क्षेत्रों में मिलकर शांति और स्थिरता बनाए रखी जाए

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दो दिवसीय भारतीय दौरे पर आए चीन के विदेश मंत्री वांग यी की आज मंगलवार को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल से मुलाकात होगी। इसके बाद यी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात करेंगे। चीन के विदेश मंत्री का यह दौरा खासतौर से सीमा विवाद पर होने वाली विशेष प्रतिनिधियों की वार्ता की नई राउंड बैठक के लिए है। सीमा वार्ता में वांग और डोभाल दोनों ही अपॉइंटेड विशेष प्रतिनिधि हैं।

बीते दिन सोमवार को वांग यी ने विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की। जयशंकर ने कहा था कि हमारे रिश्तों में किसी भी पॉजिटिव मोमेंटम की नींव तभी रखी जा सकती है, जब सीमा क्षेत्रों में मिलकर शांति और स्थिरता बनाए रखी जाए। साथ ही यह भी जरूरी है कि डिएस्केलेशन प्रोसेस आगे बढ़े। पूर्वी लद्दाख में दोनों देशों ने अभी भी लगभग 50 हजार से 60 हजार सैनिक तैनात कर रखे हैं। यही वजह है कि सीमा पर हालात सामान्य करने के लिए स्पेशल रिप्रेजेंटेटिव लेवल की बातचीत को बेहद अहम माना जा रहा है। चीनी विदेश मंत्री की यह यात्रा ऐसे समय पर हो रही है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन जाने वाले हैं। वह वहां शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन की वार्षिक समिट में शामिल होंगे।

मंगलवार को होने वाली वार्ता में दोनों पक्ष न्यू कॉन्फिडेंस-बिल्डिंग मेजर्स पर विचार करेंगे और लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर मौजूदा हालात की समीक्षा करेंगे। फ्रिक्शन पॉइंट्स से दोनों देशों की सेनाओं ने डिसएंगेजमेंट पूरा कर लिया है, लेकिन अब तक डिएस्केलेशन यानी फ्रंटलाइन फोर्सेज की वापसी नहीं हो पाई है। बीते कुछ महीनों में भारत और चीन के बीच रिश्तों को पटरी पर लाने के लिए कई पहलें हुई हैं। इन कोशिशों से यह संकेत मिलता है कि दोनों देश धीरे-धीरे आपसी रिश्तों को सामान्य बनाने की दिशा में बढ़ रहे हैं।

पिछले साल दिसंबर में NSA अजित डोभाल चीन गए थे और वहां वांग यी के साथ वार्ता की थी। यह मुलाकात उस समय हुई थी, जब रूस के कजान में प्रधानमंत्री मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की बैठक के बाद दोनों देशों ने बातचीत को सक्रिय करने का फैसला किया था। चीन के विदेश मंत्री का यह दौरा इस लिहाज से अहम माना जा रहा है क्योंकि यह दोनों देशों के रिश्ते सुधारने की कोशिश का हिस्सा है। जून 2020 में गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद भारत-चीन संबंधों में गहरा तनाव पैदा हो गया था। कैलाश मानसरोवर यात्रा का दोबारा शुरू होना और भारत द्वारा चीनी नागरिकों को फिर से टूरिस्ट वीजा जारी करना शामिल है।

Created On :   19 Aug 2025 9:17 AM IST

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