टॉप कोर्ट: आज रिटायर होंगे भारत के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई , न्यायमूर्ति सूर्यकांत सोमवार को 53वें नए सीजेआई की लेंगे शपथ

आज रिटायर होंगे भारत के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई , न्यायमूर्ति सूर्यकांत सोमवार को 53वें नए सीजेआई की लेंगे शपथ
बौद्ध धर्म में आस्था, लेकिन सभी धर्मों में विश्वास', विदाई समारोह में बोले सीजेआई गवई

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई आज देश की सर्वोच्च अदालत से रिटायर हो रहे हैं, सोमवार को न्यायमूर्ति सूर्यकांत देश के 53वें सीजेआई के रूप में शपथ लेंगे। सीजेआई गवई का अंतिम कार्यदिवस शुक्रवार को भावुक क्षणों के बीच पूरा हुआ। सीजेआई गवई ने कहा कि वह चार दशक लंबे अपने न्यायिक सफर के अंत में स्वयं को न्याय का विद्यार्थी समझते हुए इस संस्था से विदा ले रहे हैं।

सीजेआई गवई ने वहां मौजूद सभी लोगों से कहा आप सभी की भावनाएं सुनकर मेरी आवाज थम सी गई, थोड़ी रुक-सी गई। मैं जब इस कोर्ट कक्ष से आखिरी बार बाहर जाऊंगा, तो इसी संतोष के साथ जाऊंगा कि मैंने देश के लिए जो कर सकता था, वह किया। उन्होंने अपनी 40 साल की यात्रा वकील से लेकर हाईकोर्ट जज, सुप्रीम कोर्ट जज और अंततः सीजेआई बनने को बेहद संतोषजनक बताया।

आपको बता दें सुप्रीम कोर्ट के नए सीजेआई 24 नवंबर को राष्ट्रपति भवन में न्यायमूर्ति सूर्यकांत भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ लेंगे। इस अवसर पर भूटान, केन्या, मलेशिया, नेपाल, श्रीलंका, मॉरीशस और ब्राजील सहित कई देशों के मुख्य न्यायाधीश मौजूद रहेंगे। यह समारोह भारतीय न्यायपालिका के लिए एक अहम क्षण होगा।

न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि उनका सबसे बड़ा ध्यान देशभर की अदालतों में लंबित मुकदमों को तेजी से निपटाने पर होगा। न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने कहा न्यायिक परंपरा में सुधार और आधुनिक दृष्टिकोण पर जोर देने के साथ साथ न्यायपालिका को अधिक पारदर्शी, तेज और प्रभावी बनाने की दिशा में भी कई कदम उठाए जाएंगे। पुरानी लंबित फाइलें, डिजिटल न्याय व्यवस्था और पीठ की दक्षता ये सभी उनकी प्राथमिकताओं में शामिल होंगी।

उन्होंने कहा कि वे ऐसे मामलों की पहचान करेंगे जो कई सालोंसे न्यायिक प्रक्रिया को रोक रहे हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि लोगों को यह समझना चाहिए कि हाईकोर्ट भी संवैधानिक अदालतें हैं, इसलिए सुप्रीम कोर्ट आने से पहले हाईकोर्ट में अपील होनी चाहिए। न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने कहा न्यायिक परंपरा में सुधार और आधुनिक दृष्टिकोण पर जोर देने के साथ साथ न्यायपालिका को अधिक पारदर्शी, तेज और प्रभावी बनाने की दिशा में भी कई कदम उठाए जाएंगे।

Created On :   23 Nov 2025 9:01 AM IST

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