Assam NRC Draft: ममता बोली- सरकार के इन कदमों से गृहयुद्ध छिड़ सकता है
- इससे देश में गृहयुद्ध छिड़ सकता है
- खून-खराबा हो सकता है।
- ममता बनर्जी ने कहा बीजेपी के केंद्र सरकार NRC के जरिए लोगों को बाटने की कोशिश कर रही है।
- ममता बनर्जी ने पूर्व राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद के परिवार वालों के नाम NRC ड्राफ्ट लिस्ट में नहीं होने पर हैरानी जताई।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन (एनआरसी) की दूसरी ड्राफ्ट लिस्ट को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बीजेपी पर निशाना साधा है। ममता ने कहा कि जिन लोगों ने पहले बीजेपी की सरकार बनाने के लिए वोट किया था आज उन्हें ही शरणार्थी कैसे बना दिया गया? ममता ने पूर्व राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद के परिवार वालों के नाम NRC ड्राफ्ट लिस्ट में नहीं होने पर भी हैरानी जताई। एनआरसी के मुद्दे पर कॉन्स्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में बोलते हुए ममता बनर्जी ने ये बात कही।
देश में खून-खराबा हो सकता है
ममता बनर्जी ने कहा, "असम में यह क्या चल रहा है? एनआरसी की ये समस्या, ये सिर्फ बंगाली नहीं हैं, ये अल्पसंख्यक हैं, ये हिन्दू हैं, ये बंगाली हैं और ये बिहारी हैं। बीजेपी की केंद्र सरकार NRC के जरिए लोगों को बांटने की कोशिश कर रही है। इससे देश में गृहयुद्ध छिड़ सकता है, खून-खराबा हो सकता है। 40 लाख से ज्यादा लोगों ने कल रूलिंग पार्टी के लिए वोट किया था और आज अचानक अपने ही देश में उन्हें शरणार्थी बना दिया गया है।" ममता ने कहा, "मैं अपनी मातृभूमि को ऐसी हालत में नहीं देखना चाहती, मैं मातृभूमि को बंटते हुए नहीं देखना चाहती।"
What is going on in Assam? The NRC problem. It is not only the Bengalis, it is the minorities, it is Hindus, it is Bengalis, it is Biharis. More than 40 lakhs people voted yesterday for the ruling party and suddenly today they have been made refugees in their own country: WB CM pic.twitter.com/oZFQHrKDuf
— ANI (@ANI) July 31, 2018
पूर्व राष्ट्रपति के परिवार वालों के नाम न होने पर हैरानी
ममता ने कहा, बंगाल में हम ऐसा नहीं होने देंगे, क्योंकि वहां पर हम है। आज ये लोग वोट भी नहीं कर सकते। मैं हैरान हूं कि हमारे पूर्व राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद के परिवार वालों के नाम NRC ड्राफ्ट लिस्ट में नहीं है। इससे ज्यादा मैं और क्या कह सकती हूं? कई लोग है जिनके नाम इसमें नहीं है। अगर बंगाली कहे कि बिहारी बंगाल में नहीं रह सकते, साउथ इंडियन लोग कहे कि नार्थ इंडियन वहां नहीं रह सकते और नार्थ इंडियन कहे कि साउथ इंडियन वहां नहीं रह सकते तो देश की स्थिति क्या होगी? हमारा देश एक परिवार है और हम साथ हैं।"
I am surprised to see that the names of our former President Fakhruddin Ali Ahmed"s family members are not on the #NRCAssam list. What else can I say? There are so many people whose names are not there: WB CM pic.twitter.com/SP8SnqO6QL
— ANI (@ANI) July 31, 2018
चुनाव जीतने के लिए लोगों को परेशान नहीं किया जा सकता
उन्होंने कहा, केवल चुनाव जीतने के लिए लोगों को परेशान नहीं किया जा सकता। आपको नहीं लगता कि जिन लोगों का नाम इस लिस्ट में नहीं है वो अपनी पहचान का एक हिस्सा खो देंगे? आपको समझना होगा कि भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश विभाजन से पहले एक था। जो भी मार्च 1971 के पहले बांग्लादेश से भारत आया वो भारतीय नागरिक है।
Only to win polls people can"t be victimised. Don"t you think people who"s name isn"t in list will lose a part of their identity? Please understand India-Pakistan-Bangladesh were one before partition. Whoever came from Bangladesh to India till March 1971 is Indian citizen: WB CM pic.twitter.com/3j7gORDgWG
— ANI (@ANI) July 31, 2018
Created On :   31 July 2018 6:02 PM IST