गोवा: ‘अटल सेतु’ का उद्घाटन करने पहुंचे सीएम पर्रिकर, लोगों से पूछा- ‘हाउ इज द जोश’
- इन दोनों ने इस ब्रिज का नाम बदलकर 'अटल सेतु' रखा है।
- गोवा के सीएम पर्रिकर और गडकरी ने पणजी में मंडोवी ब्रिज का उद्घाटन किया।
- बेहद कमजोर नजर आ रहे पर्रिकर की नाक में ड्रिप लगी हुई थी।
डिजिटल डेस्क, पणजी। गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर और केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने रविवार को राजधानी पणजी में मंडोवी ब्रिज का उद्घाटन किया। इन दोनों ने इस ब्रिज का नाम बदलकर "अटल सेतु" रखा है। इस दौरान बेहद कमजोर नजर आ रहे पर्रिकर ने वहां मौजूद लोगों से बातचीत भी की। पर्रिकर ने उरी फिल्म का डायलॉग बोलते हुए लोगों से पूछा ,हाउ इज द जोश? इस पर लोगों ने जोश के साथ "हाई सर" कहते हुए जवाब दिया।
#WATCH: Goa Chief Minister Manohar Parrikar asks, "How"s the Josh", at the inauguration function of the new Mandovi bridge "Atal Setu" in Panaji. pic.twitter.com/53KL0qEcaI
— ANI (@ANI) January 27, 2019
पर्रिकर की नाक में ड्रिप लगी हुई थी। पर्रिकर के वहां पहुंचते ही लोगों ने "हमारा नेता कैसा हो, मनोहर पर्रिकर जैसा हो" के नारे लगाने शुरू कर दिए। पर्रिकर ने कहा कि मैं यहां अपना जोश आपको ट्रांसफर करूंगा। मैं यहां बैठकर आपसे कुछ बातें करूंगा। हालांकि इस दौरान उनकी आवाज काफी लड़खड़ा रही थी।
Goa: Union Transport Minister Nitin Gadkari and Chief Minister inaugurate the new Mandovi bridge in Panaji pic.twitter.com/hxdUInZMVk
— ANI (@ANI) January 27, 2019
बता दें कि इस ब्रिज के निर्माण से लगभग 10 करोड़ लीटर ट्रीटेड पानी बचाया गया है। GSIDC के उपाध्यक्ष सिद्धार्थ कुंकालियेंकर ने कहा, "पुल को बनाने में हमने क्वालिटी से कोई समझौता नहीं किया है। क्युरिक कंपाउंड के उपयोग से कंक्रीट की गुणवत्ता बढ़ाई गई है। इस ब्रिज में एंटी कार्बोनेशन पेंट इस्तेमाल किया गया है। इस ब्रिज की लाइफ 100 साल की है। हालांकि इसको समय समय पर देखरेख की भी जरूरत होगी।"
सिद्धार्थ ने कहा, "यह 100 प्रतिशत भारतीय डिजाइन है। इसे लार्सन एंड टुब्रो (LT) के इंजीनियर्स ने डिजाइन किया है। वहीं इसमें भारतीय इंजीनियर्स, GSIDC, TPF और IIT चेन्नई के इंजीनियरों से भी मदद ली गई है। ब्रिज केबल को छोड़ दिया जाए, तो यह ब्रिज पूरी तरह से भारतीय है। केबल्स भारत में उपलब्ध नहीं थे, इसलिए इसे बाहर से मंगवाया गया है। इसके कुछ कंपोनेंट्स गोवा में भी बनाए गए हैं।"
Created On :   27 Jan 2019 9:20 PM IST