Coronavirus: कोविड-19 की स्थिति संभालने में असफल साबित हुए विश्व के कई नेता, प्रधानमंत्री मोदी की रेटिंग 77.3 प्रतिशत    

Many leaders of the world have failed to hold the position of Kovid-19, Prime Minister Modis rating 77.3 percent
Coronavirus: कोविड-19 की स्थिति संभालने में असफल साबित हुए विश्व के कई नेता, प्रधानमंत्री मोदी की रेटिंग 77.3 प्रतिशत    
Coronavirus: कोविड-19 की स्थिति संभालने में असफल साबित हुए विश्व के कई नेता, प्रधानमंत्री मोदी की रेटिंग 77.3 प्रतिशत    
हाईलाइट
  • 60 प्रतिशत लोगों का मानना है कि वे संक्रमित हो सकते हैं
  • कोरोना की स्थिति से अफरातफरी का माहौल नहीं

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मोदी सरकार को देश में कोविड-19 की स्थिति को संभालने को लेकर उच्च स्वीकार्यता रेटिंग प्राप्त हुई है। तीन चौथाई से भी ज्यादा लोगों ने सरकार को इस मामले में ऊंची रेटिंग दी। आईएएनएस सी-वोटर कोविड-19 ट्रेकर से यह जानकारी मिली। नवीनतम पोल के अनुसार, सर्वे में शामिल 1,723 लोगों में से 77.3 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने इस बात पर सहमति जताई कि नरेंद्र मोदी नीत सरकार इस संकट को अच्छी तरह से संभाल रही है, जबकि 19.1 प्रतिशत लोगों ने इससे असहमति जताई।

बता दें कि कोरोना वायरस महामारी से जिन देशों में सबसे अधिक मौतें हुई हैं, उनमें जरूरी नहीं कि वे सबसे गरीब, सबसे अमीर या सबसे घनी आबादी वाले देश हों, लेकिन उनमें एक समानता जरूर है और वह यह कि इन देशों के नेता लोक-लुभावनवादी और परंपरागत ढर्रे से अलग हटकर चलने वाले हैं। राजनीति में लोक-लुभावनवादी का मतलब ऐसी नीतियों से होता है जो आमजन में तो "लोकप्रिय हों" लेकिन प्रबुद्ध वर्ग और विशेषज्ञों में नहीं। अमेरिका के डोनाल्ड ट्रंप, ब्रिटेन के बोरिस जॉनसन और ब्राजील के जेयर बोलसोनारो के साथ ही भारत के नरेंद्र मोदी और मैक्सिको के आंद्रेस मैनुअल लोपेज ओब्राडोर जनता को सामाजिक फायदों का वादा कर पुरानी व्यवस्था को चुनौती देते हुए लोकतांत्रिक देशों में सत्ता में आए है, लेकिन जब कोविड-19 जैसी नयी बीमारी से लड़ने की बात आती है तो लोकलुभावनवादी नीतियों के बजाय यूरोप में जर्मनी, फ्रांस और आयरलैंड या एशिया में दक्षिण कोरिया और जापान जैसे देशों में उदार लोकतांत्रिक नीतियां फायदेमंद साबित हुई हैं।

60 प्रतिशत लोगों का मानना है कि वे संक्रमित हो सकते हैं
हालांकि, इस मामले में स्वीकार्यता रेटिंग पिछले महीने के मुकाबले उच्च नहीं है और लगातार आर्थिक बदहाली लोगों का धर्य की परीक्षा ले रही है। अप्रैल-जून माह में, इस मामले में स्वीकार्यता रेटिंग 90 से 80 के बीच थी। कोरोना संकट के कई महीने हो गए और लगातार संक्रमितों की संख्या में इजाफा हो रहा है। करीब 60 प्रतिशत लोगों का मानना है कि वे संक्रमित हो सकते हैं। सर्वे में एक सवाल कि मैं इस बात से डरा हुआ हूं कि या तो मैं या फिर मेरे परिवार से किसी को कोरोना हो सकता है इस सवाल पर 59.8 प्रतिशत लोगों ने सहमति जताई, जबकि 34.9 प्रतिशत इससे असहमत दिखे।

कोरोना की स्थिति से अफरातफरी का माहौल नहीं
हालांकि, कोरोना की स्थिति से अफरातफरी का माहौल नहीं है, क्योंकि उत्तरदाताओं में से आधे का मानना है कि कोरोना के डर को बढ़ा-चढ़ा कर पेश किया गया है। 49.3 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि यह डर बढ़-चढ़ा कर पेश किया गया है, जबकि 41.2 प्रतिशत ने इससे असहमति जताई। वहीं लॉकडाउन के नए अनुभव को लेकर, लोग अब राशन को इकट्ठा करने के प्रति ज्यादा सजग हो गए हैं। 54.3 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उनके पास तीन हफ्तों से ज्यादा का राशन है, जबकि 44.7 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उनके पास तीन महीने से भी कम समय का राशन है।

जिन देशों के नेताओं ने कोरोना को हल्के में लिया, वहां घातक परिणाम
अमेरिका, ब्राजील, ब्रिटेन और मैक्सिको जैसे देशों का नेतृत्व ऐसे नेता कर रहे हैं, जिन्हें वैज्ञानिकों पर शंका है और जिन्होंने शुरुआत में इस बीमारी को हल्के में लिया। इन चार देशों में दुनिया में कोरोना वायरस से हुई 618,000 मौतों में आधी मौतें हुई हैं।

देश में कोविड-19 के एक दिन में सामने आए 45 हजार मामले    
इस बीच भारत वहां कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या अभी 12 लाख के पार हुई है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार  देश में केवल 24 घंटे में देश में कोविड-19 के अब तक के सबसे अधिक 45,720 नए मामले दर्ज हुए। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार अब देश में कुल 12,38,635 मामले दर्ज हो चुके हैं। इसके अलावा इतने ही समय में 1,129 नई मौतों के साथ मृत्यू का आंकड़ा बढ़कर 29,861 पर पहुंच गया है। अब तक 7,82,607 के ठीक होने के साथ देश में रिकवरी दर 63.18 प्रतिशत रही। वहीं सक्रिय रोगियों की संख्या 4,26,167 है।

Created On :   23 July 2020 6:26 PM GMT

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