मिशन 2019: सपा-बसपा गठबंधन से लड़ेगी चुनाव, 38-38 सीटों पर बनी बात, कांग्रेस को अमेठी-रायबरेली
- 38-38 सीटों पर सपा-बसपा लडे़गी लोकसभा चुनाव
- मायावती-अखिलेश की पार्टी में हुआ गठबंधन
- लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव में मिलकर लड़ेगी सपा-बसपा
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव को लेकर सपा-बसपा ने गठबंधन का ऐलान कर दिया है। दोनों पार्टियों 38-38 सीटों पर चुनाव लड़ेंगी। मायावती और अखिलेश यादव की लखनऊ की होटल ताज में संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में इस बात का ऐलान कर दिया गया है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि सपा-बसपा 38-38 सीटों पर लोकसभा 2019 का चुनाव लड़ेगी। कांग्रेस के लिए रायबरेली और अमेठी की सीट छोड़ दी गई है।इसके अलावा बाकी दो सीटें सहयोगियों को दी जाएगी। पार्टी के सभी सीटों के साथ मायावती और अखिलेश यादव किसी सीट से चुनाव लडेंगें इस बात का ऐलान बाद में किया जाएगा।
Mayawati: BSP will contest on 38 seats, SP on 38 seats. Two Lok Sabha seats we have left for other parties and Amethi and Rae Bareli have been left for Congress. pic.twitter.com/lsdCdxKNah
— ANI (@ANI) January 12, 2019
प्रेस कांफ्रेंस में मायावती ने कहा-
मायावती ने प्रेस कांफ्रेंस में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमित शाह पर निशाना साधा। मायवती ने कहा, ये साझा प्रेस कांफ्रेंस मोदी-शाह की नींद उड़ाने वाली प्रेस कांफ्रेंस है। हमने देशहित में गेस्ट हाउसकांड को पीछे छोड़ दिया है। मायावती ने कहा, लोकसभा और विधानसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में बीजेपी ने जनता के साथ धोखा किया है। मायावती ने कहा उत्तर प्रदेश में हमारा गठबंधन बीजेपी का केन्द्र में जाने का रास्ता रोक सकता है।
मायावती ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा, सपा-बसपा ने संयुक्त रूप से ये निर्णय लिया है कि हमारे गठबंधन में किसी भी ऐसे दल को शामिल नहीं किया जाएगा। जिसमें हमारे गठबंधन को नुकसान हो। कांग्रेस को गठबंधन में शामिल नहीं करने को लेकर माया ने कहा, आजादी के बाद काफी लंबे समय तक कांग्रेस पार्टी ने एकछत्र राज किया है। गरीब, मजदूर, किसान और व्यापारी इनके शासन में परेशान रहे हैं। ऐसे समय में बीएसपी और एसपी सहित अन्य पार्टियों का उदय हुआ। केंद्र या राज्य में चाहे सत्ता बीजेपी के पास रहे या कांग्रेस के बात एक ही है।
माया ने कहा, वर्तमान में प्रदेश की बीजेपी सरकार अपने विरोधियों को कमजोर करने के लिए 1975 में लगी इमर्जेंसी से कम नहीं नजर आता है। कांग्रेस राज में घोषित और बीजेपी के राज में अघोषित इमर्जेंसी है। गठबंधन को लेकर मायावती ने कहा, कांग्रेस के साथ गठबंधन करने पर हमें फायदा नहीं हुआ। हर बार हमारा वोट प्रतिशत कम हो हुआ है। 1996 में कांग्रेस के साथ गठबंधन करके हमारा नुकसान हुआ था विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने भी कांग्रेस से गठबंधन किया था जिसका खमियाजा समाजवादी पार्टी को भुगतना पड़ा था। माया ने कहा, देश में रक्षा सौदों की खरीद में दोनों पार्टियों की सरकारों में जबरदस्त घोटाले हुए। कांग्रेस को बोफोर्स मामले में केंद्र की सरकार गंवानी पड़ी। बीजेपी को राफेल घोटाले को लेकर अपनी सरकार जरूर गंवानी पड़ेगी।
प्रेस कांफ्रेस में अखिलेश यादव ने कहा-
सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि मायावतीजी पर बीजेपी नेताओं ने अशोभनीय टिप्पणियां की। इन नेताओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। मैं बता देना चाहता हूं कि मायावतीजी का सम्मान मेरा सम्मान है। उनका अपमान मेरा अपमान है। अखिलेश ने कहा, मायावती जी का देशहित में लिए गए ऐतिहासक निर्णय के लिए धन्यवाद देता हूं। समय के साथ दोनों पार्टियों के संबंध और मजबूत होंगे। उन्होंने कहा कि हमने गठबंधन पर उस दिन मुहर लगा दी थी जब राज्यसभा के लिए एसपी-बीएसपी के संयुक्त उम्मीदवार भीमराव अंबेडकर को छल-कपट से हराया था। हम बीजेपी का अहंकार तोड़ेंगे। अखिलेश यादव ने कहा कि इस गठबंधन से बीजेपी घबरा गई है और वह तरह-तरह की साजिशें रच सकती है। उन्होंने सपा-बसपा कार्यकर्ताओं से अपील करते हुए कहा, गठबंधन से घबराकर बीजेपी तरह-तरह से परेशान करने की साजिश कर सकती है, दंगा-फसाद का प्रयास भी कर सकती है, लेकिन हमें संयम के साथ हर साजिश को नाकाम करना है।
सीएम योगी का गठबंधन पर निशाना
माया-अखिलेश के गठबंधन का ऐलान करने के बाद उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी अदित्यनाथ ने निशाना साधते हुए कहा, जैसे पहले देश की जनता ने इनको फेल किया है 2019 में भी वैसे ही फेल करेगी। सीएम योगी ने कहा, जो लोग एक दूसरे को देखना नहीं चाहते थे, आमने सामने आने पर भी सामान्य शिष्टाचार भी नहीं दिखाते थे आज मोदी जी के डर से एक हो गए हैं। जिस पार्टी को मायावती पसंद नहीं करती थी आज उसी के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ने जा रही है।
Created On :   11 Jan 2019 12:08 PM IST