MeToo: मानहानि मामले में एमजे अकबर की याचिका खारिज, कोर्ट से बरी होने के बाद बोलीं प्रिया रमानी- यह महिलाओं और मीटू की जीत

MeToo: MJ Akbars petition dismissed in defamation case, Priya Ramani acquitted from court
MeToo: मानहानि मामले में एमजे अकबर की याचिका खारिज, कोर्ट से बरी होने के बाद बोलीं प्रिया रमानी- यह महिलाओं और मीटू की जीत
MeToo: मानहानि मामले में एमजे अकबर की याचिका खारिज, कोर्ट से बरी होने के बाद बोलीं प्रिया रमानी- यह महिलाओं और मीटू की जीत
हाईलाइट
  • 20 महिलाओं ने पूर्व मंत्री पर लगाए थे आरोप
  • रामायण और महाभारत के देश में महिलाओं के साथ अपराध शर्म की बात: कोर्ट
  • ‘मी टू’ के ट्विटर हैंडल से आया ट्वीट
  • कहा- ‘वी वोन’

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर की आपराधिक मानहानि की याचिका पर सुनवाई करते हुए प्रिया रमानी को रिहा कर दिया है। साथ ही अदालत ने एमजे अकबर की याचिका भी खारिज कर दी। मामले में बरी होने के बाद इसे महिलाओं और मीटू आंदोलन के लिए एक जीत बताया है। उन्होंने कहा कि अदालत के सामने सत्य को प्रमाणित होते देख बहुत अच्छा लगा।
   
दरअसल मीटू आंदोलन के तत्वाधान में रमानी ने 2018 में पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे। इसके बाद अकबर ने 15 अक्टूबर 2018 को उनके खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज करवाया था। इसके बाद केंद्रीय मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था। मामले में अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट रवींद्र कुमार ने अकबर और रमानी के वकीलों की दलीलें पूरी होने के बाद एक फरवरी को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। 

रामायण और महाभारत के देश में महिलाओं के साथ अपराध शर्म की बात
अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट रवींद्र कुमार पांडे ने फैसला सुनाते हुए कहा कि वास्तविक घटना के दशकों बाद भी एक महिला को अपनी शिकायतें रखने का अधिकार है और प्रतिष्ठा का अधिकार, गरिमा के अधिकार की कीमत पर सुरक्षित नहीं रह सकता। कोर्ट ने कहा कि जिस देश में महिलाओं के सम्मान के बारे में रामायण और महाभारत लिखी गई, वहां महिलाओं के खिलाफ अपराध हो रहे हैं, यह शर्म की बात है।

फैसले की घोषणा के बाद उन्होंने कहा कि एक शक्तिशाली व्यक्ति द्वारा अदालत में ले जाने की वजह से अत्यधिक चिंता, तनाव और भय था। मेरी प्रतिष्ठा उनकी तुलना में बहुत बेहतर है और हर कोई मुझ पर विश्वास करता है। फैसला सुनाते हुए अदालत ने आगे कहा कि महिलाओं को मानहानि की शिकायत के बहाने यौन शोषण के खिलाफ आवाज उठाने के लिए दंडित नहीं किया जा सकता है।

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प्रिया ने भी दी प्रतिक्रिया
फैसले के बाद प्रिया रमानी ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कोर्ट के फैसले से मैं बहुत खुश हूं। मेरी सच्चाई को कुचलने की कोशिश की जा रही थी, लेकिन कानून ने अपना काम सही तरीके से काम किया।

 

‘मी टू’ के ट्विटर हैंडल से आया ट्वीट, कहा- ‘वी वोन’  
कोर्ट ने अपने फैसले में ये भी कहा है इस बात से इनकार नहीं कर सकते कि सामाजिक प्रतिष्ठा वाला व्यक्ति यौन शोषण नहीं कर सकता है। जज रविंद्र कुमार पांडे ने कहा कि समाज को समझना ही होगा कि यौन शोषण और उत्पीड़न का पीड़ित पर क्या असर होता है और वह किस दौर से गुजरती है। वहीं फैसला आने के बाद  ‘मी टू’ के ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए लिखा गया कि ‘वी वोन’, यानि हम लोग जीत गए।

 

20 महिलाओं ने पूर्व मंत्री पर लगाए आरोप
अकबर ने 15 अक्टूबर, 2018 को रमानी के खिलाफ आपराधिक मानहानि की शिकायत दायर की थी। उन्होंने केंद्रीय मंत्री के पद से 17 अक्तूबर, 2018 को इस्तीफा दे दिया था। अकबर ने मीटू अभियान के दौरान उन पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली सभी महिलाओं के आरोपों को खारिज किया है। करीब 20 महिलाओं ने पत्रकार के तौर पर अकबर के मातहत काम करने के दौरान उनका यौन उत्पीड़न करने का अकबर पर आरोप लगाया है।


 

Created On :   17 Feb 2021 12:43 PM GMT

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