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दैनिक भास्कर हिंदी: दक्षिण कोरिया की अर्थव्यवस्था की तर्ज पर मोदी सरकार करेगी काम, भाजपा बना रही अहम रिपोर्ट

हाईलाइट
- दक्षिण कोरिया के सप्ताह भर लंबे दौरे से लौटे भाजपा के शीर्ष नेता
- दक्षिण कोरिया के स्कूलों में आज भी रविंद्रनाथ टैगोर की कविता लैंप ऑफ द ईस्ट पढ़ाई जाती है
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। एशिया में प्रौद्योगिकी और औद्योगिक तौर पर बेहद संपन्न तथा रणनीतिक लिहाज से भारत के लिए बेहद अहम स्थान रखने वाले दक्षिण कोरिया से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) काफी प्रभावित है। अब भाजपा इस देश की समूची विकास यात्रा से लेकर वहां के मौजूदा राजनीतिक और आर्थिक तंत्र पर समग्र रिपोर्ट तैयार कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार को सौंपने की तैयारी में है। किस कदर तमाम विपरीत परिस्थितियों में भी दक्षिण कोरिया अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाए रखने में सफल हुआ है, यह रिपोर्ट इसी पर केंद्रित होगी।
दक्षिण कोरिया के सप्ताह भर लंबे दौरे से लौटे भाजपा के शीर्ष नेताओं का प्रतिनिधि मंडल यह देखकर प्रभावित रहा है कि वहां के स्कूलों में आज भी रविंद्रनाथ टैगोर की कविता लैंप ऑफ द ईस्ट पढ़ाई जाती है। टैगोर का नाम सुनते ही दक्षिण कोरिया के लोग भावुक हो उठते हैं। खास बात यह है कि टैगोर कभी दक्षिण कोरिया नहीं गए, मगर उन्होंने वहां के उत्थान के बारे में चंद लाइनों में ऐसी कविता रच दी, जो वहां जन-जन की जुबान पर है।
भाजपा के छह सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने वाले पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव पी. मुरलीधर राव ने आईएएनएस को बताया कि दौरे पर गए प्रतिनिधि मंडल के सदस्यों के सहयोग से यह रिपोर्ट अभी तैयार हो रही है। यकीनन दक्षिण कोरिया से बहुत कुछ सीखने की जरूरत है। वहां शिक्षा को लेकर अभिभावकों का जुनून देखते ही बनता है।
मुरलीधर ने कहा कि 14 से 19 अक्टूबर के बीच यात्रा के दौरान वहां के सत्ता पक्ष और विपक्षी दलों के नेताओं के साथ बैठकें हुईं। वहां के थिंक टैंक, बुद्धिजीवियों, उद्यमियों के साथ बैठकें काफी प्रभावी रहीं। दोनों देशों के प्रतिनिधि मंडल के बीच आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक विचारों का आदान-प्रदान हुआ। परस्पर एक-दूसरे को सुझाव दिए गए। दक्षिण कोरिया किस तरह से विपरीत परिस्थितियों में भी अपने को ताकतवर राष्ट्र और एशिया में संतुलनकारी शक्ति बनने में सफल हुआ है। इस लिहाज से वहां के सिस्टम की अच्छाइयों को लेकर एक रिपोर्ट तैयार हो रही है। केंद्र सरकार जरूरी सुझावों पर अमल कर सकती है।
भाजपा प्रतिनिधि मंडल ने दक्षिण कोरिया के बुसान शहर में स्थित डांगकूक स्टील प्लांट का भी जायजा लिया। भारत से स्टील के बड़े-बड़े रोल यहा आयात किए जाते हैं और फिर उन्हें तकनीकी ढंग से प्रसंस्कृत कर सनमाइका की तरह विविध रंगों में रंग कर दुनिया में निर्यात किया जाता है। यह दक्षिण कोरिया की तकनीकी विशेषज्ञता है।
प्रतिनिधि मंडल में शामिल श्यामा प्रसाद मुखर्जी रिसर्च फाउंडेशन के निदेशक डॉ. अनिर्बान गांगुली ने आईएएनएस को बताया, टेक्नोलॉजी और इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट के लिहाज से भारत के लिए दक्षिण कोरिया बहुत महत्व रखता है। जिस एशियाई सदी की बात होती है, उसके मद्देनजर यह दौरा अहम रहा, क्योंकि इसमें दक्षिण कोरिया की अहम भूमिका है। उन्होंने बताया कि दक्षिण कोरिया के तकनीकी और औद्योगिक विकास को देखने के लिए प्रतिनिधि मंडल ने 11 घंटे तक सड़क मार्ग से यात्रा की। वहां के इंडस्ट्रियल हब को देखा। दक्षिण कोरिया की विकास यात्रा उतार-चढ़ावों से भरी रही है। इस देश ने 90 के दशक में अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर झटका खाने के बाद भी जिस तरह संभलकर तरक्की की, वह प्रेरणादायक है। विपरीत परिस्थितियों में भी कोरिया का एक शक्ति के रूप में उभरना एक बड़ा संदेश है।
डॉ. गांगुली ने कहा कि कमाल की बात है कि दक्षिण कोरिया ने उत्तर कोरिया से लगी सीमा को पर्यटन उद्योग के रूप में तब्दील कर दिया है। सीमा जैसे संवेदनशील क्षेत्र में भी पर्यटन की संभावनाओं को जन्म देना एक नई सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि वहां की सत्ताधारी पार्टी और उसका थिंकटैंक भाजपा के बारे में जानने के लिए काफी उत्सुक रहा। प्रचंड बहुमत से मोदी सरकार की दो बार कैसे जीत हुई, भाजपा कैसे भारत में इतनी ताकतवर हुई? भाजपा कैसे चुनाव लड़ती है? इन तमाम सवालों को जानने के लिए वे काफी उत्सुक रहे।
गांगुली ने कहा कि हमने भारत की राजनीति में युवाओं की सक्रियता बढ़ने की बात कही तो उन्होंने बताया कि दक्षिण कोरिया की राजनीति में युवाओं की संख्या कम है। उन्होंने राजनीति में युवाओं की संख्या बढ़ाने के लिए नए सुझावों पर अमल करने की बात कही। प्रधानमंत्री मोदी ने सत्ता में आने के बाद भारत की लुक ईस्ट नीति को नया आयाम देते हुए इसे ऐक्ट ईस्ट कर दिया। वर्ष 2015 से इस नीति पर फोकस करने के बाद से दक्षिण कोरिया संग भारत की दोस्ती काफी मजबूत हुई है। दोनों देशों के एक-दूसरे का रणनीतिक साझेदार बनने के बाद से द्विपक्षीय व्यापार बढ़ा है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक कि 2015-16 तक दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार लगभग 16 अरब डॉलर था, जो 2017 में बढ़कर 20 अरब डॉलर से ज्यादा हो गया। भारत और दक्षिण कोरिया ने द्विपक्षीय व्यापार को 2030 तक 50 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। भारत से रिश्ते मजबूत होने के बाद से 2015 के बाद से भारत में दक्षिण कोरियाई निवेश की रफ्तार बढ़ी है। प्रौद्योगिकी, रसायन, ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स, वस्त्र आदि उद्योगों में दक्षिण कोरिया की नामी कंपनियां भारत में 3.5 अरब डॉलर से ज्यादा निवेश कर चुकी हैं।
भाजपा महासचिव राव ने कहा कि अमेरिका, रूस हो या चीन, ये देश राजनीतिक लिहाज से देशों में निवेश पर जोर देते हैं, मगर दक्षिण कोरिया भारत के लिए एक रियल इनवेस्टर है। इस नाते दक्षिण कोरिया से भारत की दोस्ती बहुत महत्वपूर्ण है।
आईसेक्ट ग्रुप भोपाल: आईसेक्ट द्वारा ग्लोबल पर्सनल डेवलपमेंट विषय पर विशेष ट्रेनिंग सेशन आयोजित
डिजिटल डेस्क, भोपाल। आईसेक्ट के एचआर एवं लर्निंग एंड डेवलपमेंट डिपार्टमेंट द्वारा एम्पलॉइज के लिए ग्लोबल पर्सनल डेवलपमेंट पर एक विशेष ट्रेनिंग सेशन का आयोजन किया गया। इसमें यूनाइटेड किंगडम के कॉर्पोरेट इंटरनेशनल ट्रेनर जुबेर अली द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया गया। जिसमें उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों को अपने अनुभवों, डेमोंस्ट्रेशन, वीडियो, स्लाइड शो के माध्यम से नई स्किल्स को प्राप्त करने और अपनी पर्सनेलिटी को बेहतर बनाने के तरीके बताए। साथ ही उन्होंने पर्सनेलिटी डेवलपमेंट और अपस्किलिंग के महत्व पर बात की और बताया कि करियर ग्रोथ के लिए यह कितना आवश्यक है। इस दौरान उन्होंने सफलता के लिए नौ सक्सेस मंत्र भी दिए। इस दौरान कार्यक्रम में एचआर कंसल्टेंट डी.सी मसूरकर और अल नूर ट्रस्ट के सदस्य उपस्थित रहे।
इस पहल पर बात करते हुए आईसेक्ट के निदेशक सिद्धार्थ चतुर्वेदी ने कहा कि आईसेक्ट कौशल विकास के महत्व को समझता है इसी कारण अपने एम्पलॉइज की अपस्किलिंग के लिए लगातार विभिन्न प्रशिक्षण सेशन का आयोजन करता है। इसी कड़ी में ग्लोबल पर्सनेल डेवलपमेंट पर यह ट्रेनिंग सेशन भी एक कदम है।
स्कोप कैम्पस: खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 की मशाल रैली भीमबेटका, ओबेदुल्लागंज, मंडीदीप, भोजपुर होते हुए पहुंची रबीन्द्रनाथ नाथ टैगोर विश्वविद्यालय और स्कोप कैम्पस
डिजिटल डेस्क, भोपाल। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय और खेल एवं युवा कल्याण विभाग रायसेन के संयुक्त तत्वावधान में खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 की मशाल रैली आयोजित की गई। यह यात्रा होशंगाबाद से पर्वतारोही भगवान सिंह भीमबेटका लेकर पहुंचे। फिर भीमबेटका से रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय ने मशाल लेकर ओबेदुल्लागंज की ओर प्रस्थान किया। ओबेदुल्लागंज में रैली का स्वागत किया गया। साथ ही ओबेदुल्लागंज में मशाल यात्रा को विभिन्न स्थानों पर घुमाया गया। तत्पश्चात यात्रा ने मंडीदीप की ओर प्रस्थान किया। मंडीदीप में यात्रा का स्वागत माननीय श्री सुरेंद्र पटवा जी, भोजपुर विधायक ने किया। अपने वक्तव्य में उन्होंने खेलों को बढ़ावा देने के लिए मप्र सरकार द्वारा की जा रही पहलों की जानकारी दी और युवाओं को खेलों को जीवन में अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। इसके अलावा खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 में खिलाड़ियों को जीत के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने खेलों इंडिया यूथ गेम्स के आयोजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रयासों को रेखांकित किया।
साथ ही कार्यक्रम में रायसेन के डिस्ट्रिक्ट स्पोर्ट्स ऑफिसर श्री जलज चतुर्वेदी ने मंच से संबोधित करते हुए कहा कि खेलों को बढ़ावा देने के लिए सरकार की विभिन्न गतिविधियों पर प्रकाश डाला और खेलों इंडिया यूथ गेम्स के खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दीं। यहां से धावकों ने मशाल को संभाला और दौड़ते हुए भोजपुर मंदिर तक पहुंचे। मंदिर से फिर यात्रा रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय तक पहुंचती और यहां यात्रा का डीन एकेडमिक डॉ. संजीव गुप्ता द्वारा और उपकुलसचिव श्री समीर चौधरी, उपकुलसचिव अनिल तिवारी, उपकुलसचिव ऋत्विक चौबे और स्पोर्ट्स ऑफिसर सतीश अहिरवार द्वारा भव्य स्वागत किया जाता है। मशाल का विश्वविद्यालय में भी भ्रमण कराया गया। यहां से यात्रा स्कोप कैम्पस की ओर प्रस्थान करती है। स्कोप कैम्पस में स्कोप इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. डी.एस. राघव और सेक्ट कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. सत्येंद्र खरे ने स्वागत किया और संबोधित किया। यहां से मशाल को खेल एवं युवा कल्याण विभाग के उपसंचालक जोश चाको को सौंपा गया।
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