मोहन भागवत बोले - इंटरकास्ट मैरिज करने वालों में संघ के लोग सबसे ज्यादा

मोहन भागवत बोले - इंटरकास्ट मैरिज करने वालों में संघ के लोग सबसे ज्यादा
हाईलाइट
  • RSS के कार्यक्रम के आखिरी दिन मोहन भागवत लोगों के सवालों का जवाब दे रहे थे।
  • मोहन भागवत ने कहा इंटरकास्ट मैरिज करने वालों में सबसे ज्यादा आरएसएस के लोग हैं।
  • मोहन भागवत ने कहा
  • संघ इंटरकास्ट मैरिज का समर्थन करता है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इंटरकास्ट मैरिज करने वालों में सबसे ज्यादा आरएसएस के लोग हैं। ये कहना है राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत का। दिल्ली में चल रहे RSS के व्याख्यानमाला कार्यक्रम "भारत का भविष्य : आरएसएस का दृष्टिकोण " के आखिरी दिन मोहन भागवत लोगों के सवालों का जवाब दे रहे थे। इस दौरान उनसे इंटरकास्ट मैरिज को लेकर सवाल किया गया। इसके अलावा भागवत ने हिंदुत्व, गोरक्षा, राम मंदिर निर्माण और धारा 370 पर भी अपना दृष्टिकोण रखा।

मोहन भागवत ने कहा, संघ इंटरकास्ट मैरिज का समर्थन करता है। मानव-मानव में भेद नहीं करना चाहिए। अगर आप इंटरकास्ट मैरिज को लेकर भारत में सर्वे करेंगे तो देखेंगे की इसमें सबसे ज्यादा RSS के लोग है। पहली इंटरकास्ट मैरिज 1942 में महाराष्ट्र में हुई थी। इस दौरान उन्हें बधाई संदेश देने वालों में बाबा साहेब अम्बेडकर और श्री गुरुजी भी थे। गुरुजी ने कहा था कि "शारीरिक आकर्षण के कारण आप सिर्फ शादी नहीं कर रहे हैं। आप यह बताना चाहते हैं कि हर कोई बराबर है। भागवत ने कहा, समाज को अभेद दृष्टि से देखना जरूरी है। इससे हिंदू समाज नहीं बंटेगा। इसलिए हम सभी हिंदुओं को संगठित करने का प्रयास कर रहे हैं।

वहीं हिंदुत्व और हिंदुइजम को लेकर किए गए सवाल के जवाब में भागवत ने कहा, हिंदुइजम गलत शब्द है। सत्य की अनवरत खोज का नाम हिंदुत्व है। ये सतत चलने वाली प्रक्रिया है इसलिए इसे हिंदुइजम नहीं कहना चाहिए। "भागवत ने कहा, अन्य मठ पंतो के साथ तालमेल करने वाली एक मात्र विचारधारा, ये भारत की विचारधारा है, हिंदुत्व की विचारधारा है। भारत में रहने वाले सब लोग हिन्दू ही है। पहचान की दृष्टी से, राष्ट्रीयता की दृष्टी से।"

गौरक्षा को लेकर भागवत ने कहा, केवल गायों के मुद्दे पर ही क्यों? किसी भी मुद्दे पर कानून को हाथ में लेना गलत है। ये अपराध है। कानून को हाथ में लेने वालों पर सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। लेकिन गौरक्षा तो होनी चाहिये, गौरक्षा सिर्फ कानून से नही होगी, गौरक्षा करने वाले देश के नागरिक गाय को पहले रखे, गाय को रखेंगे नही, खुला छोड़ेंगे तो उपद्रव होगा, गौरक्षा के बारे में आस्था पर प्रश्न लगता है। गौसंवर्धन का विचार होना चाहिये, गाय के जितने उपयोग हैं उनको कैसे लागू किये जाये, कैसे तकनीक का उपयोग कर उसको घर घर पहुंचाया जाये, इस पर बहुत लोग काम कर रहे हैं, वो गौरक्षा की बात करते हैं, वो लिंचिंग करने वाले नही हैं, वो सात्विक प्रकृति के लोग हैं। अच्छी गौशालायें चलाने वाले, भक्ति से चलाने वाले लोग हमारे यहाँ हैं, मुस्लिम भी इसमे शामिल हैं।

राममंदिर निर्माण के सवाल पर भागवत ने कहा, "संघ के सरसंघचालक होने के नाते मेरा मत है कि राम मंदिर जन्मभूमि पर भव्य राम मंदिर बनना ही चाहिए। जहां राम की जन्मभूमि थी, जहां उनका जन्म हुआ वहां उनका मंदिर होना चाहिये, यदि यह हो गया तो हिंदू और मुस्लिम के बीच झगड़े का एक बड़ा कारण समाप्त हो जायेगा, और यह सद्भावना से हो गया तो मुस्लिमों की ओर उठने वाली उंगलियों में बहुत कमी आ जायेगी।

धारा 370 और 35ए के बारे में भागवत ने कहा, हमारा मानना है कि ये नहीं होने चाहिए। भटके युवाओं के लिए देश संघ के स्वयंसेवक कार्य कर रहे हैं। वहां के लोगों का सहयोग और समर्थन भी मिलता है। मैं विजयदशमी के भाषण में बोला था, कश्मीर के लोगों के साथ मेल-मिलाप बढ़ना चाहिए।" उन्होंने कहा कि एक देश के लोग एक कानून के भीतर रहें।

Created On :   19 Sep 2018 2:05 PM GMT

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