मप्र में अभी और आ सकते है 5 लाख से ज्यादा श्रमिक

More than 5 lakh workers can come to Madhya Pradesh right now
मप्र में अभी और आ सकते है 5 लाख से ज्यादा श्रमिक
मप्र में अभी और आ सकते है 5 लाख से ज्यादा श्रमिक

भोपाल, 27 मई (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश में अब तक विभिन्न राज्यों में फंसे लगभग साढ़े पांच लाख श्रमिकों की वापसी हो चुकी है, वहीं पांच लाख से ज्यादा और श्रमिकों की वापसी की संभावना जताई जा रही है। घरों को लौट रहे श्रमिकों को काम दिलाने के लिए सरकार की ओर से प्रयास जारी है और संभावित श्रमिकों की संख्या के मद्देनजर रणनीति भी बनाई जा रही है ।

आधिकारिक आंकड़े बताते हैं कि कोरोना संक्रमण के कारण विभिन्न प्रदेशों में फंसे 5 लाख 45 हजार श्रमिक मध्यप्रदेश में वापस लाये जा चुके हैं। इनमें से 3 लाख 83 हजार श्रमिक बसों से और करीब 1 लाख 62 हजार श्रमिक ट्रेनों से वापस लाये गये हैं। अब तक गुजरात से 2 लाख 8 हजार, राजस्थान से 1 लाख 20 हजार, महाराष्ट्र से 1 लाख 26 हजार श्रमिक वापस लाए गए हैं। इसके अतिरिक्त गोवा, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, केरल, आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु और तेलंगाना से भी श्रमिक वापस लाये गये हैं।

वहीं मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने रिवर्स माइग्रेशन से प्रदेश में कुल 10 से 13 लाख मजदूर प्रदेश लौटने का अनुमान जताया है। मुख्यमंत्री चौहान ने अधिकारियों को श्रमिकों को रोजगार देने के लिए योजनाओं पर अमल करने को कहा है। चौहान ने बताया कि अकुशल श्रमिकों को कार्य दिलाने के लिये प्रदेश में श्रमसिद्घि अभियान चालू किया गया है। कुशल मजदूरों को उनकी योग्यता के अनुसार रोजगार दिलवाने के लिये कम और अधिक समय के लिए योजना बनाई जाएगी। इसके लिए रोजगार सेतु बनाया जाएगा और इससे कुशल श्रमिकों एवं काम देने वालों को जोड़ा जाए।

मुख्यमंत्री चौहान ने अधिकारियों से कहा है कि कुशल प्रवासी मजदूरों को तत्काल कार्य दिलाने के लिए शार्ट टर्म प्लान बनाएं। इसके अंतर्गत पंचायतों से डाटा मंगवाएं और निर्माण कार्य, उद्यम आदि में कुशल श्रमिकों को नियोजित किया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि लांग टर्म प्लानिंग के तहत कुशल मजदूरों की जानकारी तथा उद्योगों एवं निर्माणकर्ताओं की जानकारी एक प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कराई जाए, जिसके माध्यम से उद्योगों एवं निर्माणकर्ताओं को उनकी आवश्यकता के अनुरूप कुशल श्रमिक उपलब्ध कराए जाएं। इसमें एमएसएमई की भूमिका महत्वपूर्ण है।

बताया गया है कि प्रवासी मजदूर मुख्य रूप से भवन एवं अन्य निर्माण कार्य, ईंट भट्टा खनन, फैक्ट्री, टेक्सटाइल, कृषि एवं संबंधित गतिविधियों में कार्य करते हैं। ये मजदूर प्रमुख रूप से महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली, उत्तरप्रदेश, पंजाब, तमिलनाडु, हरियाण, कर्नाटक तथा राजस्थान में मजदूरी के लिए जाते हैं। इन मजदूरों को उनकी क्षमता और कार्यशैली के अनुरुप काम दिलाने के प्रयास जारी है।

जो मजदूर दूसरे प्रदेशों से लौट रहे हैं उनका स्वास्थ्य परीक्षण कर क्वोरंटीन सेंटर भेजा जा रहा है। वहीं बड़ी संख्या में मजदूरों को उनके घरों पर ही क्वोरंटीन किया जा रहा है।

Created On :   27 May 2020 7:31 AM GMT

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