घाटी में सक्रिय हैं 70 से अधिक आतंकी, जैश ए मोहम्मद में हुई नई भर्तियां
डिजिटल डेस्क, श्रीनगर। जम्मू कश्मीर में जैश ए मोहम्मद के 70 से अधिक आतंकवादियों के सक्रिय होने का अंदेशा जताया जा रहा है। पाकिस्तान से अपनी नापाक हरकतों को अंजाम देने वाले इस आतंकवादी संगठन के फिर से ताकतवर होने के संकेत हैं। बता दें इस संगठन के कई आतंकियों को पांच साल पहले निष्क्रिय माना जाने लगा था। हाल के महीनों में हुए कई फिदायीन हमलों के पीछे जैश ए मोहम्मद के हाथ होना सामने आया है। इनमें जम्मू में सुंजवान आर्मी कैंप, श्रीनगर एयरपोर्ट के बाहर बीएसएफ के कैंप, श्रीनगर में एसएमएचएस हॉस्पिटल के पास सीआरपीएफ के कैंप और लेथपुरा में सीआरपीएफ के ट्रेनिंग कैंप पर हुए हमले शामिल हैं।
ट्रेनिंग कैंप पर हमले को जम्मू कश्मीर पुलिस के एक अधिकारी के बेटे ने अंजाम दिया था। पुलवामा के सीनियर एसपी मुहम्मद असलम ने ईटी से कहा, "हम इस सूचना की पुष्टि करने में जुटे हैं कि हिजबुल मुजाहिदीन के साथ रहे दो लोकल लड़के हाल में जैश ए मुहम्मद में चले गए। चरार ए शरीफ में एक पुलिसकर्मी की जान लेने और राइफल छीनने में शामिल रहा एक और लोकल जैश ए मुहम्मद से जुड़ा है।"
मुफ्ती वकास की मौत के बाद अहम खुलासे
वहीं सुंजवां हमला समेत अन्य पांच फिदायीन हमले का मास्टरमाइंड मुफ्ती वकास के मारे जाने के बाद कई अहम खुलासे हुए हैं। आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद रियासत के अलावा देश के अन्य हिस्सों को दहलाने की नापाक साजिश रच रहा था। राजधानी श्रीनगर से मात्र 21 किमी. दूर वकास जो अबु अंसार के कोड नेम से सक्रिय रहता था। पांच मार्च को पुलवामा के हट्टीपोरा इलाके में जम्मू कश्मीर पुलिस और सेना के एक संयुक्त ऑपरेशन में मार गिराया गया। 10 फरवरी को सुंजवां सैन्य कैंप हमले के बाद वो लगातार सुरक्षा एजेंसियों के निशाने पर था।
बताया जा रहा है कि वकास लगातार पाकिस्तान में बैठे अपने आकाओं को अपडेट दे रहा था। वह अगला हमला देश के किन हिस्सों में करना है इस संबंध में भी बात कर रहा था। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने आतंकी मुफ्ती वकास को मार गिराने के लिए एक विशेष टीम का गठन किया था। मुफ्ती वकास फिदायीन बनाने की कला में माहिर आतंकी वकास को किलिंग मशीन का उपनाम भी दिया गया था। सूत्रों के मुताबिक उसने तीन कश्मीरी युवाओं का चयन भी कर लिया था। उन्होंने पिछले साल ही आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का दामन थामा था।
70 से ज्यादा आतंकी सक्रिय
आतंकवाद विरोधी अभियानों की जानकारी रखने वाले एक सीनियर पुलिस ऑफिसर ने कहा कि "मुझे यकीन है कि कश्मीर में 70 से ज्यादा जैश के आतंकवादी सक्रिय हैं। जैश के आतंकवादी घाटी में बिखरे हैं और सेंट्रल कश्मीर उनके लिए ट्रांजिट रूट बना हुआ है। उन्होंने बताया कि जैश के आतंकवादियों ने दक्षिण कश्मीर, खासतौर से अवंतिपुरा के त्राल इलाके और शोपियां और पुलवामा के कुछ हिस्सों में अपनी पकड़ मजबूत की है, जहां कई स्थानीय लोग उससे जुड़े हैं।
संगठन में हुईं नई भर्तियां
पिछले साल लश्कर-ए-तैयबा और हिज्बुल मुजाहिदीन के कई टॉप कमांडरों को मार गिराए जाने के कारण भी जैश का जम्मू कश्मीर में आतंकवादी गुटों के बीच दबदबा बढ़ा है। जैश ए मोहम्मद को संयुक्त राष्ट्र ने आतंकवादी संगठन करार दिया है, लेकिन इसके सरगना मौलाना मसूद अजहर को आतंकवादियों की लिस्ट में डाले जाने के प्रयासों में चीन के बार-बार रोड़ा डालने से भी जैश का प्रभाव बढ़ा है। इसका गठन 1998 में हुआ था और बताया जाता है कि उसके बाद इसने 2001 में संसद पर हमला और 2016 में पठानकोट एयरफोर्स स्टेशन पर हमले सहित कई घटनाओं को अंजाम दिया है।
सुरक्षा बलों ने पिछले साल अक्टूबर से लेकर अब तक जैश के तीन टॉप कमांडरों खालिद भाई, नूर मुहम्मद तांत्री और मुफ्ती वकास को ढेर किया है, लेकिन माना जा रहा है कि इस गिरोह ने नई भर्तियां कर ली है। यह आतंकी देश में कहीं भी हमला करने लिए तैयार हैं।
Created On :   13 March 2018 8:38 AM IST