रक्षा राज्य मंत्री बोले- राफेल के बारे में सब कुछ बता दिया तो दुश्मनों को गुप्त एजेंसियों की जरुरत नहीं पड़ेगी
![MoS Defence Subhash Bhamre targets congress on Rafale deal MoS Defence Subhash Bhamre targets congress on Rafale deal](https://d35y6w71vgvcg1.cloudfront.net/media/2018/10/mos-defence-subhash-bhamre-targets-congress-on-rafale-deal_730X365.jpg)
- अगर राफेल के बारे में सब कुछ बता दिया जाएगा तो दुश्मनों को उनकी एजेंसियों को फिल्ड में रखने की आवश्यकता नहीं होगी।
- केन्द्रीय रक्षा राज्य मंत्री सुभाष भामरे ने कहा कि राफेल जेट का मूल्य केवल एक बार नहीं कई बार बताया गया है।
- राफेल का बेसिक प्राइज UPA की तुलना में कम है।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केन्द्रीय रक्षा राज्य मंत्री सुभाष भामरे ने कहा कि राफेल जेट का मूल्य केवल एक बार नहीं कई बार बताया गया है। राफेल का बेसिक प्राइज UPA की तुलना में कम है। अगर राफेल के बारे में सब कुछ मीडिया के सामने बता दिया जाएगा तो सीमा पार हमारे दुश्मनों को उनकी गुप्त एजेंसियों को फिल्ड में रखने की आवश्यकता नहीं होगी। उन्होंने कहा कि अगर भविष्य में भारत को एक साथ दो मोर्चों (चीन और पाकिस्तान) पर एक साथ लड़ना पड़ा तो उसके लिए 42 फाइटर जेट एयरक्राफ्ट की जरुरत पड़ेगी। फिलहाल हमारे पास केवल 33 एयरक्राफ्ट हैं। उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस ने 2001 से 2013 के बीच कुछ भी नहीं किया।
बता दें कि राफेल सौदे को लेकर कांग्रेस लगातार मोदी सरकार पर हमलावर होती रही है। गुरुवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने एक बार फिर नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) का रुख किया। कांग्रेस ने आग्रह किया कि इस मामले में "फॉरेंसिक ऑडिट" किया जाए और सभी तथ्यों को रिकॉर्ड पर लाया जाए ताकि संसद जवाबदेही तय कर सके। पार्टी नेताओं ने कैग राजीव महर्षि को ज्ञापन सौंपा, जिसमें राफेल मामले का पूरा ब्यौरा दिया गया है। साथ ही फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के उस कथित बयान का विशेष रूप से हवाला दिया गया कि "ऑफसेट साझेदार" के तौर पर अनिल अंबानी की कंपनी का नाम भारत सरकार ने सुझाया था।
क्या है राफेल डील?
भारत ने 2010 में फ्रांस के साथ राफेल फाइटर जेट खरीदने की डील की थी। उस वक्त यूपीए की सरकार थी और 126 फाइटर जेट पर सहमित बनी थी। इस डील पर 2012 से लेकर 2015 तक सिर्फ बातचीत ही चलती रही। इस डील में 126 राफेल जेट खरीदने की बात चल रही थी और ये तय हुआ था कि 18 प्लेन भारत खरीदेगा, जबकि 108 जेट बेंगलुरु के हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड में असेंबल होंगे यानी इसे भारत में ही बनाया जाएगा। फिर अप्रैल 2015 में मोदी सरकार ने पेरिस में ये घोषणा की कि हम 126 राफेल फाइटर जेट को खरीदने की डील कैंसिल कर रहे हैं और इसके बदले 36 प्लेन सीधे फ्रांस से ही खरीद रहे हैं और एक भी राफेल भारत में नहीं बनाया जाएगा।
Created On :   4 Oct 2018 4:27 PM GMT