बेरोजगारी भत्ते पर CM कमलनाथ का यू-टर्न,बोले- भत्ता देने की योजना ही नहीं

बेरोजगारी भत्ते पर CM कमलनाथ का यू-टर्न,बोले- भत्ता देने की योजना ही नहीं
हाईलाइट
  • वचन पत्र से मुकर गई कांग्रेस सरकार
  • विधानसभा में सीएम कमलनाथ ने खुद दी जानकारी
  • सीएम कमलनाथ ने बेरोजगारी भत्ता देने से किया इनकार

डिजिटल डेस्क, भोपाल। विधानसभा चुनाव में मध्य प्रदेश के बेरोजगारों युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देने का वादा करने वाले कमलनाथ अब इस वादे से मुकर गए हैं। इसकी जानकारी खुद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मंगलवार को विधानसभा में दी। कमलनाथ ने स्पष्ट किया है कि सरकार का बेरोजगारी भत्ता देने का कोई प्लान नहीं है। उनके इस बयान के बाद प्रदेश में बेरोजगारी भत्ते की आस लगाए बैठे युवाओं को बड़ा झटका लगा है। 

दरअसल, पिछले साल मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने अपने वचन पत्र (घोषणापत्र) में प्रदेश के युवाओं को चार हजार रुपए तक का बेरोजगारी भत्ता देने का वादा किया था, लेकिन विधानसभा में जब विधायक मुन्नालाल गोयल ने सवाल पूछा कि पंजीकृत बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध कराने या उन्हें बेरोजगारी भत्ता देने की कोई नीति सरकार बना रही है? इसके जवाब में सीएम कमलनाथ ने लिखित में जवाब दिया "जी नहीं"

कमलनाथ ने सदन में कहा कि प्रदेश के बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता देने की सरकार के पास योजना नहीं है। वहीं कमलनाथ सरकार ने कैबिनेट में युवा स्वाभिमान योजना का ऐलान किया था। इस योजना के तहत बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने और उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत बनाया जाना था। मध्य प्रदेश कैबिनेट ने इस योजना को लागू करने पर मंजूरी दे दी थी। वहीं बेरोजगारी भत्ता को लेकर नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा था कि सरकार ने युवाओं के साथ छलावा किया। चुनाव के पहले बेरोजगार युवाओं को 4 हजार प्रतिमाह बेरोजगारी भत्ते का वचन दिया था, लेकिन बेरोजगारी भत्ते को लेकर बजट में कोई भी स्पष्ट उल्लेख नहीं किया। सिर्फ बातों में घुमाने का प्रयास किया।

इसके इतर सीएम कमलनाथ का कहना है कि प्रदेश में मुख्यमंत्री कौशल संवर्धन योजना, मुख्यमंत्री कौशल्या योजना एवं प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना तथा आईटीआई एवं पॉलीटेक्निक के माध्यम से कौशल संवर्धन का कार्य किया जा रहा है। इन योजनाओं में प्रशिक्षण लेने के बाद ज्यादा से ज्यादा युवाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। वहीं गोपाल भार्गव ने कहा था कि कमलनाथ सरकार को मावा बाटी, जलेबी और चिरौंजी बर्फी की ब्रांडिंग करने के बजाय ठोस काम करने की जरूरत है। सरकार ने चुनाव के पहले जनता को जो वचन दिए थे, उन्हें पुरे करने की इस बजट में कोई मंशा नही दिखाई देती है। 

बता दें कि मध्य प्रदेश सरकार ने शहरी कमजोर तबके के युवाओं को रोजगार देने का खाका तैयार किया था। योजना के तहत युवाओं को साल में 100 दिन का प्रशिक्षण और रोजगार मिलना था। इस अवधि में इन युवाओं को कुल मिलाकर 13 हजार रुपए यानी 4000 रुपए महीने के हिसाब से मानदेय भी दिया जाना था। जिससे कमलनाथ सरकार मुकर गई है। 

Created On :   24 July 2019 3:09 AM GMT

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