मप्र : गांधी का संदेश प्रचारित करने निकले देशी-विदेशी अनुयायियों के पैर धोए
मुरैना, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)। महात्मा गांधी को सत्य, अहिंसा का पुजारी माना जाता है और उनके अनुयायियों को भी समाज में खास स्थान हासिल है। यही कारण है कि गांधी के संदेश को देश और दुनिया में प्रचारित करने के लिए निकले दल के देशी-विदेशी सदस्यों के चंबल की धरती पर कदम रखने पर पैर धोकर स्वागत किया गया।
महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के मौके पर दो अक्टूबर को दिल्ली के राजघाट से शुरू हुई जय जगत 2020 यात्रा हरियाणा, उत्तरप्रदेश और राजस्थान से होते हुए सोमवार को मध्यप्रदेश के चंबल में प्रवेश की। इस दल के साथियों का विशेश तरीके से स्वागत किया गया। स्वागतकर्ताओं ने सभी सदस्यों के एक-एक कर पैर धोए।
मुरैना में आयोजित एक स्वागत सभा में जय जगत 2020 के नेतृत्वकर्ता एवं एकता परिषद के संस्थापक राजगोपाल पी़ वी़ ने कहा, आज पूरे विश्व में अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग कारणों से हिंसा के कई रूप दिखाई दे रहे हैं। यदि समाज एवं पर्यावरण को बचाना है, तो हमें अहिंसा की राह अपनानी पड़ेगी, तभी दुनिया में शांति आएगी। चंबल में 70 के दशक में बागियों ने बंदूक छोड़कर अहिंसा की राह अपनाई थी, जो पूरी दुनिया में मिसाल है।
परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष रन सिंह परमार ने बताया, वैश्विक शांति एवं न्याय के लिए बा-बापू यानी महात्मा गांधी और कस्तूरबा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर दो अक्टूबर से दिल्ली के राजघाट से जय जगत 2020 यात्रा शुरू की गई है। यह यात्रा दुनिया के कई देशों में समानांतर चल रही है और सभी यात्राएं अगले साल 25 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय जेनेवा पहुंचेंगी, जहां 25 से दो अक्टूबर के दरम्यान शांति एवं न्याय के लिए समर्पित हजारों लोगों का समागम होगा।
यात्रा के चंबल संभाग के संयोजक और मुरैना के पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष राकेश यादव ने कहा, जय जगत एक ऐतिहासिक यात्रा है और इस यात्रा का गवाह बनने पर चंबल गर्व महसूस करता है।
यात्रा में शामिल केन्या के एक युवा किसान सिडनी कहते हैं, हम इस यात्रा में समाज के बारे में अधिक जानेंगे।
भारत की यात्रा में 50 पदयात्री साथ चल रहे हैं, जिसमें फ्रांस, न्यूजीलैंड, केन्या, बेल्जियम और स्वीट्जरलैंड से 10 कार्यकर्ताओं सहित शहरी युवा एवं ग्रामीण समुदाय के नेतृत्वकारी लोग शामिल हैं।
एकता परिषद के राष्ट्रीय संयोजक अनीस कुमार ने बताया, भारत में यह यात्रा दिल्ली, हरियाणा, उत्तरप्रदेश, राजस्थान और मध्यप्रदेश होते हुए महाराष्ट्र स्थित गांधी आश्रम सेवा ग्राम वर्धा पहुंचेगी, जहां भारत में यात्रा के समापन पर बा-बापू की 150वीं एवं आचार्य विनोबा भावे की 125वीं जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में शांति महासभा का आयोजन किया जाएगा। इसके बाद यात्रा अन्य देशों के लिए रवाना हो जाएगी।
Created On :   7 Oct 2019 8:32 PM IST