- लोग आजकल मुंह पर ताला लगाने की सलाह दे रहे हैं: अमिताभ बच्चन
- किसान सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित समिति से खुश नहीं, मगर जारी रखेंगे बातचीत : टिकैत
- हम लगातार कोशिश कर रहे हैं कि किसानों के साथ चर्चा के माध्यम से कोई रास्ता निकल आए : केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर
- भारत में कोरोना के 15,590 नए मामलों की पुष्टि, 191 मौतें
- मप्र सरकार पन्ना की हीरा खदान को चालू रखने को राजी
49 हस्तियों के खिलाफ नहीं चलेगा देशद्रोह का मुकदमा, जांच में नहीं मिले कोई सबूत

हाईलाइट
- पीएम मोदी को चिट्ठी लिखने वाले 49 हस्तियों के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा नहीं चलेगा
- इन हस्तियों ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर मॉब लिंचिंग की घटनाओं पर चिंता जताई थी
- पुलिस ने मजिस्ट्रेट के आदेश पर इन हस्तियों के खिलाफ FIR दर्ज की थी
डिजिटल डेस्क, मजफ्फरपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखने वाले 49 हस्तियों के खिलाफ पुलिस ने देशद्रोह का मुकदमा बंद कर दिया है। इस साल की शुरुआत में इन हस्तियों ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर देश में बढ़ती मॉब लिंचिंग की घटनाओं में हस्तक्षेप करने की मांग की थी। मुज़फ़्फ़रपुर के एसएसपी मनोज कुमार सिन्हा ने कहा कि जांच में पता चला है कि इन लोगों पर बुरी नीयत से ये आरोप लगाए गए थे। पुलिस को इन आरोपों में कोई आधार नहीं मिला।
चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट सूर्यकांत तिवारी के आदेश पर पिछले सप्ताह 3 अक्टूबर को सदर पुलिस थाने में FIR दर्ज की गई थी। स्थानीय वकील सुधीर कुमार ओझा की दायर याचिका के करीब दो महीने बाद मजिस्ट्रेट ने FIR दर्ज करने का आदेश दिया था। FIR में फिल्म निर्माता मणिरत्नम, अनुराग कश्यप, श्याम बेनेगल, अभिनेता सौमित्र चटर्जी और गायक शुभा मुद्गल सहित 49 हस्तियों पर 'देश की छवि धूमिल करने, प्रधानमंत्री के प्रभावशाली प्रदर्शन को कम करने और अलगाववादी प्रवृत्तियों का समर्थन करने' का आरोप लगाया गया था।
FIR दर्ज होने के बाद अशोक वाजपेयी, जैरी पिंटो और शम्सुल इस्लाम जैसी 180 हस्तियां सामने आई थी जिन्होंने सवाल किया कि प्रधानमंत्री को खत लिखना देशद्रोह कैसे हो सकता है? खत में कहा गया, 'हमारे 49 सहयोगियों के खिलाफ केवल इसलिए एफआईआर दर्ज की गई है क्योंकि उन्होंने हमारे देश में मॉब लिंचिंग पर चिंता व्यक्त करके समाज के सम्मानित सदस्यों के रूप में अपना कर्तव्य पूरा किया।' साथ ही सवाल किया गया है कि क्या नागरिकों की आवाज़ को चुप कराने के लिए अदालतों का दुरुपयोग करना 'उत्पीड़न' नहीं है?
बता दें कि 49 हस्तियों में अनुराग कश्यप, अपर्णा सेन, अदूर गोपालकृष्णन, मणि रत्नम और कोंकणा सेन शर्मा जैसे दिग्गज शामिल थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित करते हुए इस पत्र में भारत में भीड़ हिंसा की बढ़ती घटनाओं पर चिंता व्यक्त की गई थी। इसमें मुस्लिम, दलित और अन्य समुदायों के खिलाफ भीड़ द्वारा की जा हिंसा (मॉब लिंचिंग) पर रोक लगाने की मांग की गई थी।
कमेंट करें
Real Estate: खरीदना चाहते हैं अपने सपनों का घर तो रखे इन बातों का ध्यान, भास्कर प्रॉपर्टी करेगा मदद

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। किसी के लिए भी प्रॉपर्टी खरीदना जीवन के महत्वपूर्ण कामों में से एक होता है। आप सारी जमा पूंजी और कर्ज लेकर अपने सपनों के घर को खरीदते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि इसमें इतनी ही सावधानी बरती जाय जिससे कि आपकी मेहनत की कमाई को कोई चट ना कर सके। प्रॉपर्टी की कोई भी डील करने से पहले पूरा रिसर्च वर्क होना चाहिए। हर कागजात को सावधानी से चेक करने के बाद ही डील पर आगे बढ़ना चाहिए। हालांकि कई बार हमें मालूम नहीं होता कि सही और सटीक जानकारी कहा से मिलेगी। इसमें bhaskarproperty.com आपकी मदद कर सकता है।
जानिए भास्कर प्रॉपर्टी के बारे में:
भास्कर प्रॉपर्टी ऑनलाइन रियल एस्टेट स्पेस में तेजी से आगे बढ़ने वाली कंपनी हैं, जो आपके सपनों के घर की तलाश को आसान बनाती है। एक बेहतर अनुभव देने और आपको फर्जी लिस्टिंग और अंतहीन साइट विजिट से मुक्त कराने के मकसद से ही इस प्लेटफॉर्म को डेवलप किया गया है। हमारी बेहतरीन टीम की रिसर्च और मेहनत से हमने कई सारे प्रॉपर्टी से जुड़े रिकॉर्ड को इकट्ठा किया है। आपकी सुविधाओं को ध्यान में रखकर बनाए गए इस प्लेटफॉर्म से आपके समय की भी बचत होगी। यहां आपको सभी रेंज की प्रॉपर्टी लिस्टिंग मिलेगी, खास तौर पर जबलपुर की प्रॉपर्टीज से जुड़ी लिस्टिंग्स। ऐसे में अगर आप जबलपुर में प्रॉपर्टी खरीदने का प्लान बना रहे हैं और सही और सटीक जानकारी चाहते हैं तो भास्कर प्रॉपर्टी की वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं।
ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।