बजट 2019 : किसे मिलेगा फायदा, किसे होगा नुकसान, पढ़िए यहां..
- इस बजट में बॉन्ड होल्डर और फार्म लेबर के लिए ज्यादा कुछ खास नहीं है।
- उम्मीदों के मुताबिक इस बजट में किसान
- मजदूर
- मिडिल क्लास और ग्रामीणों को साधने के लिए बड़े कदम उठाए हैं।
- लोकसभा चुनाव से पहले शुक्रवार को मोदी सरकार ने अपना अंतिम बजट पेश किया।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव से पहले शुक्रवार को मोदी सरकार ने अपना अंतिम बजट पेश किया। उम्मीदों के मुताबिक इस बजट में किसान, मजदूर, मिडिल क्लास और ग्रामीणों को साधने के लिए बड़े कदम उठाए गए। मोदी सरकार ने "पीएम किसान सम्मान निधि" योजना के तहत किसानों को हर साल 6 हजार रुपए देने का ऐलान किया, जो तीन किश्तों में 2-2 हजार हर चार महीने में सीधे एकाउंट के जरिए दिए जाएंगे। मिडिल क्लास को सौगात देते हुए सरकार ने इनकम टैक्स लिमिट को 2.50 लाख रुपए से बढ़ाकर 5 लाख रुपए कर दी है। हालांकि इस बजट में बॉन्ड होल्डर और फार्म लेबर के लिए ज्यादा कुछ खास नहीं है। रिपोर्ट में पढ़िए मोदी सरकार के इस बजट में कौन विनर रहा और कौन लूजर?
विनर्स
1. किसान
जैसा कि अपेक्षित था, मोदी सरकार देश के किसानों के लिए बड़े पैमाने पर खर्च करने की योजना के साथ आई है। 750 बिलियन रुपये (10.5 बिलियन डॉलर) का कृषि आय सहायता कार्यक्रम। इस योजना के तहत दो हेक्टेयर से कम भूमि वाले किसानों को हर साल 6,000 रुपये दिए जाएंगे। सरकार ने कहा कि इससे लगभग 12 करोड़ किसानों को सहायता मिलेगी। कृषि केंद्रित कंपनियां जैसे शक्ति पंप्स इंडिया लिमिटेड, जैन इरिगेशन सिस्टम्स लिमिटेड, केएसबी लिमिटेड, किर्लोस्कर ब्रदर्स लिमिटेड, अवंती फीड्स लिमिटेड, वॉटरबेस लिमिटेड, जेके एग्री जेनेटिक्स लिमिटेड, पीआई इंडस्ट्रीज को इसका फायदा मिलेगा।
2. टैक्स पेयर्स
सरकार ने इनकम टैक्स लिमिट को को पांच लाख रुपए कर दिया है। यानी 5 लाख रुपये तक की आय वाले इनकम टैक्स पेयर्स को फुल टैक्स रिबेट मिलेगी। जबकि 650,000 रुपये तक की आय वाले अगर पूरी टैक्स छूट चाहते हैं तो वह भविष्य निधि और निर्धारित इक्विटी में निवेश कर सकते हैं। पीयूष गोयल ने कहा कि इससे 30 मिलियन मध्यम वर्ग के करदाताओं को लाभ मिलेगा। इससे ज्यादा कमाई करने वाले पर मौजूदा दरों पर ही टैक्स लगाया जाएगा।
3. ग्रामीण भारत बनेगा डिजिटल
अगले पांच सालों में एक लाख गांवों को डिजिटल बनाने का बजट में ऐलान किया गया है। पशुपालन-मत्स्य पालन क्षेत्रों पर खर्च में वृद्धि और छोटे-मध्यम आकार के व्यवसायों के लिए इंटरेस्ट सबवेंशन प्लान ग्रामीण भारत के संपर्क में आने वाली कंपनियों को लाभान्वित कर सकती है। इनमें मोटरसाइकल कंपनियां, महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड और लार्सन एंड टुब्रो लिमिटेड जैसी कंपनियां शामिल हैं।
4. वर्कर्स
बजट में दूसरी बड़ी घोषणा 15,000 रुपये से कम आय वाले भारत के इन्फॉर्मल सेक्टर के वर्कर्स के लिए मेगा पेंशन योजना है। देश के अधिकांश वर्कर छोटे उद्यमों में काम करते हैं, उन्हें यहां पर जॉब सिक्योरिटी और सामाजिक सुरक्षा लाभ नहीं मिलता है। इसी की देखते हुए मोदी सरकार ने ये बड़ी घोषणा की है।
5. रक्षा बजट में बढ़ोतरी
इस बार रक्षा बजट में बढ़ोतरी की गई है. ऐसा पहली बार हुआ है कि बजट 3 लाख करोड़ के पार गया है. साल 2018-19 की तुलना में इस बार का बजट 3,05,296 करोड़ रुपए दिए जाएंगे. 2018-19 के रक्षा बजट 2,82,733 करोड़ था।
6. रियल एस्टेट
सरकार ने रियल एस्टेट सेक्टर को बूस्ट करने के लिए भी बजट में कई घोषनाएं की है। गोयल ने भारत में हर व्यक्ति के लिए एक घर का वादा किया, जो कि 1.3 बिलियन लोगों का देश है। अब तक आपके पास यदि पहले से कोई घर है और आप दूसरा घर बेचते हैं तो आपको कैपिटल गेन टैक्स देना होता था, लेकिन नए बजट में प्रस्ताव किया गया है कि आप दूसरा घर बेचने के बावजूद आपको कैपिटल गेन टैक्स नहीं देना होगा। यानी कि आपके पास दो प्रॉपर्टी है, तब भी आप कैपिटल गेन टैक्स में छूट ले सकते हैं।
7. ऑटो मेकर्स
वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, भारत इलेक्ट्रिक वाहनों के साथ दुनिया में ऊर्जा क्रांति का नेतृत्व करेगा। 2030 तक फोकस किए जाने वाले 10 आयाम हैं और तीसरा आयाम स्वच्छ ऊर्जा और इलेक्ट्रिक वाहन हैं। यह भारत इलेक्ट्रिक वाहनों पर ड्राइव करेगा। हमें तेल का आयात नहीं करना होगा और अपने घरेलू स्तर पर इलेक्ट्रिसिटी का उत्पादन करना होगा। इस सेक्टर से जुड़ी घोषनाओं के बाद SP BSE ऑटो इंडेक्स में 5.3 परसेंट का बड़ा उछाल देखने को मिला। मई 2014 के बाद यह सबसे बड़ा उछाल है।
लूजर्स
1. बॉन्ड धारक
मोदी सरकार के इस बजट को क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज ने नकारात्मक बताया है। सरकार का वित्तीय कोष घाटा 3.4 फीसद तक जाने का अनुमान है। मूडीज ने कहा है कि सरकार के बजट में राजस्व बढ़ाने के लिए कोई नई नीतियां शामिल नहीं हैं। मूडीज जैसी संस्था अगर क्रेडिट रेटिंग घटाती है तो इससे बॉन्ड धारकों को नुकसान हो सकता है।
2. विपक्षी दल
मोदी सरकार ने लोकसभा चुनाव से पहले लोकलुभावन बजट पेश किया है। इसमें किसान, मध्यम वर्ग समेत सभी वर्गों के लिए कुछ न कुछ घोषणा की गई है। ऐसे में ये बजट विपक्षों दलों के लिए मुश्किलें खड़ा कर सकता है।
3. फार्म लेबर
ग्रामीण मजदूर जो खेतों पर काम करते हैं, लेकिन किसी भूमि के मालिक नहीं हैं उन्हें किसानों के लिए सरकार की घोषणा का फायदा नहीं मिलेगा।
Created On :   1 Feb 2019 8:34 PM IST