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दैनिक भास्कर हिंदी: मिशन शक्ति से अंतरिक्ष में बढ़ा मलबा, ISS के लिए भी खतरनाक: नासा

हाईलाइट
- भारत के मिशन शक्ति को नासा ने भयानक प्रयोग बताया।
- मिशन शक्ति से अंतरिक्ष में 400 मलबे के टुकड़े बढ़े।
- इंटरनैशनल स्पेस स्टेशन में मौजूद अंतरिक्ष यात्रियों को भी खतरा।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। एंटी सैटेलाइट मिसाइल परीक्षण कर भारत अंतरिक्ष में अमेरिका, चीन और रूस के बाद चौथी महाशक्ति तो बन गया है, लेकिन अमेरिकी रक्षा संस्थान नासा ने भारत के इस मिशन को भयानक बताया है। नासा ने चिंता जाहिर करते हुए कहा, भारत के एंटी सैटेलाइट मिसाइल परीक्षण की वजह से अंतरिक्ष में मलबों के करीब 400 टुकड़े बढ़ गए हैं, इससे अंतर्राष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) के लिए जाने वाले एस्ट्रोनॉट्स को दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है।
मिशन शक्ति भयानक प्रयोग- नासा
अमेरिका के सरकारी रक्षा संस्थान नासा ने भारत के मिशन को बेहद 'भयानक' बताते हुए कहा, इसकी वजह से अंतरिक्ष की कक्षा में करीब 400 मलबे के टुकड़े फैल गए हैं। इससे आने वाले दिनों में इंटरनैशनल स्पेस स्टेशन में मौजूद अंतरिक्ष यात्रियों के लिए नया खतरा पैदा हो गया है। नासा के कर्मचारियों को संबोधित करते हुए नासा प्रमुख जिम ब्रिडेनस्टाइन ने ये बातें कही। उन्होंने भारत द्वारा किए गए टेस्ट का जिक्र किया।
तीन मिनट में पूरा हुआ था ऑपरेशन
आपको बता दें कि, भारत ने पृथ्वी की निचली कक्षा में 300 किलोमीटर की रेंज पर मौजूद एक सैटेलाइट को मार गिराया था। इसकी जानकारी खुद पीएम नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए दी थी। पीएम ने बताया था, ऐसा करके भारत ने स्पेस पॉवर के तौर पर खुद को स्थापित किया है। भारत का यह ऐंटी-सैटेलाइट मिसाइल पूरी तरह से स्वदेशी है। पीएम ने कहा था, हमारे वैज्ञानिकों ने लो अर्थ ऑर्बिट में लाइव सैटेलाइट को मार गिराया है। भारत ने यह ऑपरेशन मात्र तीन मिनट में पूरा किया।
नासा प्रमुख ने जताई चिंता
नासा प्रमुख जिम ब्रिडेनस्टाइन ने अपने संबोधन में भारत के मिशन शक्ति ऑपरेशन का जिक्र करते हुए कहा, यह टेस्ट बेहद भयानक है। इसकी वजह से मलबा अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन से भी ऊपर जा रहा है। इस तरह के कदम से भविष्य में मानव को अंतरिक्ष में भेजना मुश्किल हो जाएगा। नासा के मुताबिक, अंतरिक्ष में मलबों के सभी टुकड़े इतने बड़े नहीं हैं जिन्हें ट्रैक किया जा सके। उन्होंने कहा, हमारी उस पर नजर है। बड़े टुकड़े ट्रैक हो रहे हैं। हम लोग 10 सेंटीमीटर (6 इंच) से बड़े टुकड़ों की बात कर रहे हैं। ऐसे अब तक 60 टुकड़े मिले हैं। उन्होंने कहा, यह टेस्ट ISS समेत कक्षा में मौजूद बाकी सभी सैटलाइट से नीचे किया गया था, लेकिन अब इसके करीब 24 टुकड़े इंटरनैशनल स्पेस स्टेशन के ऊपर चले गए हैं।
'भारत के टेस्ट से मलबा अंतर्राष्ट्रीय स्पेस स्टेशन से ऊपर जा रहा'
नासा चीफ ने कहा, ऐसा काम किया गया जिससे मलबा अंतर्राष्ट्रीय स्पेस स्टेशन से भी ऊपर जा रहा है। ऐसी गतिविधियों की वजह से भविष्य में मानव को अंतरिक्ष में भेजना मुश्किल हो जाएगा। उन्होंने ये भी बताया कि, यूएस मिलिट्री फिलहाल ऐसे 23 हजार ऑब्जेक्ट पर नजर रखे हुए है जिनका साइज 10 सेंटीमीटर से ज्यादा है। इसमें 10 हजार टुकड़े अंतरिक्ष मलबे के भी हैं। इनमें से तीन हजार सिर्फ चीन द्वारा 2007 में किए गए ऐसे ही प्रयोग की वजह से फैले थे। अब भारत द्वारा टेस्ट करने के बाद मलबे का स्पेस स्टेशन से टकराने के चांस 44 प्रतिशत बढ़ गए हैं।
आईसेक्ट ग्रुप भोपाल: आईसेक्ट द्वारा ग्लोबल पर्सनल डेवलपमेंट विषय पर विशेष ट्रेनिंग सेशन आयोजित
डिजिटल डेस्क, भोपाल। आईसेक्ट के एचआर एवं लर्निंग एंड डेवलपमेंट डिपार्टमेंट द्वारा एम्पलॉइज के लिए ग्लोबल पर्सनल डेवलपमेंट पर एक विशेष ट्रेनिंग सेशन का आयोजन किया गया। इसमें यूनाइटेड किंगडम के कॉर्पोरेट इंटरनेशनल ट्रेनर जुबेर अली द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया गया। जिसमें उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों को अपने अनुभवों, डेमोंस्ट्रेशन, वीडियो, स्लाइड शो के माध्यम से नई स्किल्स को प्राप्त करने और अपनी पर्सनेलिटी को बेहतर बनाने के तरीके बताए। साथ ही उन्होंने पर्सनेलिटी डेवलपमेंट और अपस्किलिंग के महत्व पर बात की और बताया कि करियर ग्रोथ के लिए यह कितना आवश्यक है। इस दौरान उन्होंने सफलता के लिए नौ सक्सेस मंत्र भी दिए। इस दौरान कार्यक्रम में एचआर कंसल्टेंट डी.सी मसूरकर और अल नूर ट्रस्ट के सदस्य उपस्थित रहे।
इस पहल पर बात करते हुए आईसेक्ट के निदेशक सिद्धार्थ चतुर्वेदी ने कहा कि आईसेक्ट कौशल विकास के महत्व को समझता है इसी कारण अपने एम्पलॉइज की अपस्किलिंग के लिए लगातार विभिन्न प्रशिक्षण सेशन का आयोजन करता है। इसी कड़ी में ग्लोबल पर्सनेल डेवलपमेंट पर यह ट्रेनिंग सेशन भी एक कदम है।
स्कोप कैम्पस: खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 की मशाल रैली भीमबेटका, ओबेदुल्लागंज, मंडीदीप, भोजपुर होते हुए पहुंची रबीन्द्रनाथ नाथ टैगोर विश्वविद्यालय और स्कोप कैम्पस
डिजिटल डेस्क, भोपाल। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय और खेल एवं युवा कल्याण विभाग रायसेन के संयुक्त तत्वावधान में खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 की मशाल रैली आयोजित की गई। यह यात्रा होशंगाबाद से पर्वतारोही भगवान सिंह भीमबेटका लेकर पहुंचे। फिर भीमबेटका से रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय ने मशाल लेकर ओबेदुल्लागंज की ओर प्रस्थान किया। ओबेदुल्लागंज में रैली का स्वागत किया गया। साथ ही ओबेदुल्लागंज में मशाल यात्रा को विभिन्न स्थानों पर घुमाया गया। तत्पश्चात यात्रा ने मंडीदीप की ओर प्रस्थान किया। मंडीदीप में यात्रा का स्वागत माननीय श्री सुरेंद्र पटवा जी, भोजपुर विधायक ने किया। अपने वक्तव्य में उन्होंने खेलों को बढ़ावा देने के लिए मप्र सरकार द्वारा की जा रही पहलों की जानकारी दी और युवाओं को खेलों को जीवन में अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। इसके अलावा खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 में खिलाड़ियों को जीत के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने खेलों इंडिया यूथ गेम्स के आयोजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रयासों को रेखांकित किया।
साथ ही कार्यक्रम में रायसेन के डिस्ट्रिक्ट स्पोर्ट्स ऑफिसर श्री जलज चतुर्वेदी ने मंच से संबोधित करते हुए कहा कि खेलों को बढ़ावा देने के लिए सरकार की विभिन्न गतिविधियों पर प्रकाश डाला और खेलों इंडिया यूथ गेम्स के खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दीं। यहां से धावकों ने मशाल को संभाला और दौड़ते हुए भोजपुर मंदिर तक पहुंचे। मंदिर से फिर यात्रा रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय तक पहुंचती और यहां यात्रा का डीन एकेडमिक डॉ. संजीव गुप्ता द्वारा और उपकुलसचिव श्री समीर चौधरी, उपकुलसचिव अनिल तिवारी, उपकुलसचिव ऋत्विक चौबे और स्पोर्ट्स ऑफिसर सतीश अहिरवार द्वारा भव्य स्वागत किया जाता है। मशाल का विश्वविद्यालय में भी भ्रमण कराया गया। यहां से यात्रा स्कोप कैम्पस की ओर प्रस्थान करती है। स्कोप कैम्पस में स्कोप इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. डी.एस. राघव और सेक्ट कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. सत्येंद्र खरे ने स्वागत किया और संबोधित किया। यहां से मशाल को खेल एवं युवा कल्याण विभाग के उपसंचालक जोश चाको को सौंपा गया।
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